द ग्रेट डिबेट 2015
ग्रेट डिबेट प्रतियोगिता, जीवंत वाद-विवाद तथा परिचर्चा के रूप में ब्रिटेन और भारत की साझी संस्कृति के उत्सव मनाने का एक अनोखा अवसर है।
ब्रिटिश उच्चायोग तथा ब्रिटिश काउंसिल द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता इस बार पहले की तुलना में अधिक बड़ी और बेहतरीन है, जिसमें भारत भर से दस शहरों की सहभागिता रही। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के 600 से अधिक छात्रों ने इसमें सहभागिता की और उनमें से निम्नलिखित विजेता हुए -
क्षेत्र | विश्वविद्यालय | विजेता |
भुवनेश्वर | रावेनशॉ विश्वविद्यालय | वैभव दास, अभिषेक पारिजा |
बैंगलोर | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया | शुभांगी सिन्हा, मृदुला रमादुगु |
चेन्नई | एमओपी वैष्णव कॉलेज | काव्या श्रीकुमार, तबिथा एसएस |
अहमदाबाद | पीडीपीयू, गांधीनगर | सक्षम सिंह, ह्रीं शाह |
हैदराबाद | बीआईटी | शौर्य चतुर्वेदी, नील शाह |
दिल्ली | अशोक | आदित्य खेमका, ईशरजीत सिंह |
कोलकाता | एनयूजेएस | अर्चित कृष्ण, यश्वी गनेरीवाल |
मुंबई | कैथेड्रेल एंड जॉन कॉनन स्कूल | नेविल टाटा, तन्मय चोपरा |
चंडीगढ़ | थापर विश्वविद्यालय | प्रणव कोशल, पुलकित मदन |
जयपुर | एसएमएस मेडिकल कॉलेज | वासुकी टिक्कीवाल, छवि सिंह |
द ग्रेट प्राइज:
ब्रिटेन के सप्ताह भर लंबे अध्ययन भ्रमण का पुरस्कार जीतने के लिए 23 फरवरी 2016 को दस टीमें प्रतिस्पर्धा करेंगी। विजेता टीम एक सप्ताह ब्रिटेन में बिताएगी जिसमें शामिल होगा ऐतिहासिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों का भ्रमण, सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहभागिता और ब्रिटेन के छात्रों के साथ संवाद।
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पिछली बार अपडेट किया गया 10 February 2016 + show all updates
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