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ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज द्वारा सलाम बालक ट्रस्ट का दौरा

यह ट्रस्ट फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर केंद्रित है।

Duchess of Cambridge at Salaam Baalak Trust

ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज ने आज सुबह सलाम बालक ट्रस्ट का दौरा किया, जो दिल्ली के फुटपाथों पर जीवन बसर करनेवाले सर्वाधिक पीड़ित बच्चों की मदद करनेवाला एक संगठन है।

ड्यूक एवं डचेज़ ने सबसे पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास स्थित ट्रस्ट के संपर्क केंद्र का मुआयना किया, जहां उन्हें यह ज्ञात हुआ कि राजधानी में ट्रेन से प्रतिवर्ष 1200-1500 तक बच्चे आते हैं, और वे विभिन्न व्यक्तिगत पतिस्थितियों के कारण घर छोड़ने के लिए, प्रायः अकेले ही सफर करते हैं। चाइल्डलाइन के एक अग्रणी सहभागी के रूप में, शाही दंपत्ति को ट्रस्ट के बाह्य-संपर्क कार्यकर्ताओं ने इसकी संक्षिप्त जानकारी प्रदान की, कि किस प्रकार वे आपात देखभाल के बुलावे पर जाते हैं, और ज्योंही पीड़ित छोटे बच्चे शहर में आते हैं, वे उनकी पहचान करने के प्रयास करते हैं, ताकि उन्हें जितनी जल्दी हो सके, सहायता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

ट्रस्ट का मुख्य लक्ष्य फुटपाथी बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर केंद्रित है, जिसके तहत चिकित्सकीय देखभाल के साथ ही शैक्षणिक, रचनात्मक तथा सामाजिक संपर्कता शामिल है। डॉ. अमित सेन, जिन्होंने चैरिटी के मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की थी, ने स्पष्ट किया कि फुटपाथ से लाए गए बच्चों को मानसिक सदमे की हालत से उबार कर एक स्वस्थ वातावरण में लाने में यह सहायता कितनी कारगर है।

रॉयल हाइनेस दंपत्ति ने बच्चों को शारीरिक स्वास्थ्य देखभाल, आश्रय, तथा साथ ही शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से, बच्चों की सहायता के क्रम में एक मुख्य प्राथमिकता के तौर पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का इलाज देखने में अभिरुचि व्यक्त की। लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का खयाल रखना रॉयल हाइनेस द्वारा संचालित सहायता कार्यक्रमों का एक मुख्य विषय रहा है।

ड्यूक एवं डचेज़ ने इसके बाद बालकों के लिए निर्मित सलाम बालक के एक अस्थायी आश्रय स्थल का भ्रमण किया, जो रेलवे स्टेशन के निकट अवस्थित है। उन्हें बताया गया कि किस प्रकार सलाम बालक ट्रस्ट बच्चों को उनके परिवारों से फिर से मिलाने के लिए हमेशा प्रयास करता है, लेकिन जहां यह संभव नहीं हो पाता, उसे उनके किसी आश्रय में स्थायी देखभाल मुहैया कराई जाती है। आश्रय-स्थल के अंदर, बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता, पोषण, शिक्षा तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। दंपत्ति ने फिलहाल आश्रय के भीतर रह रहे छोटे बच्चों से मुलाकात की, और उनके लिए आयोजित कुछ नियमित गतिविधियों जैसे पढ़ाई और चित्रकारी करते हुए, उनके साथ थोड़ा समय व्यतीत किता।

दंपत्ति को दो सलाम बालक शहर भ्रमण गाइडों से मिलने का अवसर भी मिला। यह ट्रस्ट अपने शहर भ्रमण के लिए प्रख्यात है, जो उन बच्चों द्वारा दिल्ली के फुटपाथों का एक निर्देशित भ्रमण कार्यक्रम है, जो यहां लाए जाने से पहले अक्सर वहां रहते थे। इन यात्राओं से ट्रस्ट के लिए राजस्व आता है, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण रूप से, इस दौरान छोटे बच्चों को अपने कठिन दौर और संघर्षों के बारे में बताने के अवसर तो मिलते ही हैं, साथ ही इससे उनको अपनी अंग्रेजी और संपर्क दक्षता बढ़ाने में भी सहायता मिलती है।

आगे की जानकारी

  • सलाम बालक ट्रस्ट की स्थापना 1998 में एक फिल्म सलाम बॉम्बे के धन से की गई थी, इस फिल्म में वंचित फुटपाथी बच्चों के जीवन का वर्णन किया गया था। सलाम बॉम्बे नाम का तात्पर्य ‘बच्चों को सलाम’ है। सलाम बालक ट्रस्ट द्वारा दिल्ली के भीतर तथा आसपास (500 से ज्यादा बच्चों के लिए) पांच आश्रयस्थल तथा 13 संपर्क केंद्र संचालित किए जाते हैं, जिनसे फुटपाथ पर रहने तथा काम करने वाले बच्चों को सहायता पहुंचाई जाती है।

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स्टुअर्ट एडम, निदेशक,
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प्रकाशित 12 April 2016