विश्व की समाचार कथा

चेन्नई में ब्रिटेन के “ग्रेट डिबेट” का आयोजन

चेन्नई के ब्रिटिश उप-उच्चायोग ने 10 अक्टूबर, 2014 को चेन्नई में आयोजित ग्रेट डिबेट 2014 के चेन्नई हीट की मेजबानी की।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
GREAT Debate

ब्रिटिश काउंसिल, चेन्नई के सहयोग से ब्रिटिश उप उच्चायोग ने ग्रेट डिबेट 2014 भारत के चेन्नई समालोचना सत्र की मेजबानी की, जिसमें वाद-विवाद कौशल को प्रोत्साहन, तथा छात्र समुदाय के बीच सूचित विषय पर परिचर्चा का एक अवसर प्रदान किया गया।

इस वर्ष के प्रारंभ में आयोजित बेहद सफल प्राथमिक ग्रेट डिबेट स्पर्धा से प्रेरित होकर; दिल्ली, कोलकाता तथा चंडीगढ़ के विश्वविद्यालयों के सहयोग से, ब्रिटिश उच्चायोग नेटवर्क ने इस बार इस आयोजन को और भी विशाल स्तर पर तथा बेहतर तरीके से आयोजित करने का निर्णय लिया।

आज के वाद-विवाद के विषय इन मुद्दों पर केंद्रित थे:

  • शिक्षा जगत (एकैडेमिया) और उद्योग
  • शिक्षा तथा पत्रकारिता

तमिलनाडु तथा पांडिचेरी से 24 कॉलेजों ने इसमें भाग लिया, ताकि वे नवंबर, 2014 में आयोजित होने वाली ग्रेट डिबेट स्पर्धा के अंतिम दौर (ग्रांड फिनाले) में अपनी जगह सुनिश्चित कर सकें। इसी प्रकार का एक हीट सत्र त्रिवेंद्रम में 21 अक्टूबर 2014 को आयोजित किया जाएगा।

इस वाद-विवाद सत्र के निर्णायकगण थे:

  • के. सरस्वती, मुख्य सचिव, मद्रास वाणिज्य तथा उद्योग मंडल
  • डॉ. ग्लैडस्टोन जेवियर, प्रमुख, सामाजिक कार्य विभाग, लोयला कॉलेज, चेन्नई
  • कुमार, वरिष्ठ प्रशिक्षक तथा परामर्शी

निम्नलिखित संस्थानों ने इस वाद-विवाद स्पर्धा में भाग लिया:

  1. वूमंस क्रिश्चियन कॉलेज
  2. सत्यबामा विश्वविद्यालय
  3. राजीव गांधी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग तथा टेक्नोलॉजी
  4. बी एस अबधू रहमान विश्वविद्यालय
  5. सवीथा इंजीनियरिंग कॉलेज
  6. पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी
  7. एसआरएम विश्वविद्यालय
  8. श्री रामचंद्र विश्वविद्यालय
  9. भारत विश्वविद्यालय
  10. एमओपी वैष्णव कॉलेज
  11. राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान, श्रीपेरंबुदूर
  12. लेडी डोक कॉलेज, मदुरई
  13. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची
  14. अमृता स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, कोयंबटूर
  15. डॉ. एमजीआर शिक्षा तथा शोध संस्थान
  16. मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज
  17. डॉ. एनजीपी प्रौद्योगिकी संस्थान
  18. कारुण्या विश्वविद्यालय
  19. डॉ. एनजीपी कला तथा विज्ञान कॉलेज
  20. कुमारगुरु प्रौद्योगिकी कॉलेज, कोयंबटूर
  21. आईआईटी, मद्रास
  22. बिशप हेबर कॉलेज, त्रिची
  23. एएमईटी विश्वविद्यालय
  24. स्टेला मारिस कॉलेज

मेइ- क्वेइ बार्कर, निदेशक, ब्रिटिश काउंसिल दक्षिण भारत, ने इस मौके पर कहा:

ब्रिटिश काउंसिल में इस वाद-विवाद का आयोजन हमारा सौभाग्य है, जिससे हमें ब्रिटेन तथा भारत के जीवंत तथा यथार्थपरक वाद-विवाद की साझा परंपरा के आस्वादन तथा हमारे बीच घनिष्ठ शैक्षणिक संपर्कों का अवसर प्राप्त हुआ। यह उस जीवंत तथा सूचनात्मक वाद-विवाद का प्रमाण है, जिसके हम अभी-अभी प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं। इससे हमें तमिलनाडु तथा पांडिचेरी भर के कॉलेजों/ विश्वविद्यालयों के साथ हमारे संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करने का अवसर भी मिला है, जिनका आपने प्रतिनिधित्व किया है।

अंतिम वाद-विवाद का विषय था, ‘क्या अकादमिक प्रगतियों तथा पेशागत संभावनाओं के बीच एक खाई है?’

मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से अपर्णा गोपन एस तथा निखिल थॉमस को वाद-विवाद का विजेता घोषित किया गया। सत्याबामा विश्वविद्यालय से जीशान अहमद शाकिर तथा शेखर पाठक उपविजेता रहे।

इस क्षेत्रीय समालोचना सत्र की विजेता टीम नवंबर 2014 में नई दिल्ली में आयोजित ग्रांड फिनाले में भाग लेगी। राष्ट्रीय फाइनल की विजेता टीम को ब्रिटेन के एक सप्ताह के प्रायोजित भ्रमण का अवसर मिलेगा, जिसमें ऐतिहासिक स्थानों, अकादमिक संस्थानों तथा सांस्कृतिक आयोजनों के भ्रमण के साथ ही ब्रिटेन के छात्रों से मुलाकात के अवसर भी होंगे।

भारत भर में आयोजित इस ग्रेट डिबेट के आयोजन में ब्रिटिश उच्चायोग का सहयोग करने वाली संस्थाएं हैं: ब्रिटिश काउंसिल, शेवनिंग स्कॉलरशिप कार्यक्रम, तथा वर्जिन अटलांटिक।

संपादकों के लिए नोट्स:

  • ग्रेट डिबेट के बारे में

ग्रेट डिबेट, ब्रिटेन तथा भारत की जीवंत परिचर्चा तथा वाद-विवाद की सम्मिलित संस्कृति के आस्वादन का एक अनूठा अवसर है। ब्रिटिश उप उच्चायोग तथा ब्रिटिश काउंसिल संयुक्त रूप से ग्रेट डिबेट का आयोजन कर रहे हैं। इस डिबेट के प्रतिभागी 31.12.2014 को 23 वर्ष से कम आयु के छात्र हैं।

अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें: ग्रेट डिबेट, ब्रिटिश काउंसिल, शेवनिंग स्कॉलरशिप, वर्जिन अटलांटिक

  • ब्रिटिश काउंसिल के बारे में

ब्रिटिश काउंसिल ब्रिटेन तथा अन्य देशों के लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अवसर पैदा करते हैं, तथा विश्वस्तर पर उनके बीच विश्वास का निर्माण करते हैं। हम एक रॉयल चार्टर चैरिटी हैं, जिसे शैक्षणिक अवसरों तथा सांस्कृतिक संबंधों के लिए ब्रिटेन के एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में स्थापित किया गया है। 100 से अधिक देशों में स्थित हमारे 7,000 से ज्यादा कर्मचारी हजारों पेशेवरों तथा नीति-निर्माताओं और लाखों युवाओं के साथ मिलकर हर वर्ष इंग्लिश, कला, शिक्षा तथा सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से काम करते हैं।

ब्रिटिश काउंसिल को भारत भर में इसके 9 पुस्तकालयों तथा सांस्कृतिक केंद्रों के नेटवर्क लिए जाना जाता है। हम भारत भर के दर्शकों-श्रोताओं तथा 100,000 से ज्यादा सदस्यों के लिए कला, शिक्षा, परीक्षा, अंग्रेजी भाषा तथा समाज पर विशेषीकृत परियोजनाओं की श्रृंखला उपलब्ध कराते हैं। हम छात्रों तथा शिक्षकों दोनों के लिए अंग्रेजी भाषा शिक्षण तथा प्रशिक्षण भी मुहैया कराते हैं, ब्रिटिश उपाधियां भारत में उपलब्ध कराते हैं, तथा ब्रिटेन में पढ़ाई करने के अवसर प्रदान करते हैं। हम प्रतिष्ठित छात्रवृत्तियां तथा प्रशिक्षण पुरस्कार भी उपलब्ध कराते हैं, जिनमें जुबली छात्रवृत्ति, कॉमनवेल्थ छात्रवृत्ति तथा फैलोशिप योजना तथा कार्ल्स वालेस इंडिया ट्रस्ट अवार्ड भी शामिल हैं। चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद तथा कोलकाता में स्थित हमारे अंग्रेजी भाषा शिक्षण केंद्र, सामान्य तथा व्यावसायिक अंग्रेजी कक्षाओं, विशेषीकृत दक्षता आधारित कार्यक्रम तथा युवा प्रशिक्षु पाठ्यक्रमों की एक श्रेणी उपलब्ध कराते हैं।

हम संपूर्ण भारत के शहरों में स्थित अपने भारतीय सहयोगियों की एक विस्तृत श्रेणी के साथ मिलकर ब्रिटिश तथा भारतीय विशेषज्ञों को आपस में मिलने, सहयोग करने तथा परस्पर लाभकारी संबधों के पोषण के लिए काम करते हैं। हमारी वित्तीय सहायता का एक तिहाई हिस्सा ब्रिटिश सरकार के अनुदानों से प्राप्त होता है तथा शेष व्यय का इंतजाम हम उन सेवाओं से, जिनके लिए ग्राहक भुगतान करते हैं, शैक्षणिक तथा विकासात्मक निविदाएं, जिनके लिए हम निविदाएं लेते हैं, और साझेदारियों से करते हैं।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: ब्रिटिश काउंसिल। आप ब्रिटिश काउंसिल के साथ twitter तथा blog के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं।

मीडिया सूचनाओं के लिए मार्केटिंग तथा कम्यूनिकेशंस (दक्षिण भारत) के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश्वरी प्रदीप कुमार से संपर्क करें।

प्रकाशित 10 October 2014