भाषण

चेन्नई में आयोजित हुई ब्रिटेन-भारत का प्रौद्योगिकी व्यापार इंक्यूबेटर कार्यशाला

22 नवम्बर 2016 को चेन्नई में आयोजित हुई ब्रिटेन-भारत टीबीआइ कार्यशाला में चेन्नई स्थित ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त भरत जोशी के संभाषण की प्रतिलिपि।

TBI

यहां आने के लिए सभी का आभार। मैं ब्रिटेन और भारत के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए आयोजित अभी तक के पहले इंटरैक्टिव टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर (टीबीआइ) हितधारकों की कार्यशाला में उपस्थित होकर प्रसन्न हूं।

हमारे देश इतिहास, हमारे प्रवासियों और हमारे व्यापारों के जरिए गहराई से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री के रूप में थेरेसा मे की यूरोप के बाहर पहली यात्रा भारत में होना कोई आकस्मिक घटना नहीं थे, बल्कि यह भारत को एक समान साझेदार के रूप में मानने की ओर हमारी प्रतिबद्धता और हमारे विश्वास की एक स्पष्ट अभिव्यक्ति थी। हमारी भविष्य की स्थिरता और समृद्धि पारस्परिक रूप से हमें मजबूत बनाती है। ब्रिटेन भारत में सबसे बड़ा जी20 निवेशक है, जो यूएस और जापान के संयुक्त निवेश से भी अधिक है, वहीं भारत बाकी के यूरोप में संयुक्र रूप से भी अधिक निवेश ब्रिटेन में करता है। दो सप्ताह पहले मैं टेक समिट में हमारे दोनों प्रधानमंत्रियों के साथ था, एक ऐसा आयोजन जहां स्वास्थ्यसेवा और जीव विज्ञान, ऑटोमोटिव, ऊर्जा, जल और स्मार्ट शहरों जैसे अनेक प्रमुख क्षेत्रों में उत्कृष्ट भारतीय और ब्रिटेन के नवोन्मेष का प्रदर्शन हुआ। नवोन्मेष और उद्यमिता समिट के मुख्य केंद्र थे, जिसमें दो दिवसीय हैकाथॉन भी शामिल था। जैसे कि नरेंद्र मोदी ने कहा ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष भारत के ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय संबंध में विशिष्ट भूमिका निभाते हैं’।

हमारा साझा भविष्य हमारे शोध और विकास की साझेदारी पर टिका हुआ है। ब्रिटेन और भारत के बीच शोध संबंध इससे पहले कभी इतना मजबूत नहीं था जितना अब है, जो वर्ष 2009 में 1 मिलियन पाउंड से बढ़कर आज 200 मिलियन पाउंड से अधिक हो गया है, और यह तेजी से बढ़ता जा रहा है। ब्रिटेन और भारत के विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से शोध कार्य कर रहे हैं जो कि इससे पहले उन्होंने सहयोगी संस्थानों के साथ कभी नहीं किया हैं। नए उभरते केंद्र और ज्ञान हस्तांतरण के नेटवर्क शीर्ष विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र के संस्थानों को साथ लाकर उन्हें उच्च मूल्य के वास्तविक विश्व के नवोन्मेष को हासिल करने योग्य बना रहे हैं। इसके मध्य में है न्यूटन भाभा कोष जो ब्रिटेन और भारत के वैज्ञानिक शोध और नवोन्मेष क्षेत्र को साथ लाकर वैश्विक चुनौतियों का एक संयुक्त समाधान खोजने में सहायता देता है। न्यूटन भाभा कोष का मूल्य इस वर्ष 10 मिलियन पाउंड है और यह वर्ष 2021 तक बढ़कर 104 मीलियन पाउंड का हो जाएगा।

आज की कार्यशाला भारतीय हितधारकों के साथ ब्रिटेन से स्थापित प्रौद्योगिकी व्यापार उष्मायन प्रबंधकों, परियोजनाओं, पारिस्थितिकी तंत्र, और चुनौतियों के प्रति वास्तविक जीवन के दृष्टिकोण के उत्कृष्ट अभ्यास के आदान-प्रादन के विषय पर आधारित है। ब्रिटेन के पास बयान करने के लिए कई महान कहानियां हैं, वैश्विक नवोन्मेष के इंडेक्स पर हमारा तीसरा स्थान है, जो कि 2011 के दसवें स्थान से अब तेजी से उभरा है, और यह हमारे शोध, वैज्ञानिकों, बुनियादी ढांचे और रचनात्मकता को दर्शाता है। विश्व की जनसंख्या का एक प्रतिशत हिस्सा वाला ब्रिटेन उत्कृष्ट गुणवत्ता के प्रकाशित शोध का 16 प्रतिशत उत्पन्न करता है। वर्ष 2000 से 2008 के बीच हमारी आधी उत्पदकता वृद्धि नवीनता के कारण हुई है। हमने ‘एट ग्रेट’ उभरते प्रौद्योगिकियों में 600 मिलियन पाउंड का निवेश किया है जिसमें ब्रिटेन की गहन शोध विशेषज्ञता है, एप्लिकेशन की अनेक श्रृंखलाएं विकसित करने की व्यापारिक क्षमता है और वाणिज्यकिकरण में अगुआ रहने की क्षमता है। यह कार्यशाला उन चुनिंदा पाठ को पेश करेगा जो हमने इंक्यूबेशन केंद्रों को विकसित करने और दीर्घकलिक विकास की प्रक्रिया में सहायता करने में हमने सीखा है। ये इंक्यूबेशन केंद्र प्रधानमंत्री मोदी के स्टार्ट-अप इंडिया पहल को संचालित करते हैं। ब्रिटेन की कम्पनी क्लाउडपैड ने टेक समिट में भारत में टैबलेट और मोबाइल के निर्माण की सुविधा के लिए 50 मिलियन पाउंड की उत्पादन सुविधा की घोषणा की है-जिसका डिजाइन ब्रिटेन में बनाया जाएगा और भारत में निर्मित किया जाएगा।

मैं इस कार्यशाला के फैसिलिटेटर श्री मार्टिन गैरेट, केम्ब्रिज क्लीनटेक और बैसिलडन बरो काउंसिल के श्री कार्तिक दुर्गाप्रसाद, और ब्रिटेन के बैसिलडन बरो काउंसिल के ही मेरे सहपाठी, साथ ही यहां उपस्थित प्रमुख भारतीय इंक्यूबेशन केंद्र के इंक्यूबेशन प्रबंधकों का स्वागत करके प्रसन्न हूं।

ब्रिटेन के पास उभरते उद्यमियों के लिए अनेक ऑफर हैं, जिसमें शामिल है सिरियस कार्यक्रम जो विश्व भर के उन स्नातक उद्यमियों की सहायता करता है जो ब्रिटेन में अपना व्यापार शुरू करना चाहते हैं, ग्लोबल एंटरप्रीनियरशिप कार्यक्रम जो कि विदेशी उद्यमियों और उन प्रौद्योगिकी व्यापार या स्टार्ट-अप की शुरुआती स्तर पर मदद करना चाहते हैं जो ब्रिटेन में अपने व्यापार को पुन:स्थापित करना चाहते हैं। हमने दुनिया की सबसे बड़ी वैश्विक स्कॉलरशिप योजना भी भारत में देना शुरू कर दी है, जिसमें शीवनिंग स्कॉलरशिप और फेलोशिप फॉर फ्यूचर लीडर्स के साथ साथ कॉमनवेल्थ स्कॉलर्शिप और ब्रिटिश काउंसिल के भी पुरस्कार शामिल हैं। कृपया अपने बेहतरीन और सबसे तेज बच्चों तक सहायता अवश्य प्रदान करें।

इस आयोजन में शामिल होने के लिए मैं दोबारा धन्यवाद देता हूं। मैं आप सभी को एक अत्यंत उपयोगी दिन की शुभकामनाएं देता हूं।

प्रकाशित 23 November 2016