यूके बना भारत के नेतृत्व वाली वैश्विक जलवायु पहल का पहला सह-अध्यक्ष
यूके आज आपदा प्रबंधन अवसंरचना पर अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के लिए सहयोग करने वाली गवर्निंग काउंसिल का पहला सह-अध्यक्ष बना।

इस गठबंधन की स्थापना भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी तथा यह स्वैच्छिक अंतर्राष्ट्रीय समूह,सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, बैंकों, निजी क्षेत्र के समूहों, तथा शैक्षिक समुदाय को जोड़ता है। यह गठबंधन जलवायु और आपदा जोखिम के परिपेक्ष्य में इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम्स में लचीलापन विकसित करने में मदद करेगा।
गवर्निंग काउंसिल CDRI के गठबंधन का सर्वोच्च नीति-निर्माण संस्थान है। इसकी सह-अध्यक्षता भारत तथा एक दूसरे राष्ट्र की सरकार द्वारा की जाती है जो की प्रत्येक 2 वर्ष के क्रम में नियुक्त होती है।
पहले परिषद की बैठक में यूके के तरफ से व्यापार ऊर्जा तथा औद्योगिक रणनीति के सचिव आलोक शर्मा ने भाग लिआI कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के कारण मंत्री जी ने यूके से ही एक वीडियो लिंक के जरिये सम्मेलन में हिस्सा लिआ। मंत्रीजी जो संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26), 2020 के अध्यक्ष भी है उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा के साथ भी बैठक की।
व्यापार और ऊर्जा सचिव तथा COP26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा:
मैं बहुत ही प्रसन्न हूँ की मैं इस उद्घाटन बैठक में शामिल हो पाया तथा यूके की सह-अध्यक्षता की पुष्टि कर पाया। यूके के लिए जलवायु परिवर्तन पर कार्यवाही प्राथमिकता रही है। मुझे विश्वास है कि यूके-भारत की जलवायु कार्यवाही पर साझेदारी उतसर्जन को कम करने में तथा भविष्य में भारत के आधारिक संरचना को मज़बूत करने में मदद करेगी।
भारत में कार्यकारी उच्चायुक्त जैन थॉम्पसन ने कहा:
यूके पहले से ही भारत के साथ मिलकर संयुक्त बल के रूप (फाॅर्स फॉर गुड) में जलवायु परिवर्तन पर काम कर रहा है। हम विश्वास रखते हैं कि भारत के नेतृत्व वाली सीडीआरआई बुनियादी ढांचों के निर्माण, संचालन तथा रखरखाव में बदलाव लाएगी। यह वर्ष हमारे जलवायु के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है - मैं विश्वस्त हूं कि जलवायु कार्यवाही पर यूके-भारत नेतृत्व उत्सर्जन को कम करने में तथा वैश्विक स्तर पर लचीलापन विकसित करने में पर्याप्त प्रगति कर सकता है।
यूके सचिवालय के निर्माण तथा गठबंधन के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करने के लिए तकनीकी सलाह तथा अपनी विशेषज्ञता प्रदान करेगा। शुरुआती दौर मे आपदा और जलवायु जोखिम पर ध्यान केंद्रित होगा तथा बुनियादी ढांचे का विश्लेषण और प्रशासन पर भी बल होगा।
संपादकों के लिए नोट्स
जलवायु परिवर्तन / पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर यूके द्वारा कार्य
2019 में, ब्रिटेन 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन अर्थव्यवस्था बनने के लिए कानून बनाने वाला पहला प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया। अन्य ऐतिहासिक नीतियों में 2040 तक सभी नई कारों और वैन इलेक्ट्रिक बनाने की प्रतिबद्धता शामिल है और जलवायु परिवर्तन तथा प्रजाति विलोपन से लड़ने के लिए हमने निवेश को दोगुना करने का निर्णय लिया हैI (नए संकल्प मे -2021/22 से 2025/26 के बीच £11.6bn निवेश किया जायेगा)।
यूके नवंबर 2020 मे COP26 की मेजबानी ग्लासगो मे करेगा।
यूके-भारत संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं, जैसे की:
अनुकूलन के क्षेत्र मे, हम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम के माध्यम से बाढ़ बचाव तथा नदी संरचनाओं का निर्माण कर रहे हैं। यह एक्वीफर रेप्लेनिशमेंट को बढ़ावा देगा। हम भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के साथ मिलकर,धरती, समुद्र तथा वायुमंडलीय डेटा को एकत्रित कर रहे हैं- यह मानसून के पूर्वानुमान के क्षेत्र मे निर्णायक कदम है।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर, यूके के ईओ चार्जिंग तथा भारत के याहवी एंटरप्राइजेज मिलकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे भारत में प्रदान करेंगे।
वित्तीय क्षेत्र में, हमारी सरकारों ने हरित विकास इक्विटी फंड में एंकर पूँजी के तौर पर £240 मिलियन का का संकल्प लिया है -इसमे पहला निवेश अयाना रिन्यूएबल पावर में किया गया है, जो 800MW सौर ऊर्जा क्षमता का विकास कर रही है।
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