विश्व की समाचार कथा

ब्रिटेन के चांसलर जेरेमी हंट बेंगलुरु में जी-20 में शामिल हुए

ब्रिटेन के चांसलर ऑफ द एक्सचेकर जेरेमी हंट पदभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में भाग लेने के लिए आज बेंगलुरु में हैं।

  • चांसलर, बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली के साथ जी 20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में भाग लेंगे, इस बैठक में वैश्विक आर्थिक मुद्दों से निपटने पर साझा ध्यान केंद्रित किया जायेगा। वह गुरुवार को जी-7 की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।
  • वह संबंधों को मजबूत करने और ब्रिटेन को अगली सिलिकॉन वैली बनने के रास्ते पर मदद करनके लिए भारतीय वित्त मंत्री और कई वरिष्ठ भारतीय व्यापारिक नेताओं से मुलाकात करेंगे
  • वह यूक्रेन युद्ध के दूसरे वर्ष में प्रवेश करने के साथ यूक्रेन के लिए ब्रिटेन के अटूट समर्थन की पुष्टि करेंगे

ब्रिटेन के चांसलर ऑफ द एक्सचेकर जेरेमी हंट पदभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में भाग लेने के लिए आज बेंगलुरु में हैं। इस यात्रा का उद्देश्य पहले से ही उत्पादक ब्रिटेन-भारत आर्थिक संबंधों को मजबूत करना और नए निवेश को बढ़ाने और ब्रिटेन में नई नौकरियां लाने के लिए संबंधों को गहरा करना है। अत्याधुनिक तकनीकी उद्योग के लिए अपनी समृद्ध प्रतिष्ठा के साथ, चांसलर निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए बेंगलुरु में भारतीय तकनीकी सीईओ और संस्थापकों से मुलाकात करेंगे और कैसे भारत के साथ संबंध ब्रिटेन को विश्व की अगली सिलिकॉन वैली बनने में मदद कर सकते हैं, जो ब्रिटेन के $1 ट्रिलियन (£827 बिलियन) तकनीकी उद्योग पर आधारित है।

चांसलर, बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली के साथ जी 20 में भाग ले रहे हैं। दोनों मुद्रास्फीति के दबाव से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जी-20 में चांसलर का कार्य मुद्रास्फीति को आधा करने, अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और राष्ट्रीय ऋण को कम करने के लिए ब्रिटेन सरकार के व्यापक आर्थिक उद्देश्यों में भी योगदान देगा। यह अनुमानित है की भारत 2050 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा, ऐसा तकनीकी उद्योग के साथ मुमकिन हुआ है जिसने वित्त वर्ष 2022 में यूएस $227 बिलियन (£188 बिलियन) राजस्व उत्पन्न किया। भारत पहले से ही ब्रिटेन के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार है। चांसलर दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने की मांग कर रहे हैं।

चांसलर ऑफ द एक्सचेकर चांसलर जेरेमी हंट ने कहा:

मैं चाहता हूं कि ब्रिटेन विश्व की अगली सिलिकॉन वैली बने - यह एक वैश्विक वित्तीय पावरहाउस और विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के गृह के रूप में हमारी स्थिति की पहुंच के अंतर्गत एक महत्वाकांक्षा है।

हमारे पास पहले से ही $1 ट्रिलियन तकनीकी उद्योग का आकार है, लेकिन हम पूरे ब्रिटेन में नौकरियां और धन सृजित करने के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं। वहां पहुंचने में हमारी मदद करने के लिए, हमें विश्व भर के समान विचारधारा वाले देशों के साथ निवेश संबंधों को गहरा करने की आवश्यकता है - हम भारतीय मित्रों से शुरूआत कर रहें हैं जो तेजी से अपने आप में एक आर्थिक महाशक्ति बन रहा हैं।

भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा:

ब्रिटेन भारत की महत्वाकांक्षी जी-20 अध्यक्षता के जरिए विश्व की सबसे बड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए भारत के साथ काम कर रहा है। जैसा कि हम 2030 तक ब्रिटेन-भारत व्यापार को दोगुना करने में मदद करने के लिए एक महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं, यह बहुत अच्छा है कि चांसलर यहां बेंगलुरु में हैं, जो भारत की सिलिकॉन वैली है।

जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के एक वर्ष बाद हो रही है। इस यात्रा पर चांसलर यूक्रेन के लिए ब्रिटेन के अटूट समर्थन की पुष्टि करेंगे और अन्य जी 20 सदस्यों के साथ वैश्विक मुद्रास्फीति के दबाव और ऊर्जा और खाद्य कीमतों में अस्थिरता जैसे मुद्दों को संबोधित करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे जो युद्ध से बढ़ रहे हैं।

चांसलर और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर गुरुवार को जी-7 वित्त मंत्रियों की बैठक में भी शामिल होंगे, जहां चांसलर के यह कहने की उम्मीद है:

ब्रिटेन महत्वपूर्ण सैन्य और मानवीय सहायता के साथ यूक्रेन के लिए हमारे समर्थन में दृढ़ता से खड़ा है। जितनी जल्दी यूक्रेन में स्थायी शांति होगी और इस भयानक युद्ध का अंत होगा, उतनी ही जल्दी हम वैश्विक आर्थिक गिरावट को संबोधित कर सकते हैं - ब्रिटेन और हमारे मित्रों पर पुतिन का प्रभाव कम हो रहा है।

यह जी-7, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया की ओर से नवीनतम कदम का अनुसरण करता है, जिन्होंने प्राइस कैप गठबंधन के माध्यम से 5 फरवरी 2023 से प्रभावी नौवहन रूसी तेल उत्पादों की कीमत पर सीमा निर्धारित की है। डीजल और गैसोलीन जैसे उच्च मूल्य वाले रूसी निर्यात $100 पर सीमित हैं, जबकि ईंधन तेल जैसे कम मूल्य वाले उत्पादों को $45 पर सीमित किया गया है। ब्रिटेन ने पिछले वर्ष रूसी तेल और तेल उत्पादों के आयात को चरणबद्ध तरीके से बंद कर दिया था।

प्रकाशित 23 February 2023