भाषण

शिक्षा, कौशल और उद्यमशीलता के माध्यम से यूके-भारत की भागीदारी

हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोलकाता के छात्रों के समक्ष ब्रिटिश उच्चायुक्त डॉमिनिक एस्क्विथ द्वारा दिए गए भाषण के अंश

यूके-भारत

मुझे यहां आकर विभिन्न शैक्षणिक वर्ग के इस भावी जन समूह के साथ बातचीत करने में प्रसन्नता हो रही है।

ब्रिटेन और भारत के बीच दीर्घकालिक संबंध है और हम भविष्य में विशेष रूप से शिक्षा, कौशल और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में भारत के साथ साझेदारी करना चाहते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि हेरिटेज स्कूल और कॉलेज से बड़ी संख्या में छात्र उच्च शिक्षा के लिए यूके जाते हैं।

यूके अपने विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों के लिए प्रतिभाशाली और सबसे अच्छे अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्वागत करता है।

ब्रिटिश शिक्षा गुणवत्ता की निशानी और वैश्विक सफलता का पासपोर्ट है। ब्रिटेन में दुनिया के कुछ सबसे पुराने और सबसे सम्मानित विश्वविद्यालयों के साथ कुछ बेहतरीन विश्वविद्यालय मौजूद हैं। विश्व के शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों में से चार (कैम्ब्रिज, यूसीएल, इंपीरियल कॉलेज लंदन और ऑक्सफ़ोर्ड) ब्रिटेन में हैं और दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में से 30 ब्रिटेन में मौजूद हैं।

टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग द्वारा ऑक्सफ़ोर्ड को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बताया गया है। ऑक्सफ़ोर्ड ने पांच बार के चैंपियन कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को दूसरे स्थान पर कर दिया है और कैम्ब्रिज व इंपीरियल कॉलेज टॉप 10 में शामिल हो गए हैं।

ब्रिटिश शिक्षा द्वारा पैसे का उत्कृष्ट मूल्य प्रदान किया जाता है। ब्रिटिश डिग्री कोर्स कई अन्य देशों की तुलना में ब्रिटिश डिग्री पाठ्यक्रम अधिक गहन है क्योंकि यहां छात्रों को उच्च स्तर की शिक्षा कम समय में मिल जाती है और उसकी कुल लागत ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और सिंगापुर जैसे अन्य स्थानो की तुलना में कम होती है।

यूके में पढ़ना वास्तव में एक अंतरराष्ट्रीय अनुभव है। हम अमेरिका के अलावा किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक विदेशी छात्रों को आकर्षित करते हैं। यूके एक विविध, बहुसांस्कृतिक समाज है, जो 1.5 लाख भारतीयों का घर है।

और ऐसा नहीं है कि छात्रों को हमेशा कोर्स के लिए खुद भुगतान करना होता है। ब्रिटेन भारत में दुनिया के सबसे बड़े चेवेनिंग स्कॉलरशिप और फैलोशिप कंट्री प्रोग्राम को आयोजित करता है जिसके अंतर्गत भावी इंडियन लीडर्स के लिए करीब 130 पूरी तरह से वित्त पोषित स्कॉलरशिप और फेलोशिप हेतु 2.6 मिलियन पाउंड का बजट निर्धारित है। मास्टर्स प्रोग्राम हेतु स्कॉलरशिप के अलावा फाइनेंशियल सर्विसेज, जर्नलिज्म, साइबर सेक्योरिटी, साइस एंड इनोवेशन और लीडरशिप एंड मैनेजमेंट में शॉर्ट टर्म फैलोशिप की पेशकश भी की जा रही है।

ब्रिटिश काउंसिल का आप सभी से परिचय हो जाएगा। मेरा मानना है कि ब्रिटिश काउंसिल के साथ हेरिटेज स्कूल की बहुत प्रभावी साझेदारी चल रही है। इस काउंसिल के द्वारा इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में इंजीनियरिंग और लॉ से लेकर आर्ट व डिजाइन और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे कई विषयों के लिए शानदार स्कॉलरशिप प्रदान की जा रही है।

विकासशील राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप के अंतर्गत ब्रिटेन में मास्टर्स, पीएचडी, और स्प्लिट-साइट (पीएचडी) स्टडी की पेशकश की जाती है। इन स्कॉलरशिप की फंडिंग यूके के डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट द्वारा की जाती है। कॉमनवेल्थ प्रोग्राम के तहत हर साल औसतन 60 भारतीय छात्रों की मदद की जाती है।

मुझे पता है कि आप में से कुछ लोगों को यूके का वीज़ा पाना मुश्किल लगता होगा। वास्तविक छात्रों के लिए स्टूडेंट वीज़ा प्रक्रिया सरल है। 2016 में, 95% स्टूडेंट एंट्री क्लियरेंस वीजा एप्लिकेशन को मंजूरी दी गई थी, इस संख्या में 2010 से निरंतर बढ़ोतरी हो रही है, और भारत में ज़ारी करने की दर 91% है।

ब्रिटिश काउंसिल द्वारा किए गए एक हालिया शोध में पता चला है कि मौजूदा समय के 10 वैश्विक नेतृत्वकर्ताओं में से एक ने ब्रिटेन में अध्ययन किया है। ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के उल्लेखनीय पूर्व छात्रों में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री टोनी एबॉट, डेनमार्क की क्वीन मार्जेटे द्वितीय और ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी शामिल हैं।

विदेशों के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले लगभग 38% नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने किसी अन्य देश की तुलना में ब्रिटेन में ज्यादा पढ़ाई की है।

इस साल के शुरूआत में भारत में पहले न्यूटन पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें 1 लाख पाउंड का पुरस्कार निर्धारित था। यह प्रतियोगिता सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण पर केंद्रित थी जिसमें एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध, बीमारी, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण जैसे मुद्दे भी शामिल थे।

यूके साइंस मिनिस्ट्री ने भारत में लोगों को प्रभावित करने वाले वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए न्यूटन फंड के अंतर्गत 80 मिलियन पाउंड की लागत वाले रिसर्च प्रोग्राम की श्रृंखला की घोषणा की है। इस निवेश की घोषणा नई दिल्ली में आयोजित भारत की प्रमुख विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी भारत-यूके टेक समिट के अवसर पर की गई थी।

नए प्रोग्राम से 2021 तक न्यूटन फंड के अंतर्गत शोध के क्षेत्र में ब्रिटेन-भारत का कुल संयुक्त निवेश 200 मिलियन पाउंड तक पहुंच जाएगा और फंड को भारत के प्रमुख द्विपक्षीय पहल के प्रदर्शित किया जाएगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए यह ब्रिटेन और भारत के विश्व स्तर के उत्कृष्टता को साथ लाता है।

भारत फिलहाल दुनिया की नौवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2050 तक इसे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। वर्तमान में यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। हालांकि यह विश्व के करीब एक तिहाई गरीबों का घर भी है जो विश्व बैंक के व्यवसाय सुगमता सूचकांक में 142 वें पायदान पर और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के भ्रष्टाचार सूचकांक में 94वें स्थान पर है। इसके अलावा यहां पर 300 मिलियन लोगों को ऊर्जा तक पहुंच में कमी होने के बावजूद यह ग्रीनहाउस गैसों का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जनकर्ता है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था, दक्षिण एशिया में ब्रिटेन के हितों और सतत विकास लक्ष्यों जैसी वैश्विक प्राथमिकताओं के लिए भारत की आर्थिक सफलता और विकास बेहद महत्वपूर्ण हैं।

इस संदर्भ में, लक्षित क्रिया क्षेत्रों में कारोबारी माहौल, कौशल विकास, रोजगार सृजन, ऊर्जा सुरक्षा में सुधार और विकास के साधन के तौर पर स्मार्ट शहरों का विकास शामिल है।

हमारे डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल ट्रेड के टेक रॉकेटशिप अवॉर्ड द्वारा टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर के महत्वाकांक्षी स्टार्ट-अप्स की मदद की जाती है। पिछले कुछ वर्षों से ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्त क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले इनोवेशन पर फोकस किया जा रहा है।

विचारों और कौशल का आदान-प्रदान पारस्परिक प्रक्रिया है। जेनरेशन यूके-इंडिया प्रोग्राम के अंतर्गत अगले पांच वर्षों तक भारत में कौशल और अनुभव प्राप्त करने वाले ब्रिटेन के युवाओं की मदद की जाती है। उदाहरण के लिए - टीसीएस के साथ साझेदारी में ब्रिटेन के 1,000 छात्रों की इंटर्नशिप। ब्रिटेन के युवाओं को कल्चरल इमर्शन प्लेसमेंट, टीचिंग पार्टनरशिप और वर्क प्लेसमेंट की शुरूआत के अवसरों को प्रदान करने के लिए जेनरेशन यूके-इंडिया भारतीय संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा।

यूके भारत शिक्षा और अनुसंधान पहल के शुरूआती दो चरणों में 1000 से अधिक नए शिक्षा और अनुसंधान साझेदारी की मदद की गई है जिसका लक्ष्य ब्रिटेन और भारत दोनों को दीर्घकालिक लाभ प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, कर्मचारियों और छात्रों का 25,000 एक्सचेंज किया गया है जिससे ब्रिटेन और भारत के बीच दीर्घकालिक संबंध की स्थापनी हुई है और 350 लाख से अधिक युवा ट्रेन द ट्रेनर प्रोग्राम के माध्यम से लाभान्वित हुए हैं।

मैं शिक्षा, कौशल और उद्यमशीलता को ब्रिटेन-भारत की भावी साझेदारी के केंद्र के रूप में देखता हूं और आशा करता हूं कि दोनों देश राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्लेटफार्म पर अपने लोगों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए जीवंत सूत्रधार बनने के इन अवसरों का लाभ उठाएंगे।

प्रकाशित 24 August 2017