विश्व की समाचार कथा

लॉन्गीट्यूड प्राइज स्पर्धा आरंभ- प्रतिजैविकों (एंटीबायोटिक्स) के संरक्षण हेतु 10 मिलियन पाउंड की चुनौती

यह ब्रिटेन के अनेक चुनौतीपूर्ण पुरस्कारों (चैलेंज़ प्राइज) में से एक है और अपनी तरह का पहला पुरस्कार है, जिसका निर्धारण सार्वजनिक मतदान द्वारा किया जाना है।

लॉन्गीट्यूड प्राइज के लिए विजेता ढूंढने की स्पर्धा शुरू है- एक 1करोड़ पाउंड की चुनौती, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिकारी परिवर्तन के साथ भावी पीढ़ियों के लिए प्रतिजैविकों का संरक्षण करना है।

यह पुरस्कार 1714 के देशांतर अधिनियम (लॉन्गीट्यूड एक्ट) की 300वीं वर्षगांठ के स्मृतिस्वरूप आयोजित किया गया है, जो समुद्र में देशांतर के निर्धारण हेतु आयोजित पहला ब्रिटिश चुनौती पुरस्कार था। इसे नेस्टा द्वारा विकसित तथा वितरित किया जा रहा है तथा वित्तीय सहयोगी के रूप में इसे इनोवेट यूके ने समर्थन प्रदान किया है। गत वर्ष, बीबीसी तथा अमेजन के सहयोग से, ब्रिटेन के लोगों ने यह तय किया कि नया लॉन्गीट्यूड प्राइज प्रतिजैविक प्रतिरोध पर केंद्रित होगा। एक पंचवर्षीय स्पर्धा प्रारंभ हो गई है, जिसका उद्देश्य एक देखरेख बिंदु जांच (प्वाइंट-ऑफ-केयर टेस्ट) विकसित करना है; जिसके तहत यह निर्धारित किया जाना है कि कब प्रतिजैविक जरूरी हैं और- अगर ये हैं- तो इनमें से किसका उपयोग करना है।

भारत में देशांतर पुरस्कार के प्रमोशन का आरंभ आज नई दिल्ली में एक पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसमें हमारे विश्व के सामने उपस्थित एक बड़ी चुनौती: हम प्रतिसूक्ष्मजीवी प्रतिरोध का सामना कैसे करें, विषय पर चर्चा की गई। इसमें सम्मिलित प्रतिभागियों में सम्मिलित थे, जैवप्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. विजय राघवन; रोग नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय केंद्र के अतिरिक्त निदेशक डॉ. सुनील गुप्ता; आईसीएमआर से डॉ. कामिनी वालिया; एसआरएल डाइग्नोस्टिक्स के प्रबंध निदेशक डॉ. संजीव चौधरी; पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया से प्रो. रमणन लक्ष्मीनारायणन, तथा लॉन्गीट्यूड प्राइज प्रमुख- तमर घोष। इस सप्ताह, बेंगलुरु, हैदराबाद तथा मुंबई में भी इसी प्रकार की चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा।

अब तक भारत की 11 टीमों के साथ दुनिया भर से 111 टीमों का पंजीकरण हुआ है, जिसमें व्यक्तिगत अन्वेषणकर्ताओं से लेकर विश्वविद्यालय टीमें तथा जैवप्रौद्योगिकी और चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनियां सम्मिलित हैं।

लॉन्गीट्यूड प्राइज समिति के सदस्य, पुरस्कार परामर्शदाता पैनल के सह-अध्यक्ष तथा लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन में वैश्विक स्वास्थ्य के निदेशक तथा प्रोफेसर, बैरन प्रोफेसर पीटर पाइअट ने कहा:

इस प्रथम प्रविष्टि तिथि पर इतने सारे देशों से पुरस्कार के लिए आने वाली प्रविष्टियां देखकर हमें बेहद प्रसन्नता हो रही है। यह पुरस्कार एक कठिन चुनौती है किंतु यह आधुनिक औषध विज्ञान के लिए नितांत जरूरी है, जिससे हमें संक्रमण के बेहतर इलाज द्वारा लाखों जिंदगियों को बचाने में सक्षम एक नवोन्मेषी साधन उपलब्ध होगा। हमें इसमें दुनिया भर के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से आनेवाले व्यापक रूप से दक्ष तथा अनुभवी प्रतिभागियों की आवश्यकता है, ताकि इन्हें वस्तुतः नवीन प्रविष्टियां बनाया जा सके। इस स्पर्धा की शुरुआत हो चुकी है और अगले पांच वर्षों में कभी भी इस पुरस्कार को जीता जा सकता है, इसलिए मैं लोगों से आह्वान करता हूं कि वे जितनी जल्दी हो सके, इसमें सम्मिलित हों।

इनोवेट यूके में हेल्थ एंड केयर के प्रमुख, जाहिद लतीफ ने कहा:

प्रतिसूक्ष्मजीवी प्रतिरोध (एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस) हमारे विश्व के सामने मौजूद व्यापक चुनौतियों में से एक है। अगर इसका उपयुक्त समाधान न किया गया, तो जिन बीमारियों को हम अभी नगण्य समझ रहे हैं, वे गंभीर होना शुरू हो जाएंगी और संभावित रूप से प्राणघातक समस्या बन जाएंगी। इस भयानक चुनौती का समाधान ढूंढने के लिए पूर्णतः मौलिक चिंतन की आवश्यकता है। यही वजह है कि इसपर लॉन्गीट्यूड प्राइज आयोजित किया गया है, और हमने पुरस्कार के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय व्यवस्था मुहैया की है। नए शुरुआती उद्यमों और छोटे व्यवसायों की सबसे महत्वपूर्ण धरोहर उनके नए विचार हैं, और उनकी उद्यमशीलता की भावना है, जो इस जैसी समस्या के समाधान के लिए अनिवार्य तौर पर आवश्यक हैं और इनोवेट यूके इन व्यवसायों को वे सहायता और संपर्क उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो सकता है, जो उनके विचारों को वास्तविकता में परिणत करने के लिए आवश्यक हैं।

प्रतिजैविक की खोज हमारे समय की एक महान वैज्ञानिक उपलब्धि है। इसने हमारे जीवन में औसतन 20 वर्ष और शामिल कर दिए हैं। फिर भी अब प्रतिसूक्ष्मजीवी प्रतिरोध के उभरने से आज इन प्रतिजैविकों के अप्रभावी और सामान्य संक्रमणों के लाइलाज हो जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

अतः जीवाणु-संक्रमण के लिए लागत-प्रभावी, सटीक, त्वरित और उपयोग में आसान एक ऐसे जांच के आविष्कार की विधि ढूंढना, जिससे दुनियाभर के स्वास्थ्यकर्मियों को सही समय पर सही प्रतिजैविक का निर्धारण करने की सुविधा मिल सके, यह एक चुनौती है। देशांतर पुरस्कार एक ऐसे रोग-नैदानिक उपकरण के लिए प्रदान किया जाएगा, जिससे प्रतिजैविक के उपयोग को रोका जा सके या यह किसी मरीज के इलाज के लिए प्रभावी प्रतिजैविक के निर्धारण में सहायक हो सके।

आगे की जानकारी:

लॉन्गीट्यूड प्राइज प्रतिजैविक प्रतिरोध के समाधान हेतु आयोजित व्यापक वैश्विक अभियान के एक भाग के रूप में शुरू किया गया है जो एक प्रेरित कार्रवाई का स्वरूप ले रहा है। ब्रिटेन सरकार ने इस मुद्दे को अपने वैश्विक खतरे की सूची में शामिल किया है, इस पर ब्रिटिश रणनीति बनाई है और एएमआर रिव्यु की स्थापना की है, जिसमें प्रतिजैविक प्रतिरोध की संभावित लागत 2050 तक 30 करोड़ मौत तथा 100 ट्रिलियन डॉलर प्रदर्शित है। वेलकम ट्रस्ट ने क्षमता निर्माण तथा निम्न और मध्यम आय वाले देशों में निगरानी प्रणाली को उन्नत बनाने के लिए 17.5 करोड़ पाउंड के फ्लेमिंग फंड के निर्माण के लिए सहभागियों को साथ लिया है। वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली ने इस वर्ष प्रतिसूक्ष्मजीवी प्रतिरोध पर वैश्विक कार्ययोजना को मंजूरी प्रदान की है तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 16 से 22 नवंबर तक प्रथम विश्व प्रतिजैविक जागरुकता सप्ताह की घोषणा की है।

2019 के अंत तक, जबतक पुरस्कार जीता नहीं जाता है, किसी भी समय अनवरत रूप से टीमों का पंजीकरण हो सकता है। एक बार पंजीकृत होने के बाद टीमें जब भी तैयार हों तो, विजेता बनने की स्पर्धा में, चार मासिक प्रविष्टि तिथियों में किसी एक पर, एक बार प्रतियोगिता में भाग ले सकती हैं। प्रथम दो अंतिम प्रविष्टि तिथियां, 2015 के मई और सितंबर के अंत तक थीं, और अब आगामी तिथि 2016 की जनवरी के अंत तक है। पुरस्कार परामर्शदाता पैनल द्वारा कई सारी प्रविष्टियों का परीक्षण किया गया है, अब तक किसी ने भी पुरस्कार नहीं जीता है। लॉन्गीट्यूड प्राइज के विजेता का चयन अब से लेकर 2019 तक किसी भी चरण में किया जा सकता है, इसलिए हम टीमों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे पंजीकरण कराएं और जितनी जल्दी संभव हो सके, अपनी प्रविष्टि दाखिल करें।

पुरस्कार मानदंड पर खरा उतरनेवाला समाधान न केवल भावी पीढ़ियों के लिए प्रतिजैविकों के संरक्षण में सहायक होगा अपितु वैश्विक स्वास्थ्यसेवा की आपूर्ति में आमूल परिवर्तन भी करेगा। देख रेख जांच के बिंदु निश्चित रूप से होंगे:

  • 30 मिनट के भीतर परिणाम देना
  • हर किसी के लिए व्ययसाध्य हों जिसे इनकी जरूरत है
  • संसूचित उपचार निर्णय के लिए सटीक हों
  • विश्व में कहीं भी, किसी भी स्थान पर उपयोग में आसान हों

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प्रकाशित 12 October 2015