विश्व की समाचार कथा

सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार के लिए ब्रिटेन और भारत के नियंत्रकों (रेग्युलेटर्स) के बीच समझौता

भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक अंग के रूप में केन्द्रीय औषधि मानक नियामक संगठन (सीडीएससीओ) के साथ एमओयू पर यह पहला समझौता है।

MHRA MoU signing

ब्रिटेन के मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने अपने भारतीय समकक्ष अधिकारी के साथ आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। सार्वजनिक सुरक्षा में और अधिक सुधार के उद्देश्य से औषधि एवं चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच इस समझौते से सहयोग में विस्तार होगा।

भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक अंग के रूप में केन्द्रीय औषधि मानक नियामक संगठन (सीडीएससीओ) के साथ एमओयू पर यह पहला समझौता है। इस पर भारत के औषधि महानियंत्रक डॉ ज्ञानेन्द्र नाथ सिंह तथा एमएचआरए के अध्यक्ष प्रो. सर माइकल रॉलिंस ने हस्ताक्षर किए। इससे ब्रिटिश तथा भारतीय सरकारों के बीच संबंधों को मजबूती मिली।

इस समझौते के मुख्य सहमति बिन्दु के तहत एक दूसरे के नियामक ढांचे, आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना है। इसके जो महत्वपूर्ण परिणाम होंगे उनमें शामिल हैं आपसी लाभ के तकनीकी सहयोग हेतु सूचनाओं और अवसरों का आदान-प्रदान जिससे नियंत्रकों को अपने नागरिकों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए बेहतर साधनों से लैस होने में मदद मिलेगी।

एमएचआरए के अध्यक्ष प्रो सर माइकल रॉलिंस ने कहा:

ब्रिटेन की जनता की स्वास्थ्य रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं, इसीलिए भारत जैसे महत्वपूर्ण साझेदारों के साथ हम सहयोगात्मक प्रयासों को कार्यरूप दे रहे हैं।

आज हम वैश्विक परिवेश में काम करते हैं इस तरह के समझौते हमारे अच्छे कार्य व्यवहार को प्रोत्साहित करने की क्षमता को सबल करते हैं.

भारत के औषधि महानियंत्रक डॉ ज्ञानेन्द्र नाथ सिंह ने कहा:

एमएचआरए तथा सीडीएससीओ के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से एक नई आधार भूमि का सृजन होगा जहां रोगियों को अत्यधिक महत्व प्रदान किया जाएगा। गुणवत्तायुक्त औषधि, किफायत और पारदर्शिता दोनों देशों के लोगों को औषधि उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण साधन होंगे।

2014 में एमएचआरए ने ब्रिटेन तथा 125 गैर-ईयू देशों में 550 परीक्षण किए, जिनमें से 49 भारत में किए गए। भारतीय ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन ने बताया कि भारतीय फार्मा सेक्टर वैश्विक फार्मा उद्योग का 2.4% है और परिमाण के लिहाज से यह विश्व में तीसरा सबसे बड़ा है।

भारत से ब्रिटेन में आयात होने वाली दवाओं के प्रत्येक बैच के आयात के दौरान जांच की जाती है कि वे सुरक्षित, अच्छी गुणवत्ता वाले और प्रभावशाली हों तथा यह महत्वपूर्ण है कि बेहतरीन विनिर्माण कार्यव्यवहार – वैश्विक रूप से निर्धारित नियामक ढांचा सुनिश्चित करने हेतु एमएचआरए के मूल्यांकनकर्ता भारतीय साइट्स का मुआयना करते हैं।

सर माइकल रॉलिंस ने कहा:

यह आवश्यक है कि अच्छे स्तर के विनिर्माण की प्रतिबद्धता प्रबंधन के उच्च स्तरों से चलकर कारखाने के जमीनी स्तर तक आती है, और संपूर्ण इंडस्ट्री में प्रसारित होती है।

भारतीय फर्मों ने इसे स्वीकार किया है और समझा है और यह एमओयू इस दिशा में एक संगठित प्रयास है ताकि ब्रिटेन तथा व्यापक रूप से दुनिया भर के लोगों को गुणवत्तायुक्त एवं सुरक्षित दवाएं उपलब्ध होती रहें।

एमओयू पर हस्ताक्षर नई दिल्ली में सीडीएससीओ के मुख्यालय में किया गया और इसके बाद अगले कदम पर चर्चा हेतु कई बैठकें आयोजित थीं।

यह समझौता एमएचआरए तथा चीन एवं अमेरिका के समकक्ष निकायों के बीच पहले से मौजूद समझौते से समान है, हालांकि यह अपने आप में एक विशिष्ट द्विपक्षीय दस्तावेज है।

आगे की जानकारी:

  1. मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ब्रिटेन में यह सुनिश्चित करते हुए सभी औषधियों और चिकित्सीय उपकरणों के विनियमन के लिए जिम्मेदार है कि वे कारगर हों और उन्हें सुरक्षित माना जाए। हमारा संपूर्ण कार्य सबल और तथ्य आधारित निर्णयों पर है ताकि ये किसी भी तरह से जोखिमपूर्ण होने की बजाए फायदेमंद हों। एमएचआरए मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी का केन्द्र है जिसमें एनआईबीएससी तथा सीपीआरडी भी शामिल हैं। मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी स्वास्थ्य विभाग का एक कार्यपालक अभिकरण है।

  2. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत भारत सरकार द्वारा सौंपे गए कार्यों को पूरा करने हेतु केन्द्रीय औषधि मानक नियामक संगठन (सीडीएससीओ) मुख्य प्राधिकार है। इसके नियंत्रण में छह क्षेत्रीय कार्यालय, चार उप-क्षेत्रीय कार्यालय, 13 पोर्ट कार्यालय और साथ प्रयोगशालाएं हैं।

  3. एमओयू पर हस्ताक्षर की तस्वीरें:

अधिक जानकारी के लिए एमएचआरए को ईमेल करें या निम्नलिखित पते पर संपर्क करें:

एमएचआरए, प्रेस कार्यालय
020 3080 7651
कार्य अवधि के बाद 07770 446 189

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प्रकाशित 5 October 2015