विश्व की समाचार कथा

अपतट पवन चक्की संयंत्रों की स्थापना पर ब्रिटेन भारत सहयोग: पवन ऊर्जा कार्यशाला

यह कार्यशाला दक्षिण भारत के अकादमिक विद्वानों, वैज्ञानिकों, सरकार और उद्योगों को लक्षित है।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
wind mills

भरत जोशी, ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त, चेन्नई के कहा,

मुझे इस बात की खुशी है कि ब्रिटेन के सामुद्रिक और ऊर्जा विशेषज्ञ इस सप्ताह चेन्नई में हैं। अपतट पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए तमिलनाडु को प्रकृति ने आदर्श तटीय परिस्थितियों से नवाजा है और भारत सरकार ने अपतट पवन ऊर्जा के लिए अपने पसंदीदा सहयोगी के रूप में ब्रिटेन को चुना है, जो दुनिया का सबसे बड़ा अपतट पवन ऊर्जा उत्पादक है। यह एक सटीक सहभागिता है। मुझे उम्मीद है कि इस सप्ताह की परिचर्चा शोध सहभागिता के उन विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने में सहायक होगी जिससे भारत में, खास कर तमिलनाडु के अपतट पवन ऊर्जा क्षेत्र को फायदा पहुंचेगा।

वृहस्पतिवार, 6 फरवरी को “ब्रिटेन-भारत अपतट पवन ऊर्जा शोध” नामक कार्यशाला के लिए ब्रिटेन के अग्रणी शोध विशेषज्ञ चेन्नई में होंगे। इसका आयोजन पवन ऊर्जा पर नेशनल सेंटर फॉर एक्सिलेंस, सेंटर फॉर विंड एनर्जी टेक्नोलॉजी (सी-वेट), चेन्नई में किया जाएगा।

दीर्घकालीन कार्यक्रम की यह नवीनतम कड़ी है। ‘भारत में अपतट पवन ऊर्जा विकास के लिए पारितंत्रों का सृजन’ विषय पर एक सहभागिता आधारित परियोजना को ब्रिटिश सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जा रही है। अपतट पवन ऊर्जा उत्पादन में ब्रिटेन के अनुभवों को जानने-समझने के लिए भारत के गैर-नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का एक मिशन 2013 के अक्टूबर महीने में ब्रिटेन गया था।

इस कार्यशाला में जिन भारतीय संस्थानों के विशेषज्ञ भाग लेंगे वे इस प्रकार हैं: * चेन्नई का राष्ट्रीय समुद्र तकनीक संस्थान (एनआईओटी) * आईआईटी मद्रास और
* सी-वेट

भाग लेने वाले ब्रिटिश विशेषज्ञ निम्नलिखित से संबंधित होंगे: * ऑफशोर रीन्युएबल एनर्जी (अपतट नवीकरणीय ऊर्जा) * इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंस (इंजीनियरिंग एवं कम्प्यूटिंग विज्ञान) * इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल एंड सिस्टम इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल एवं सिस्टम इंजीनियरिंग) * विंड पावर फोरकास्टिंग (पवन ऊर्जा पूर्वानुमान) * वेव मॉडलिंग (वेव मॉडलिंग), तथा * क्लाइमेट चेंज इम्पैक्ट्स (जलवायु परिवर्तन प्रभाव)।

आगे की जानकारी:

  • हरित प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में ब्रिटेन दुनिया की पहली हाइड्रोजन चालित मोटरबाइक से लेकर दुनिया की पहली व्यावसायिक ज्वार ऊर्जा प्रणाली सीजेन (SeaGen) जैसे महत्वपूर्ण उपक्रमों के विकास के लिए उत्तरदायी रहा है। ब्रिटेन में ही दुनिया का सबसे बड़ा पवनऊर्जा संयंत्र उत्तर सागर के थैनेट में स्थापित है। स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के क्षेत्र में ब्रिटेन एक वैश्विक शोध केन्द्र है जहां इम्पीरियल कॉलेज के एनर्जी फ्यूचर्स लैब और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया का लो कार्बन इनोवेशन सेंटर स्थित हैं।
  • ऑफशोर रिन्युएबल एनर्जी कैटापल्ट, यूके व्यवसाय योजना में शामिल हैं निम्नलिखित के विकास हेतु महत्वपूर्ण प्रयास:
    • उद्योग के विकास में मदद करना और अपतट पवन ऊर्जा से ऊर्जा उत्पादन की लागत कम करना तथा
    • यह दिखाना कि इसका विस्तार किस प्रकार समुद्री तरंग और ज्वारीय ऊर्जा स्रोतों तक किया जा सकता है।
  • टेक्नॉलॉजी स्ट्रेटजी बोर्ड (टीएसबी) अभिनव शोध करने वाली ब्रिटिश निकाय है जिसका लक्ष्य है व्यवसाय उन्मुख अभिनव शोधों को प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करना। इसका प्रायोजन डिपार्टमेंट फॉर बिजनस, इनोवेशन एंड स्किल्स (बीआईएस) द्वारा किया गया है। बाजार की जरूरतों की पूर्ति करने, प्रमुख सामाजिक चुनौतियों से निबटने और भविष्य की अर्थव्यवस्था के निर्माण हेतु अभिनव उत्पादों और सेवाओं के विकास को सहायता और प्रोत्साहन के लिए टीबीएस द्वारा व्यवसाय, शोध और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच समन्वयन किया जाता है।
  • कैटापल्ट वे उत्कृष्टता केन्द्र हैं जो व्यवसाय, अकादमिक संस्थाओं, शोध और सरकार के बीच की दूरी को पाटने का प्रयास करते हैं। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के ये नए ताकतवर कारक हैं जो व्यवसायों को ग्राह्य एवं स्फूर्तिदायक वातावरण में समीचीन तथा रोमांचक विचारों के विकास में मदद करते हैं। टेक्नॉलॉजी स्ट्रेटजी बोर्ड कैटपल्ट के कार्यों पर नजर रखेंगे। प्रथम हाई वैल्यू मैन्युफैक्चरिंग कैटापल्ट की शुरुआत 2011 में की गई। सेल थेरैपी, अपतट नवीकरणीय ऊर्जा और उपग्रह अनुप्रयोगों के कैटापल्ट डिजिटल इकोनॉमी, भविष्य के शहरों को जोड़ते हैं और साथ ही परिवहन तंत्रों की भी स्थापना की जा रही है।
  • सेंटर फॉर विंड एनर्जी टेक्नॉलॉजी (सी-वेट), चेन्नई की स्थापना नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा उत्कृष्टता के एक तकनीकी केन्द्र के रूप में की गई है। यह भारत सरकार का एक स्वायत्तशासी आर&डी (शोध और विकास संस्था) है। केन्द्र का उद्देश्य है टिकाऊ पवन ऊर्जा विकास पर शोध करना और मुख्य पारंपरिक संसाधनों और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और प्रसार को बढ़ावा देते हुए भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करना।
  • मीडिया पूछताछ के लिए कृपया संपर्क करें – अनिता मॉड्सले, प्रेस एवं सार्वनजिक मामलों की अधिकारी, ब्रिटिश उप-उच्चायोग, चेन्नई। मोबाइल: +91-96001-99956.
प्रकाशित 4 February 2014