विश्व की समाचार कथा

यूके भारत में स्मार्ट ग्रिड संबंधित नवोन्मेष प्रौद्योगिकी निर्यात करेगा

जलवायु परिवर्तन से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में यूके-भारत के सहयोग को मजबूती देने के लिए सर डेविड किंग भारत यात्रा कर रहे हैं।

16-19 मार्च के बीच नई दिल्ली में जारी इंडिया स्मार्ट ग्रिड सप्ताह में स्मार्ट ग्रिड के क्षेत्र में कार्यरत ब्रिटेन की प्रमुख कम्पनियां अपने नवोन्मेष प्रस्तुत करने जा रही हैं। छह कम्पनियां यूके के व्यापार एवं निवेश (यूकेटीआई) प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।

अपने दूसरे वर्ष में आइएसजीडब्ल्यू- विद्युत मंत्रालय द्वारा समर्थित एक पहल- भारत की प्रमुख विद्युतीय उपयोगिता वाली कम्पनियां, योजनाकारों, नियामकों, निवेशकों और वैश्विक स्मार्ट ग्रिड और स्मार्ट शहरों के विशेषज्ञों को एक साथ लाने का कार्य कर रहा है।

प्रदर्शनी में यूकेटीआई मचा (स्टॉल) का उद्घाटन करते हुए यूके के जलवायु परिवर्तन के विशेष प्रतिनिधि सर डेविड किंग ने कहा:

स्मार्ट ग्रिड सल्यूशन के क्षेत्र में यूके एक विश्व भर में अग्रणी है। वर्ष 2019 तक भारत के ‘सभी के लिए बिजली’ की महत्वकांक्षी योजना को समर्थन देने में पूर्ण रूप से सक्षम हैं। मैं भारतीय कम्पनियों को तकनीकी विशेषज्ञता एवं जानकारी प्रदान करने के लिए ब्रिटेन की श्रेष्ठतम कम्पनियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने पर उत्साहित हूं।

ऊर्जा क्षेत्र में यूके-भारत के संबंध पहले से काफी प्रबल और जीवंत हैं जिसमें ब्रिटेन सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। इसके अलावा यूके और भारत ऊर्जा सुरक्षा को लेकर सांझा लक्ष्य हैं और विश्वसनीय, सस्ती, दीर्घकालिक ऊर्जा को आर्थिक विकास की कुंजी मानते हैं। सर डेविड स्वच्छ ऊर्जा एवं अल्प कार्बन प्रौद्योगिकी में व्यावसायिक अवसरों पर चर्चा करने हेतु ब्रिटेन और भारत के उद्योगपतियों से भेंट करेंगे।

ब्रिटेन कम्पनियों के साथ ही यूके के विद्युतीय मूलभूत संसाधन उत्पादन एवं प्रणाली का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख व्यापार संघठन बीईएएमए भी इसमें शामिल हो रहा है।

यूके की विशेषज्ञता पर प्रकाश डालते हुए व्यापार संघठन बीईएएमए के उप सीईओ और विपणन निदेशक केली बटलर ने कहा:

यह स्पष्ट है कि यूके और भारत के समक्ष तंत्र सुदृढ़ीकरण, नवकरणीय उत्पादनों का संयोजन एवं ग्रिड पर बढ़ते घरेलू और व्यावसायिक मांगों के क्षेत्रों में एक समान चुनौतियां हैं। विघटनकारी प्रौद्योगिकियों और ऊर्जा प्रणाली में व्यापारिक तंत्र से निपटना चुनौतिपूर्ण है लेकिन वहीं यह तंत्र संचालकों को समूची प्रणाली की कुशलता को बढ़ाने हेतु नई प्रौद्योगिकी में निवेश के अवसर प्रदान करता है। यूके और भारत में किए गए परीक्षणों को देखते हुए यह सुनिश्चित है कि नई चुनौतियों से निपटने और बाजार के नए अवसर खोजने में इन दोनों का साथ काफी लंबा है।

आइएसजीडब्ल्यू में ब्रिटेन की स्मार्ट ग्रिड कम्पनियां भारतीय बाजार तक प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता और कुशलता का एक सही मिश्रण पेश करती हैं। आइएसजीडब्ल्यू में यूकेटीआइ इन कम्पनियों की भारतीय कम्पनियों, नियामकों एवं नीति निर्माताओं से बातचीत की सुविधा प्रदान करेगा।

आगे की जानकारी

सर डेविड किंग

सितम्बर 2013 में विदेश सचिव ने सर डेविड किंग को जलवायु परिवर्तन पर अपना नया स्थायी विशेष प्रतिनिधी चुना। सर डेविड इससे पहलाई वर्ष 2000 से वर्ष 2007 तक सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार थे। इस कार्यकाल के दय्रान उन्होंने जलवयु परिवर्तन पर सरकार को कार्य करने की आवश्यकता के प्रति जागरूकता फैलाई और ऊर्जा प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना में सहायक थे। वे ऑक्सफोर्ड में स्मिथ स्कूल ऑफ एंटरप्राइज एंड एंवारन्मेंट के संस्थापक निदेशक भी रहे; वर्ष 1993 से वर्ष 2000 तक वे केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में रसायनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष भी रहे और वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक केम्ब्रिज के डाउनिंग कॉलेज के अध्यक्ष भी रहे।

आएएसजीडब्ल्यू में भाग लेने वाली यूके की कम्पनियां इस प्रकार हैं:

  • क्यूमुलस एनर्जी स्टोरेज लिमिटेड
  • एसेंशिअल एनर्जी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
  • फ्लेक्सआई आइटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
  • ओपन एनर्जाई, प्रोइन्सो
  • रिकार्डो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
  • प्रोइन्सो (पीआरओआइएनएसओ)

आप मानेक्शा सेंटर पर यूकेटीआइ के स्टॉल, एल24 , एल35 पर इन कम्पनियों से भेंट कर सकते हैं और हमारे व्यापार सलाहकारों से भेंट निश्चित करने के लिए दिनेश आर्य या मीताली कश्यप को लिख सकते हैं।

भारतीय कम्पनियों को यूके आकर्षित क्यूं करता है

  • कम कर और कुशल जनबल की सुविधा युक्त ब्रिटेन आपके व्यापार को विकसित करने के लिए सबसे आसान स्थानों में से एक है।
  • 2014-15 में यूके ने रिकॉर्ड मात्रा में निवेश की योजनाएं हासिल की और यूरोप के निवेश स्थानों में सबसे शीर्ष पर रहा। 2014 में ब्रिटेन में नौकरियां उपलब्ध करने के क्षेत्र में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश रहा है, क्योंकि देश ने यहां से प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआइ) में 65% की बढ़ोतरी देखा है। (सूत्र: यूकेटीआइ)
  • 2014-2015 में 122 एफडीआइ योजनाओं में भारतीय निवेश के चलते 7,730 नई नौकरियों का उत्सर्जन हुआ और यूके में 1,620 नौकरियां बचाई गईं। (सूत्र: यूकेटीआइ)
  • यूके में भारतीय कम्पनियों में कार्यरत लोगों की कुल संख्या में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है: वर्ष 2014 में यह 1,00,000 थी जो अब बढ़कर 1, 10, 000 हो गई है। (ग्रांट थॉर्टन)
  • व्यापार स्थापित करने के मामले में जहां विश्व में औसतन 35 दिनों का समय लगता है वहीं यूके में 13 दिनों का समय लगता है।
  • विश्वभर में आसानी से व्यापार की सुविधा उपलब्ध कराने वाले देशों में यूके का छठा स्थान है। अक्तूबर 2015 के विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष दफ्तरशाही में सुधारों और कम्पनी कर लागू करने के बाद यूके व्यापार करने के लिए सबसे सुगम स्थान बन गया है।
  • जी20 में यूके सबसे न्यूनतम कम्पनी कर दर प्रदान करने वाला देश है। इससे यह यूरोप का प्रवेशद्वार बन गया है।

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प्रकाशित 16 March 2016