विश्व की समाचार कथा

वन्यजीव के अवैध व्यापार के विरुद्ध लड़ाई में भारतीय परिवहन क्षेत्र शामिल

भारत के परिवहन क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने बकिंघम पैलेस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने हेतु वैश्विक अग्रणियों के साथ हाथ मिलाए हैं जिससे वन्यजीवन के अवैध व्यापार के आपराधिक कृत्य के विरुद्ध उनकी प्रतिबद्धता जाहिर होती है।

Indian transport sector joins fight to shut down illegal wildlife trafficking

1 अप्रैल 2016 को ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डॉमिनिक एसक्थ केसीएमजी के निवास स्थान पर आयोजित एक समारोह में भारत की तीन सबसे बड़ी शिपिंग और एयरलाइन कंपनियों ने बकिंघम पैलेस घोषणापत्र पर हिज रॉयल हाइनेस द ड्यूक ऑफ कैंब्रिज की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। मर्स्क ग्रुप, जो पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं, इस अवसर पर उपस्थित थे।

बकिंघम पैलेस घोषणापत्र हस्ताक्षर करने वाले पक्ष को ग्यारह शपथ दिलाता है जो परिवहन उद्योग के मानकों को ऊंचा उठाने वाले होते हैं जिससे अवैध व्यापार करने वाले प्राणियों के वध स्थल से लेकर उन्हें बेचने के बाजारों तक परिवहन कानून की कमजोरियों का फायदा नहीं उठा पाते। इन शपथ या प्रतिबद्धताओं में प्रमुख रूप से शामिल हैं दुनिया भर की कंपनियों और संगठनों में सूचना का साझाकरण, कर्मचारी प्रशिक्षण, तकनीकी सुधार और संसाधन साझाकरण।

बकिंघम पैलेस घोषणापत्र को वन्यजीव उत्पादों के अवैध परिवहन को रोकने हेतु युनाइटेड फॉर वाइल्डलाइफ इंटरनेशनल टास्कफोर्स द्वारा विकसित किया गया है। बकिंघम पैलेस में 15 मार्च को आयोजित एक समारोह में इसे विमोचन हुआ और डयूक ऑफ कैंब्रिज ने ‘द गेम चेंजर इन द रेस अगेंस्ट एक्सटिंक्शन’ कहकर इसकी तारीफ की जिसे अब दुनिया भर से सहायता प्राप्त हो रही है। इसके 40 से अधिक सीईओ एवं अध्यक्ष हैं तथा दुनिया भर के एयरलाइनों, शिपिंग फर्मों, पोर्ट ऑपरेटर्स, कस्टम एजेंसियों, अंतरसरकारी सगठनों और संरक्षण चैरिटीज ने इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डॉमिनिक एसक्विथ केसीएमजी ने कहा:

वन्यजीवन का अवैध व्यापार एक गंभीर संगठित अपराध है जो कानून के शासन की धज्जियां उड़ाता है, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है और दुनिया के कुछ निर्धनतम देशों के बहुमूल्य संवेदनशील संसाधनों की चोरी करता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान पिछले नवंबर में ब्रिटेन और भारत अवैध वन्यजीव व्यापार से निबटने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए। हमें बकिंघम पैलेस घोषणापत्र के नए हस्ताक्षरी के रूप में एयर इंडिया, जेट एयरवेज और अपीजे शिपिंग का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है और इस वैश्विक अपराध से निबटने में सहयोग के लिए हम उनके और मर्स्क ग्रुप के शुक्रगुजार हैं।

एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने कहा:

एक राष्ट्रीय परिवहन कंपनी के रूप में एयर इंडिया भारत से एयर इंडिया के विमानों के जरिए वन्यजीवन का अवैध व्यापार न हो इसके लिए शून्य सहनशीलता की नीति अपनाता है। सभी कार्गो कंसाइनमेंट/यात्री सामानों आदि की जांच एंट्री लेवल पर की जाती है तथा फ्रंट लाइन स्टाफ ऐसे अवैध परिवहन को प्रथम संपर्क बिन्दु पर ही रोकने के प्रति पूरी तरह चौकस होते हैं।

अपीजे शिपिंग के अध्यक्ष करण पॉल ने कहा:

वन्य जीवन का अवैध व्यापार प्रजातियों के लिए एक प्रत्यक्ष खतरा है और यह हमारे जैवमंडल के स्थायित्व और विविधता के विरुद्ध है। प्रमुख समुद्री परिवहन कंपनी के रूप में अपीजे शिपिंग अपने बेड़े और अपने लोगों को इस बात के लिए चौकस रखता है कि हमारे सूचना नेटवर्क का वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल कर वन्यजीवों, वन्य जीवों के अंगों और संबंधित उत्पादों के अवैध व्यापार के आपूर्ति तंत्र को नष्ट करने में सहायता की जाए। हमारी चाय बागान कंपनी अपीजे टी और टाइफू टी द्वारा असम में मानव और हाथियों के बीच संघर्ष को कम करने की दिशा में काम किए जा रहे हैं और ये वन्य जीवन तथा उनके अधिवास की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। बकिंघम पैलेस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर कर हमें बेहद खुशी हो रही है और हमें उम्मीद है कि इस अंतर्राष्ट्रीय समझौते का एक अनुमापनीय एवं सार्थक प्रभाव होगा।

जेट एयरवेज के अध्यक्ष नरेश गोयल ने कहा:

जेट एयरवेज हमेशा से उड्डयन उद्योग में श्रेष्ठ कार्यव्यवहार अपनाने की दिशा में अग्रणी रहा है। एक जिम्मेदार कॉरपोरेट नागरिक होने के नाते हम वन्यजीव संरक्षण के वैश्विक सरोकारों से परिचित हैं और हम वन्यजीवन के अवैध व्यापार के अभिशाप के विरुद्ध सक्रिय कदम उठा रहे हैं। बकिंघम पैलेस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर कर जेट एयरवेज वैश्विक प्रयास का साझीदार बनने की अपनी प्रतिबद्धता दर्शाता है और वन्यजीवन के अवैध व्यापार के उन्मूलन की दिशा में अपना योगदान देता है। यह सहयोग-पूर्ण कार्य हमारे संवेदनशील और संकटग्रस्त वन्यजीव पारिस्थितिकी के संरक्षण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक लंबी दूरी तय करेगा।

मर्स्क लाइन इंडिया और श्रीलंका के प्रबंध निदेशक फ्रैंक डेडेनिस ने कहा:

भारत में इस विषय पर जगरुकता जगाने के लिए हम हिज हाइनेस ड्यूक के प्रयास का स्वागत करते हैं। मर्स्क लाइन वन्यजीवन का अवैध व्यापार के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाता है। बकिंघम पैलेस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर कर हम भारत सहित हम अपने सभी परिचान क्षेत्रों में प्राणियों के वध स्थल से लेकर उनके बिक्री क्षेत्र तक वन्यजीवन के अवैध व्यापार के मार्ग को बंद करने हेतु वास्तविक प्रयास करने को प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा:

यह सम्मिलित प्रयास भारत में और इसके आस-पास अवैध गतिविधियों के उच्च जोखिम वाले मार्गों और बंदरगाहों पर महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी पाने तथा संदिग्ध अवैध वन्यजीव की संभावित शिपमेंट की पहचान हेतु डेटा और कार्गो पर नजर रखने की हमारी क्षमता को मजबूत करता है।

आगे की जानकारी

युनाइटेड फॉर वाइल्डलाइफ: युनाइटेड फॉर वाइल्डलाइफ दुनिया के सात सर्वाधिक प्रभावी संरक्षण संगठनों तथा ‘द रॉयल फाउण्डेशन ऑफ द ड्यूक एंड डचेज़ ऑफ कैंब्रिज एंड प्रिंस हैरी’ के बीच निर्मित एक गठबंधन है। कंजर्वेशन इंटरनेशनल (सीआई), फॉना एंड फ्लोरा इंटरनेशनल (एफएफआई), इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन), द नेचर कंजर्वेंसी (टीएनसी), वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी (डब्ल्यूसीएस), डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-यूके, जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन (जेडएसएल) और द रॉयल फाउंडेशन के सहयोग से यह उम्मीद की जाती है कि इससे संरक्षण संबंधी प्रमुख समस्याओं के प्रति वैश्विक प्रत्युत्तर को बढ़ावा मिलेगा।

युनाइटेड फॉर वाइल्डलाइफ संरक्षण संबंधी गंभीर समस्याओं के प्रति ध्यान दिलाता है, जिसमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण, जैसा कि सहयोगियों के बीच सहमति बनी है, अवैध वन्यजीवन व्यापार में तेजी से होने वाली वृद्धि है। इस अवैध व्यापार का हाथी, गैंडा और बाघ जैसी बड़ी और अधिक विख्यात प्रजातियों और पैंगोलिन जैसी कम प्रसिद्ध प्रजाति के प्राणियों की संख्या पर बुरा असर पड़ता है।

युनाइटेड फॉर वाइल्डलाइफ ट्रांसपोर्ट टास्कफोर्स को न केवल परिवहन क्षेत्र का बल्कि कई सारी अंतरसरकारी एजेंसियों का प्रबल सहयोग प्राप्त है जिनमें शामिल हैं वर्ल्ड कस्टम्स ऑर्गनाइजेशन, युनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम और सबसे अहम- लुप्तप्राय प्रजातियों के व्यापार पर विश्व की नियामक संस्था - कॉन्वेंशन ऑन इलीगल ट्रेड इन एनडेंजर्ड स्पीसीज ऑफ फ्लोरा एंड फॉना (सीआईटीईएस)। युनाइटेड फॉर वाइल्डलाइफ अब अपना ध्यान इन प्रतिबद्धताओं के क्रियान्वयन पर लगाएगा।

बकिंघम पैलेस घोषणापत्र की प्रतिबद्धताओं में शामिल हैं:

  • उच्च जोखिम वाले मार्गों और परिवहन की विधियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने हेतु परिवहन उद्योग के लिए सूचना साझाकरण प्रणाली का विकसित करना।
  • संदिग्ध अवैध वन्यजीवन व्यापार के बारे में संबंधित कस्टम और कानून प्रवर्तन प्राधिकारों तक सूचना पहुंचाने हेतु एक सुरक्षित प्रणाली के साथ सहयोग।
  • अवैध वन्यजीव और उन पर आधारित उत्पादों वाले संदिग्ध कार्गो के बारे में संबंध कानून प्रवर्तन प्राधिकारों को अधिसूचित करना और ऐसे कार्गो को स्वीकार करने या जहाज पर चढ़ाने से मना करना।

एयर इंडिया: वैश्विक एवं भारतीय उड्ड्यन के क्षेत्र में एयर इंडिया का विशेष स्थान है। इसीके साथ भारत में उड्डयन की नींव रखी गई थी और इसका इतिहास भारत में नागरिक उड्डयन का इतिहास है। एयर इंडिया केवल यात्री, सामान और कार्गो ढोने वाली एक एयरलाइन नहीं है। यह एक बहूद्देशीय संगठन है। वर्षों के दौरान इसने उड्डयन की जिस आधारभूत संरचना का निर्माण किया है वह इसके योगदान का प्रमाण है। अपनी खुद की इंजीनियरिंग सुविधाओं के साथ अपने सभी हवाईजहाजों की सर्विसिंग करने के अतिरिक्त भारत के अनेक शहरों में एयर इंडिया द्वारा कई एयर लाइनों को ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। एयर इंडिया अमेरिका, यूरोप, सुदूर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया तथा खाड़ी देशों के 36 गंतव्यों के नेटवर्क के साथ एक बड़ी अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन के रूप में विकसित हुआ है। इस एयरलाइन के घरेलू नेटवर्क में 54 गंतव्य शामिल हैं जिसमें उत्तर-पूर्व, लदाख, अंदमान और निकोबार द्वीपसमूह के सुदूर इलाके भी शामिल हैं। एयर इंडिया में आज आधुनिकतम और नवीनतम हवाईजहाजों का बेड़ा शामिल है जिसमें बोइंग बी777, बी747 और सबसे हाल में शामिल बी787 ड्रीमलाइनर जैसे विशाल विमान तथा एयरबस ए621, ए320 और ए319 जैसे छोटे कलेवर के विमान सम्मिलित हैं।

अपीजे शिपिंग लिमिटेड: अपीजे सुरेन्द्र एंटरप्राइज के तहत 1948 में स्थापित अपीजे शिपिंग लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी निजी शिपिंग कंपनियों में एक है जिसके ड्राई बल्क कैरियर का दुनिया भर में तथा भारतीय समुद्रतटीय व्यापार में परिचालन होता है।

जेट एयरवेज: यह भारत का एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय उड्ड्यन कंपनी है जिसकी उड़ानें 68 गंतव्यों के लिए हैं जिसमें भारत सहित दुनिया भर के देश शामिल हैं। जेट एयरवेज की भारत में मजबूत घरेलू नेटवर्क में देश का संपूर्ण क्षेत्र शामिल है जिसमें सभी मेट्रो शहर, राज्य की राजधानियां और नए उभरते गंतव्य हैं। भारत के अलावा जेट एयरवेज की उड़ानें दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप और उत्तर अमेरिका के लिए संचालित होती हैं। जेट एयरवेज समूह द्वारा अभी वर्तमान में 116 विमानों के बेड़े का संचालन किया जाता है जिसमें बोइंग 777-300ईआर, एयरबस ए320-200/300, नेक्स्ट जेनरेशन बोइंग 737 और एटीआर 72-500/600 विमान शामिल हैं। औसत 6.91 वर्ष की सेवा अवधि के साथ यह क्षेत्र का एक सबसे कम उम्र का बेड़ा है।

पुरस्कार प्राप्त लॉयल्टी एवं रिवार्ड प्रोग्राम जेटप्रिविलेज के तहत जेट एयरवेज तथा इसकी किसी भी सहयोगी एयरलाइन से यात्रा करने तथा इसके 150 से अधिक प्रोग्राम पार्टनरों में से किसीके भी साथ परिवहन के लिए सदस्यों को विशेष सुविधा प्रदान की जाती है। एयरबर्लिन, एयर सर्बिया, एयर सेसेल्स, एलिटालिया, एतिहाद एयरवेज, डार्विन एयरलाइन द्वारा परिचालित एतिहाद रीजनल, तथा निकी के साथ जेट एयरवेज एतिहाद एयरवेज पार्टनर्स में शिरकत करता है जिससे समान विचारों वाली एयरलाइनों के समुन्नत नेटवर्क और शेड्यूल तथा उन्नत फ्रीक्वेंट फ्लायर बेनिफिट्स के जरिए ग्राहकों के लिए अधिक सुविधाजनक विकल्प उपलब्ध कराना संभव होता है।

मर्स्क ग्रुप : यह वन्य जीवों के अवैध व्यापार पर कठोरतापूर्वक प्रतिबंध लागू करता है। समूह की ओर से मर्स्क लाइन (Maersk Line) द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है। यह जल्द ही शून्य सहनशीलता की अपनी नीति को अपनी वेबसाइट पर डालने जा रहा है और भारत में यह अपने ग्राहकों के लिए जागरुकता और नियम की अनुपालनीयता संबंधी एक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने जा रहा है। संदिग्ध अवैध वन्य जीव तथा उन पर आधारित उत्पादों के व्यापार के बारे में उन्नत सूचना प्राप्त करने में परिवहन क्षेत्र को सक्षम बनाने वाली प्रणाली के विकास और कार्यान्वयन हेतु यह दूसरे स्थानीय ईकोसिस्टम साझेदारों के साथ भी सहभागिता करने वाला है जिसमें शामिल हैं परिवहन की विधि, प्रमुख मार्ग, बंदरगाह और अन्य स्थलों के बारे में जानकारी।

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प्रकाशित 11 April 2016