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संगरूर में यूके वीज़ा सेमिनार

संगरूर के वीज़ा सेमिनार में यूके वीज़ा और इमिग्रेशन (यूकेवीआई) द्वारा बताया गया कि वीज़ा जालसाजी से कैसे बचा जाए।

UKVI visa seminar

आज ((16 जुलाई)) संगरूर में स्थानीय सांसद भगवंत मान द्वारा आयोजित वीज़ा सेमिनार में यूके वीज़ा और इमीग्रेशन (यूकेवीआई) और ब्रिटिश उप-उच्चायोग चंडीगढ़ के प्रतिनिधियों ने भावी वीज़ा आवेदकों को वीज़ा जालसाजी से संबंधित जोखिमों के बारे में आगाह किया और समझाया कि वैध तरीके से ब्रिटेन कैसे जाएं।

‘यूके वीज़ा और इमीग्रेशन सेमिनार: वीज़ा नियमों को जानिए’ द्वारा वीज़ा जालसाजी पर प्रकाश डाला गया जिसमें वीज़ा आवेदकों की ओर से, प्रायः बिना उनकी जानकारी के, जाली दस्तावेज जमा कराए जाते हैं। यूकेवीआई में दस्तावेज जांच के दौरान इन जालसाजियों का पर्दाफाश होता है और तब आवेदकों को न केवल वीज़ा देने से इनकार कर दिया जाता है बल्कि 10 साल तक ब्रिटेन और अमेरिका, कनाडा जैसे देशों की उनकी यात्रा पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त डेविड लेलिऑट ने कहा:

भारत ब्रिटेन का सबसे बड़ा वीज़ा संचालक देश है और हालांकि बड़ी संख्या में ज्यादार आवेदक सही होते हैं और नियमों का पालन करते हैं, लेकिन कुछ प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो नियमों का उल्लंघन करते हैं जिस कारण बड़े पैमाने पर जालसाजी और अवैध माइग्रेशन होता है।

ये जालसाजियां बड़ी सुनियोजित होती हैं और आवेदकों से ब्रिटिश वीज़ा और काम का वादा किया जाता है जबकि वास्तव में उनका मकसद सिर्फ पैसा बनाना और आवेदकों को नियम तोड़ने के लिए उकसाना होता है। इतनी सारी सूचनाएं और इमिग्रेशन सेवाएं वीज़ा आवेदकों को परेशान कर देती हैं। कुछ सही वीज़ा आवेदक भी जालसाजियों का शिकार होते हैं जिनकी ओर से नकली दस्तावेज जमा कराए दिए जाते हैं, जिसका परिणाम काफी बुरा निकलता है।

इस सेमिनार का उद्देश्य है - आवेदकों को यूकेवीआई में आने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि वे अपने वीज़ा के लिए जल्दी और आसानी से आवेदन करें और यह सुनिश्चित कर सकें कि उनके द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है। साथ ही हम ब्रिटेन में अवैध माइग्रेशन के परिणामों के बारे में भी उन्हें बताना चाहते हैं। ब्रिटेन जाने वाले बहुत से अवैध आप्रवासी पाते हैं कि वहां उनका जीवन उनकी कल्पनाओं के विपरीत बहुत कठिन हो जाता है। लोगों को यह जानना चाहिए कि यदि वे या उनके मित्र अथवा रिश्तेदार ब्रिटेन में खुद को अवैध तरीके से पाते हैं तो उन्हें क्या करना चाहिए और उन्हें घर वापस लौट जाना चाहिए।

संगररूर के सांसद भगवंत मान ने कहा:

संगरूर की जनता का प्रतिनिधि होने के नाते मेरे पास तथा कथित ट्रैवल एजेंटों और इनिग्रेशन सर्विस प्रदाताओं द्वारा जालसाजी के अनेक सारे मामले आए दिन आते रहते हैं। ऐसी जालसाजियों का शिकार बने लोगों की त्रासदी दुःखद होती है। वीज़ा आवेदन की प्रक्रिया, विभिन्न वीज़ा रूट्स तथा अन्य संबंधित जानकारियों के बारे में लोगों का जानकार होना बहुत जरूरी है जो उन्हें सुरक्षित और वैध तरीके से ब्रिटेन जाने में सक्षम बनाते हैं और उन्हें व उनके परिवार को कठिनाइयों में पड़ने से बचाते हैं। मैं ब्रिटिश उप-उच्चायोग चंडीगढ़ को इस मुद्दे पर आयोजित सेमिनार को अपना सहयोग देने के उनके विचार के लिए, तथा संगरूर के युवाओं के साथ अपनी जानकारी साझा करने के लिए वीज़ा और इमिग्रेशन के विशेषज्ञों को धन्यवाद देता हूं। यह एक बेहतरीन प्रयास है और इसे पूरे पंजाब में आयोजित किया जाना चाहिए।

यूके वीज़ा के लिए आवेदन एकदम सीधा है। आवेदकों को बस अपना फॉर्म भरना है और अपने जरूरी दस्तावेज, फिंगरप्रिंट और फॉर्म भारत के 15 वीज़ा आवेदन केन्द्रों में से किसी पर जमा करने से पहले वीज़ा के लिए ऑनलाइन भुगतान करना होता है। जिन्हें इस बारे में पूंछतांछ करनी हो, उनके लिए अंग्रेजी, तमिल, हिंदी और उर्दू में हमारे इंटरनेशनल एनक्वायरी सर्विस में परामर्श मुहैया कराया जाता है।

2014 में, यूके वीज़ा आवेदन करने वाले 91% भारतीय आवेदकों को वीज़ा दिया गया। औसत टर्नअराउंड समय 15 कार्यदिवस सेवा मानक से कम था, हालांकि कुछ खास वीज़ा प्रकारों के लिए आवेदकों को अपने इच्छित यात्रा समय से 3-4 सप्ताह या इससे भी पूर्व आवेदन करना चाहिए।

यद्यपि वैध आवेदकों का ब्रिटेन में स्वागत है, हाल के वर्षों में सरकार ने आप्रवास का दुरुपयोग रोकने और सीमाओं की सुरक्षा के लिए इमिग्रेशन नियम कड़े किए हैं, ताकि लोग उचित कारणों से ही ब्रिटेन आएं।

पिछले साल लाया गया इमिग्रेशन एक्ट वीज़ा के नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से ब्रिटेन में रहने वाले आप्रवासियों के लिए और भी कड़े नियमों का प्रावधान करता है। अवैध रूप से ब्रिटेन में रहने वाले आप्रवासी वहां काम नहीं कर सकते, निजी आवास किराए पर नहीं ले सकते, ड्राइविंग लाइसेंस नहीं ले सकते या वैध रूप से स्वास्थ्य सेवा पाने की मांग नहीं कर सकते – इन सब कारणों से वहां उनका जीवन मुश्किलों से भर जाता है और वे शोषण के शिकार हो सकते हैं। ब्रिटेन में रहने वाले बहुत से अवैध आप्रवासियों के लिए यात्रा के वास्ते लिए गए कर्ज की राशि चुकाना असंभव हो जाता है।

जालसाजी से बचने के लिए वीज़ा आवेदकों की मदद के लिए यूके वीज़ा और इमिग्रेशन टीम के अधिकारी निम्नलिखित सुझाव देते हैं:

  • ऐसे किसी भी व्यक्ति से सावधान रहें जो आपको ब्रिटेन में काम दिलाने, कम समय में ब्रिटिश वीज़ा दिलाने या गारंटीशुदा वीज़ा दिलाने का वादा करता है।
  • याद रखें, वीज़ा संबंधित औपचारिकता पूरी हो जाने के बाद केवल यूके वीज़ा और इमिग्रेशन के एंट्री क्लियरेंस अधिकारी ही ब्रिटिश वीज़ा जारी कर सकते हैं।
  • जालसाज एजेंट आवेदक की जानकारी के बिना ही प्रायः नकली दस्तावेज जमा कर देते हैं। आपको यह जरूर जानना चाहिए कि आपका एजेंट आपकी ओर से कौन से दस्तावेज जमा कर रहा है। नियम और दिशानिर्देश खुद से पढ़ लें ताकि आपको पता रहे कि किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और उन्हें आप खुद मिलाकर जांच लें।
  • जाली दस्तावेज जमा करने से न केवल आपका आवेदन बरबाद होता है बल्कि भविष्य में आपकी विदेश यात्रा पर भी प्रभाव पड़ता है और इससे संगठित आप्रवास अपराध को बढ़ावा मिलता है।

आगे की जानकारी:

  • ब्रिटेन के वीज़ा आवेदन केंद्र भारत में दिल्ली, चंडीगढ़, जालंधर, मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर, पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, बंगलौर, हैदराबाद, कोचीन और कोलकाता में स्थित है। इसके अतिरिक्त, गुडगांव में हमारा एक प्रीमियम लाउंज है और जयपुर तथा गोवा में यूजर-पे वीज़ा आवेदन केन्द्र हैं। उनकी अवस्थिति के बारे में अधिक जानकारी के लिए VFS Global पर जाएं।

  • अपने वीसा पर सलाह चाहने वाले ग्राहक वेबसाइट देख सकते हैं।
  • इंटरनेशनल एनक्वायरी सर्विस से संपर्क करने के लिए यहां क्लिक करें।

अधिक जानकारी के लिए कृपया नताशा वूल्लकॉमब को मेल करें।

प्रकाशित 16 July 2015