विश्व की समाचार कथा

जोयनगर ई-लर्निंग परियोजना को ब्रिटिश अनुदान

परियोजना का संचालन दारा के स्थानीय एनजीओ प्रगति संघ द्वारा किया जा रहा है और इसे ब्रिटिश उप-उच्चायोग की ओर से वित्तीय सहायता प्राप्त है।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था

16 दिसंबर 2014 को कोलकाता के ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त स्कॉट फर्सेडोन-वुड ने दक्षिण 24 परगना के सुंदरबन क्षेत्र के जोयनगर में ब्लॉक II के दारा गांव में महिलाओं के लिए एक ई-लर्निंग संसाधन केन्द्र का उद्घाटन किया।

यह केन्द्र सुंदरबन के मायाहवरी अंचल में एक ई-साक्षरता कार्यक्रम पर केन्द्रित होगा जिसका लक्ष्य है पूर्ण कंप्यूटर साक्षरता और ऑनलाइन संसाधनों के बारे में जागरुकता पैदा करना और लाभार्थियों के लिए छह महीने का एक व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराना। 7.20 लाख की कुल लागत वाली परियोजना में बीडीएचसी ने 5.20 लाख का अनुदान दिया है।

स्कॉट फर्सेडोन-वुड ने केन्द्र का उद्घाटन किया और लाभार्थियों तथा स्थानीय निवासियों के साथ कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए परियोजना क्षेत्र का दौरा किया। स्थानीय निवासियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए स्कॉट फर्सेडोन-वुड ने इस बात पर बल दिया कि कंप्यूटर साक्षरता सामान्य साक्षरता के समान ही महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया अब कंप्यूटर, तकनीक और इंटरनेट पर अधिकाधिक निर्भर हो रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस क्षेत्र और कंप्यूटर लर्निंग केन्द्र का ई-साक्षरता अभियान स्थानीय लोगों के हुनर को बढ़ाएगा और उन्हें जीवन तथा कार्यस्थल संबंधी कौशलों से लैस करेगा।

प्रगति संघ मायाहवरी अंचल में कई वर्षों से सक्रिय रहा है और ब्रिटिश उप-उच्चायोग की सहायता से अतीत में इसने आजीविका परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया है। गरीबी, निरक्षरता और न्यूनतम आधारभूत संरचना संबंधी सुविधाओं की कमी के कारण यह क्षेत्र पारंपरिक रूप से पिछड़ा रहा है। 2012 के उत्तरार्ध में यहां बिजली आने के बाद लोगों की सक्रियता अब केवल सूरज की रोशनी के साथ ही सीमित नहीं रह गई है। हालांकि, 2014 के आरंभिक दिनों तक विद्युत आपूर्ति की स्थिति स्थिर नहीं थी और अभी भी इस इलाके को बार-बार लोड-शेडिंग का सामना करना पड़ता है। बिजली उपलब्ध होने के बाद प्रगति संघ ने अपने महिला सशक्तीकरण गतिविधियों के एक अंग के रूप में इलाके में ई-साक्षरता और शिक्षा के क्षेत्र में पहल करने का मन बनाया।

यह परियोजना वंचितों और हासिए पर पड़े लोगों के सामाजिक उत्थान तथा उन्हें उनके अधिकारों और उनके लिए तय वाजिब सुविधाओं से परिचित कराने के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल के बारे में उन्हें शिक्षित और प्रशिक्षित करने हेतु एक सहायता आधार का निर्माण कर रही है। एनजीओ को अपना कार्य मायाहवरी अंचल के 12 गांवों में संचालित करना है, लेकिन अभी इसने छह गांवों- दारा, गज़िर धल, जादुखली, बपुलिर चौक, खेजुरतला और घोषलेर चौक से शुरुआत की है। अगस्त 2014 में शुरू हुई परियोजना ने जरूरी सॉफ्टवेयर, वोल्टेज स्टैबिलाइजर, जेनरेटर बैक-अप, प्रिंटर सह स्कैनर के साथ पांच पर्सनल कंप्यूटर तथा इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के साथ ई-लर्निंग संसाधन केंद्र स्थापित कर प्रगति संघ के साथ अच्छी प्रगति की है। नवंबर के अंत तक प्रगति संघ ने 11 जागरुकता केन्द्र स्थापित किए जिनमें 640 स्थानीय महिलाओं; 127 लोगों ने प्रशिक्षण के लिए साइन-अप किया है।

आगे की जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:

प्रेस और सार्वजनिक मामलों का विभाग
ब्रिटिश उप-उच्चायोग,
1ए हो ची मिन्ह सरणी, कोलकाता-700 071
फोन: 2288-5172/76, 98300-70623

ई-मेल: Mainak.De

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प्रकाशित 17 December 2014