विश्व की समाचार कथा

समृद्धि कोष के तहत ब्रिटेन का पहला निवेश

भारत के निम्न आय वाले आठ राज्यों की कंपनियों के लिए 400 करोड़ रुपए (40 मिलियन पाउंड) का समृद्धि कोष उपलब्ध होगा।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Danny Alexander

ब्रिटेन के डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (डीएफआईडी) के समृद्धि कोष का लाभ उठाने वाली कंपनियों की घोषणा आज ब्रिटेन के राजकोष के मुख्य सचिव डैनी अलेक्जैंडर द्वारा की गई। वह विकास कोष में डीएफआईडी की भागीदार संस्था भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के कार्यालय में आयोजित एक अवसर पर बोल रहे थे।

400 करोड़ रुपए (40 मिलियन पाउंड) से समृद्धि कोष से, जिसमें डीएफआईडी ने 35 मिलियन पाउंड का योगदान दिया है, जिससे सात वर्षों के दौरान गरीब उत्पादकों, उपभोक्ताओं या कामगारों को सीधे-सीधे लाभ पहुंचेगा। यह भारत के निम्न आय वाले आठ राज्यों की कंपनियों के लिए उपलब्ध होगा। पहली तीन परियोजनाओं के लिए कोष से आवंटित सहायता राशि के विवरण इस प्रकार हैं:

  • 2020 तक कम आय वाले भारतीय राज्यों में ग्रामीण क्षेत्र के 12 लाख रोगियों के लिए किफायती अस्पतालों की श्रृंखला उपलब्ध कराने हेतु ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टर को 25 लाख पाउंड;
  • मध्य प्रदेश में हर सीजन में 3000 किसानों के लिए कृषि उत्पादों के भंडारगृह तथा मूल्य वर्धित सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु ग्रामको इन्फ्राटेक को 15 लाख पाउंड; तथा
  • उत्तरप्रदेश के झांसी जिले में शिखर डेयरी को 300 भूमिहीन ग्रामीन गरीबों को गाय उपलब्ध कराने और डेयरी व्यवसाय में सहायता के लिए व्यावसायिक तरीके से प्रबंधित डेयरी की स्थापना के लिए 2 लाख पाउंड की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा:

मुझे इस बात की खुशी है कि प्रथम तीन कंपनियां समृद्धि कोष से राशि प्राप्त करने में सफल रही हैं और ऐसी अन्य सफल कंपनियों के नामों की घोषणा भी जल्द की जाएगी। ये सफल परियोजनाएं ब्रिटेन की विकास निधियों द्वारा निजी क्षेत्र को दी जाने वाली सहायता का एक बड़ा उदाहरण हैं और इससे भारत में दस लाख से अधिक लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव आएगा।

मुझे इस बात की भी खुशी है कि हम विकास के पारंपरिक कार्यक्रमों से नई भागीदारियों की ओर बढ़ रहे हैं जिसका लक्ष्य है विकास की चुनौतियों के लिए बाजार आधारित समाधानों को समर्थन देना और तकनीकी विशेषज्ञताओं को साझा करना। यह दृष्टिकोण विश्व में भारत के बदलते स्थान को दर्शाता है। इन तीन परियोजनाओं के अतिरिक्त तीन अन्य व्यवसायों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही इनकी घोषणा की जाएगी। इससे सकल निवेश में से कृषि, स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा और पानी सहित अनेक क्षेत्रों के छह उद्यमों में पहले भाग के रूप में कुल 1 करोड़ पाउंड का निवेश किया जाएगा। कुल मिलाकर 90 से अधिक निवेश अवसरों का मूल्यांकन किया गया।

इन तीन परियोजनाओं के अतिरिक्त तीन अन्य व्यवसायों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही इनकी घोषणा की जाएगी। इससे सकल निवेश में से कृषि, स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा और पानी सहित अनेक क्षेत्रों के छह उद्यमों में पहले भाग के रूप में कुल 1 करोड़ पाउंड का निवेश किया जाएगा। कुल मिलाकर 90 से अधिक निवेश अवसरों का मूल्यांकन किया गया।

सिडबी वेंचर कैपिटल द्वारा प्रबंधित यह कोष भारत के आठ निम्न आय वाले राज्यों- बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में विकास परियोजनाओं के लिए लक्षित प्रथम कोष है।

अधिक जानकारी

  1. दुनिया भर में अवसरों की असमानताओं को कम करने में सहायता के लिए ब्रिटिश सरकार प्रतिबद्ध है। हमारा विश्वास है कि वैश्विक समृद्धि को बढ़ावा देना एक नैतिक जिम्मेदारी है और यह ब्रिटेन के राष्ट्रीय हित में है।

  2. नवंबर 2012 में दोनों सरकारें इस बात के लिए राजी हुईं कि भारत को वित्तीय सहायता देने के ब्रिटेन के कार्यक्रम का 2015 में संभावित अंतिम भुगतान के साथ दायित्वपूर्ण तरीके से समापन होगा। ब्रिटेन और भारत की यह आधुनिक विकास भागीदारी वैश्विक स्तर पर बदलते आर्थिक परिदृश्य को दर्शाती है।

  3. हमारी भागीदारी निरंतर रूप से विकास हेतु दक्षताओं और विशेषज्ञताओं को साझा करने, लाभ का सृजन करते हुए गरीबों की सहायता पर केंद्रित निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में निवेश करने तथा खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे विकास के वैश्विक मुद्दों को लेकर भारत के साथ हमारी सहभागिता को मजबूत करने पर आधारित है।

  4. पिछले 50 वर्षों में विकास संबंधी हमारी उपलब्धियों पर भारत और ब्रिटिश सरकार को गर्व है। साथ मिलकर हमने 12 लाख से भी अधिक भारतीय बच्चों को नियमित स्कूल जाने में सहायता की है। 2011 से 2013 के बीच हमने आठ राज्यों में 29 लाख गर्भवती महिलाओं और पांच साल से कम आयु के बच्चों को पोषाहार कार्यक्रमों के अंतर्गत सम्मिलित किया है।

  • अधिक जानकारी के लिए डीएफआईडी इंडिया के संचार प्रबंधक अंशुमान अत्रोले से फोन नं. 011- 4279 3435; +91-98101 69262 पर संपर्क करें।
प्रकाशित 28 October 2013