विश्व की समाचार कथा

एसटीईएमएम विषयों में लड़कियों और महिलाओं की अधिक भागीदारी मे समर्थन

इस कार्यशाला में शामिल हुए भारत, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख विशेषज्ञ।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
Women in STEMM trilateral workshop in New Delhi

Women in STEMM trilateral workshop in New Delhi

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, ऑस्ट्रेलिया के उच्चायोग और ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में महिलाओं के एसटीईएमएम विषयों में सहभागिता को बढ़ाने के लिए रणनीति पर चर्चा हुई। ये विषय हैं विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और औषधि)

कार्यशाला का उद्देश्य था लैंगिक समानता पर अंतर्राष्ट्रीय वार्ता आरंभ करना, जिससे तीन देशों में लैंगिक समानता के मुद्दे पर अंतर-राष्ट्रीय अध्ययन के समर्थन को सहायता दी जा सके। इस कार्यशाला में विश्विद्यालयों के वरिष्ठ नेताओं, चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों, सरकारी अनुसंधान एजेंसियां और उद्यमियों के बीच अंतर-विभागीय चर्चा की सुविधा प्रदान की गई। इस कार्यशाला में ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के प्रतिनिधियों को अपने भारतीय सहयोगियों के साथ उनके संबंधित लैंगिक समानता कार्यक्रमों पर आधारित अपने अनुभवों और अंतर्दृष्टि को बांटने का अवसर प्राप्त हुआ।

इस कार्यशाला का लक्ष्य यह भी था कि महिलाओं को एसटीईएमएम में शिक्षा, शोध और उद्योग में नियुक्त करने, बनाए रखने और प्रोत्साहित करने के लिए अपनाई गई रणनीतियों का प्रभाव मापने के लिए व्यावहारिक उपकरणों की पहचान की जाए।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त डॉमिनिक एस्क्विथ ने कहा:

ब्रिटिश उच्चायोग इस रोमांचक त्रिपक्षीय पहल में भाग को प्रायोजित कर और भाग लेकर काफी प्रसन्न है। एसटीईएमएम ज्ञान अर्थव्यवस्था की मात्र एक आधारशिला ही नहीं, बल्कि यह महिलाओं एक सशक्तिकरण और नेतृत्व के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है। यह कार्यशाला उन अनेक पहलों का केवल एक हिस्सा है जो उच्चायोग अधिक से अधिक लड़कियों और महिलओं को एसटीईएमएम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है और साथ ही नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की ओर प्रयास करता है। अन्य पहल में शामिल है-‘शी लीड्स’, ऐसा अभियान जिसका लक्ष्य अगली पीढ़ी की महिला नेताओं की ओर केंद्रित है और साथ ही महिलाओं और लड़कियों पर लक्षित डीएफआइडी कार्यक्रम।

इस कार्यशाला में शामिल होने वाले लोगों में थे भारत, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख विशेषज्ञ। ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व कर रही थी रॉयल सोसाइटी की कार्यकारी निदेशक डॉ. जूली मैक्सटन, ससेक्स विश्वविद्यालय की डॉ. बारबरा क्रूसोउआर्ड, ऑफ्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वरिष्ठ शोध सहयोगी डॉ. पावेल ओवसीको, नोट्टिंगम विश्विद्यालय के डॉ जून मैकॉम्बी, सौम्या पार्थसारथी, ओवी अरुप और सहयोगी और इक्वालिटी चैलेंज युनिट की डॉ. रुथ ई गिलिगन।

आगे की जानकारी

मीडिया के प्रश्नों के लिए कृपया संपर्क करें:

स्टुअर्ट एड्म, अध्यक्ष
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग, चाणक्यपुरी
नई दिल्ली 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

मेल करें: अंशुमन अत्रोले

हमें ट्विटर, फेसबुक, फ्लिकर, स्टोरिफाई, एवेंटब्राइट, ब्लॉग, फोरस्क्वायर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, वाईन, स्नैपचैट @UKinIndia, पेरिस्कोप @UKinIndia पर फॉलो करें।

Updates to this page

प्रकाशित 28 November 2016