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भारतीय तेल कंपनियां ऑफशोर यूरोप में ब्रिटेन की कंपनियों के साथ भागीदारी की तलाश में

डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल ट्रेड (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग) इंडिया ‘भारत के तेल और गैस सेक्टर में मौजूद संभावनाओं’ पर 5 सितंबर को सत्र का आयोजन कर रहा है।

Offshore Europe

यूके के डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल ट्रेड (डीआईटी) द्वारा 5 से 8 सितंबर को एबरडीन स्थित ऑफशोर यूरोप की सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम इंजीनियर्स (एसपीई) में भारतीय तेल और गैस संगठनों के प्रतिनिधिमंडल को एकजुट किया जा रहा है।

प्रतिनिधिमंडल में भारतीय तेल व प्राकृतिक गैस निगम, भारतीय पेट्रोलियम उद्योग संघ और 4 निजी कंपनियां शामिल हैं। भारत और ब्रिटेन के बीच मौजूदा द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।

अप्रैल 2017 में आयोजित पहले यूके-इंडिया मिनिस्टीरियल एनर्जी फॉर ग्रोथ डायलॉग में ब्रिटेन के ऊर्जा राज्य सचिव ग्रेग क्लार्क और भारत के तेल एवं गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने तेल और गैस के क्षेत्र में दोनो देशों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की थी।

एसपीई ऑफशोर यूरोप द्वारा वैल्यू चेन के ग्लोबल इंडस्ट्री प्लेयर्स के साथ तकनीकी सत्र, सम्मलेन, कार्यशाला एवं प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है और ऊर्जा संसाधनों के विकास और उत्पादन में लगे सदस्यों को साथ लाया जाता है। इस कॉन्फ्रेंस से व्यवसाय और व्यापार को सबसे महत्वपूर्ण तकनीक की बराबरी करने और 50,000 से अधिक इंटरनेशनल अटेंडीज के ग्लोबल नेटवर्क से जुड़ने में मदद मिली है।

डीआईटी इंडिया द्वारा 5 सितंबर को भारत के “तेल और गैस सेक्टर में मौजूद संभावनाओं” पर सत्र का आयोजन किया जा रहा है। इस सत्र से भारतीय प्रतिनिधिमंडल को ब्रिटेन की प्रमुख एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन कंपनियों, वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी प्रदाताओं और विशेषज्ञ तकनीकी सेवा कंपनियों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलेगा।

इस सत्र के बाद भारत सरकार द्वारा सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उनके नवीनतम नीति सुधारों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसे नए इंटरनेशनल ऑपरेटरों को आकर्षित करने के लिए तैयार किया गया है।

ब्रिटिश उच्चायोग नई दिल्ली में व्यापार और निवेश के प्रमुख एंडी बार ने कहा:

इस शताब्दी की शुरुआत के बाद से, ब्रिटेन की कंपनियों द्वारा भारत के तेल और गैस उद्योग की कुल एफडीआई में से एक तिहाई से अधिक निवेश किया जा रहा है। ब्रिटिश पेट्रोलियम और शेल जैसी कंपनियां, यहां लंबे समय से उपस्थित हैं और भारत द्वारा अपने ऑफशोर, डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन को तेज करने के साथ नॉर्थ सी और कॉन्टिनेंटल शेल्फ़ में ब्रिटेन की विशेषज्ञता से 3,000 से अधिक कंपनियों के बिजनेस इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हुआ है जिसका मतलब है कि हमारी साझेदारी के आगे बढ़ने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

निवेश, सेवा, प्रौद्योगिकी और कौशल में व्यावसायिक भागीदारी की संभावनाओं की तलाश के लिए हम आने वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल और ब्रिटिश निवेशकों व एक्सपोर्ट-रेडी कंपनियों को साथ ला रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाओं का भी दौरा करेगा और जीई ऑयल एंड गैस, एक्सपो, रॉबर्ट गॉर्डन यूनिवर्सिटी और एसएमडी लिमिटेड जैसे यूके के संगठनों से मिलेगा।

मीडिया

अधिक जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करें

स्टुअर्ट एडम, प्रमुख,
प्रेस एवं कम्युनिकेशन्स
ब्रिटिश उच्चायोग, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

मेलः जागोरी धर

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DIT presence at Offshore Europe 2017

प्रकाशित 5 September 2017