निम्न कार्बन शहरी पुनरुत्पादन मुहैया करने के लिए कोलकाता ने ब्रिटेन के साथ भागीदारी की
एमपी ग्रेग बार्कर, और कोलकाता के मेयर श्री सोवन चटर्जी ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

जलवायु परिवर्तन मामलों के राज्य मंत्री और भारत के साथ व्यापार अनुबन्ध मामले के ब्रिटेन के मंत्री ग्रेग बार्कर, एमपी, एवं कोलकाता के मेयर श्री सोवन चटर्जी ने, शहर के लिए कॉरपोरेशन के 2020 विजन स्ट्रेटेजी के भाग के रूप में, दीर्घकालिक, निम्न कार्बन एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील कोलकाता के विकास में सहयोग देने के लिए ब्रिटेन तथा कोलकाता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के बीच आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन एमपी का कोलकाता दौरा संयोगवश एकसाथ हुआ। 1997 के बाद किसी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह पहला कोलकाता दौरा है।
कोलकाता जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यंत संवेदनशील है, चूंकि यह तेजी से बढ़ते जलस्तर, बाढ़ एवं जलवायु-प्रेरित आपदाओं के संपर्क में है। अभूतपूर्व स्तर पर तीव्र शहरीकरण जोखिम के अनुपात को तेजी से बढ़ता जा रहा है। कोलकाता नगर निगम विजन 2020 स्ट्रेटेजी के विकास के जरिए इन मुद्दों के समाधान के प्रति संवेदनशील है। विजन 2020 रणनीति कोलकाता के अगले 7 वर्षों में होने वाले विकास के लिए एक रूपरेखा साबित होगी। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त, कोलकाता के जरिए कार्यरत ब्रिटेन की सरकार निम्न कार्बन और जलवायु के प्रति संवेदनशील कोलकाता के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेगी, जिसे विजन 2020 योजना में शामिल किया जाएगा।
कोलकाता और ब्रिटेन की साझी ऐतिहासिक विरासत रही है। अब तक, ब्रिटेन ने कोलकाता में शहरी विकास के सहयोग में एक मजबूत भूमिका निभाई है। यह समझौता ज्ञापन अपने आप में पहला समझौता है जो जलवायु परिवर्तन के अवसरों और चुनौतियों पर ध्यान देने हेतु साथ मिलकर काम करने के लिए ब्रिटेन और कोलकाता को एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी।
कोलकाता में निम्न-कार्बन/जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर ब्रिटेन द्वारा किए गए मौजूदा कार्य पर भी संयुक्त रूप से कदम उठाए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं :
- क्लाइमेट स्मार्ट कोलकाता परियोजना - ब्रिटेन तथा प. बंगाल के अग्रणी विश्वविद्यालयों का सहयोगपूर्ण प्रयास
- निम्न-कार्बन वृद्धि को बढ़ावा देने हेतु प. बंगाल सरकार को उपयुक्त आर्थिक उपायों (नीतियों और विधानों) को अपनाने में मदद करने के लिए एक परियोजना।
- शहरी प्राधिकारों (प. बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात में) द्वारा बड़े पैमाने पर निम्न-कार्बन LED स्ट्रील लाइटों के इस्तेमाल में होने वाली बाधाओं की ओर ध्यान देने के लिए एक परियोजना।
- प. बंगाल में नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल पर राज्य के बिजली विभाग के साथ संभावित सहयोग।
- प. बंगाल के सांसदों और विधायकों को जलवायु परिवर्तन के अवसरों और चुनौतियों के प्रति संवेदनशील बनाना।