भारत और ब्रिटेन द्वारा मिलकर बड़ी चीजों का निर्माण
दोनों प्रधानमंत्रियों- नरेंद्र मोदी और डेविड कैमरन ने मिलकर ब्रिटेन और भारत के बीच ‘ग्रेट’ सहयोग अभियान की शुरुआत का स्वागत किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के आह्वान के प्रतिक्रियास्वरूप ब्रिटेन द्वारा ब्रिटेन और भारत के बीच ‘ग्रेट’ सहयोग का उत्सव मनाने और उसे अनुप्रेरित करने के अभियान की शुरुआत की जा रही है। समय के साथ इस अभियान में ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, अत्याधुनिक विनिर्माण, वित्तीय सेवाओं और आधारभूत संरचना जैसे अनेक विषयों पर दोनों देशों को लाभ पहुंचाने वाले सहयोग के क्षेत्रों को प्रदर्शित किया जाएगा और उन्हें बढ़ावा दिया जाएगा।
पहला प्रदर्शन ‘ग्रेट सहयोग’ ब्रिटेन के बीपी पीएलसी और भारत के रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के बीच विकसित हो रही साझेदारी है जिससे अति आवश्यक ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है।
बीपी द्वारा 2011 में 7 अरब डॉलर के शुरुआती निवेश के बाद बीपी और आरआईएल की योजना है गहरे पानी में अन्वेषण के लिए 1.5 अरब डॉलर का निवेश करना और 2016 से उत्पादन आरंभ करना जिसमें से 50% अब तक व्यय किया चुका है। 2013 में घोषित हुए दो बड़े गैस की खोजों के अतिरिक्त यह निवेश उत्पादन को जारी रखने और रिकवरी में सुधार लाने के लिए भारत में पहली बार गहरे पानी से गैस निकालने के लिए विश्वस्तरीय अग्रणी तकनीक इस्तेमाल करने की क्षमता देता है।
उनकी साझेदारी के तहत बीपी की तकनीक और कौशल का रिलायंस के संचालन और परिचालन क्षमता का संयोजन हुआ है जिसके परिणामस्वरूप दो प्रमुख अन्वेषण और अतिरिक्त उत्पादन करने में कामयाबी मिली है। नियामक निर्णयों के तहत आरआईएल और बीपी गहरे पानी स्थित अपने के6 डी6 ब्लॉक के नए फील्ड्स में 30-40 खरब (3-4 ट्रिलियन) घन फीट गैस के उत्पादन के लिए 10 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश के लिए इच्छुक हैं।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा:
मैं ब्रिटेन का भारत के साथ संबंधों की व्यापकता पर गौरवान्वित महसूस करता हूं। स्टैंडर्ड चार्टर्ड, जीएसके, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, बीपी और वोडाफोन अपना व्यवसाय भारत में दशकों से कर रहे हैं। और टाटा, महिन्द्रा और सीआईपीएलए जैसी भारतीय कंपनियां ब्रिटेन और भारत में काम कर रही हैं जिससे हमारे दोनों देश लाभान्वित हैं।
उन सभी क्षेत्रों में जिनमें हम मिलकर काम कर रहे हैं, इस अभियान के जरिए मैं ऐसे और भी ‘ग्रेट’ सहयोग को बढ़ावा देने और उन्हें प्रदर्शित करने को इच्छुक हूं। यह प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को हमारे समर्थन को रेखांकित करता है और ब्रिटेन और भारत्र द्वारा साथ मिलकर महान चीजों के निर्माण का हर्षोत्सव मनाता है।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा:
मुझे इस बात की खुशी है कि ब्रिटेन की सरकार द्वारा समर्थित ब्रिटिश उद्योग ‘मेक इन इंडिया’ के हमारे आह्वान पर उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दे रहा है। ब्रिटेन हमारा एक सबलतम आर्थिक साझेदार और भारत में एक अग्रणी निवेशक है। ब्रिटेन को तकनीक और अभिनव खोजों के क्षेत्र में उसकी क्षमता के लिए जाना जाता है। अपने बाजार, कुशल मानव संसाधन, प्रतिस्पर्धी आर्थिक वातावरण और अवस्थिति के जरिए भारत विशाल अवसर मुहैया करता है।
साथ ही, हमारे व्यवसाय हमारे समान लोकतांत्रिक राजव्यवस्था, कानून का शासन, भाषा और प्रबंधन व्यवहारों के बीच परिचालित होते हैं। दोनों देशों को विशाल फायदे दिलाने वाली सफल साझेदारी के निर्माण का यह एक ठोस और कारगर संयोजन का निर्माण करता है। मुझे उम्मीद है, भारत का नया निवेश-वातावरण भारत में विनिर्माण आधारों की स्थापना के लिए बड़ी संख्या में ब्रिटिश कंपनियों को भी आकर्षित करेगा।
आरआईएल के अध्यक्ष मुकेश अंबानी और बीपी समूह के चीफ एक्जीक्यूटिव बॉब ड्यूडले ने संयुक्त रूप से कहा:
मेक इन इंडिया प्रयास के समर्थन में ‘ग्रेट’ सहयोग की शुरुआत करते हुए हमें बड़ी प्रसन्नता हो रही है। हमारी साझेदारी अत्याधुनिक तकनीक पेश करने और कौशल के निर्माण क्षेत्रों में है जो ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने की भारत की आकांक्षा का अंग है। हमारे दोनों देशों के बीच का संबंध इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि भारत और ब्रिटेन साथ मिलकर काम करते हुए कितना कुछ हासिल कर सकते हैं।
एफडीआई के लिहाज से देखें तो ब्रिटेन पहले से भारत में सबसे बड़ा जी20 ‘निर्माता’ है। पिछले साल ब्रिटेन ने भारत 3.2 अरब डॉलर का निवेश किया जो कि भारत में विनेश करने वाले जी20 के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े निवेशकों के सम्मिलित निवेशों से अधिक है। 2000 से भारत में हुए सभी निवेशों को जोड़ कर देखा जाए तब भी ब्रिटेन सबसे बड़ा जी20 निवेशक है जो भारत में आने वाले एफडीआई के समग्र प्रवाह का 10% मुहैया करता है। इसी तरह, भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में लगभग सबसे बड़े निवेशक हैं। इन आपसी सहयोगों के जरिए विकसित नवप्रवर्तन से दोनों ही देशों को बहुत लाभ पहुंचा है।
नवप्रवर्तन और रचनात्मकता के क्षेत्र में यूके की मुख्य ताकत और भारत की बेमिशाल क्षमता, कुशल और प्रतिभाशाली कार्यबल तथा प्रगति की महत्वाकांक्षा ब्रिटेन और भारत को एक दूसरे का स्वाभाविक सहयोगी साझेदार बनाता है।
आगे की जानकारी:
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वाइब्रेंट गुजरात में ब्रिटेन एक साझीदार देश है। लॉर्ड लिविंगस्टन की अगुवाई में, वाइब्रेंट गुजरात में 60 से ज्यादा कंपनियां तथा 100 से ज्यादा प्रतिनिधि ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो 2015 में किसी भी देश का सबसे विशाल प्रतिनिधिमंडल है। इसके अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में आधुनिक अभियंत्रण, विनिर्माण, खुदरा व्यापार, वित्तीय सेवाएं, अवसंरचना, अभिकल्पना, तथा शिक्षण क्षेत्र शामिल हैं। ब्रिटिश प्रतिनिधियों की श्रेणी में वैश्विक मुख्य परिचालन प्रबंधकों, यथा- वोडाफोन के विटोरियो कोलाओ, तथा रिओ टिंटो के सैम वाल्श जैसे दिग्गजों से लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में छोटे स्तर पर वैश्विक अग्रणी खिलाड़ियों, यथा- डेलकेम और रिकार्डो तक की उपस्थिति है। लॉर्ड लिविंग्स्टन स्वयं बीटी के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक रह चुके हैं तथा ब्रिटेन सरकार के वाणिज्य तथा निवेश एजेंडे का नेतृत्व करते हैं।
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ब्रिटेन भारत में सबसे बड़ा जी20 निवेशक है, तथा भारत ब्रिटेन में समस्त यूरोपीय संघ से ज्यादा निवेश करता है। दोनों देशों के लिए ब्रिटेन-भारत संबंध, अन्य किसी भी वस्तु की अपेक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, जो वाइब्रेंट गुजरात में सहभागिता के माध्यम से और ज्यादा मजबूत होंगे।
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गत वर्ष ब्रिटेन ने भारत में 3.2 अरब डॉलर का निवेश किया था, जो किसी भी जी20 देश के निवेश से ज्यादा है तथा जापान (1.7 अरब डॉलर) तथा अमेरिका (मात्र 1 अरब डॉलर से भी कम), के संयुक्त निवेश भी ज्यादा है, जो क्रमशः द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर आते हैं।
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विगत 14 वर्षों के कुल निवेश के योग के रूप में भी, ब्रिटेन का जी20 देशों में पहला स्थान है और इस अवधि में भारत में किए गए कुल निवेश में इसकी ~10% की भागीदारी रही है।
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भारत ब्रिटेन के सबसे बड़े निवेशकों में से एक है तथा यह संपूर्ण यूरोपीय संघ में संयुक्त रूप से किए गए कुल निवेश से अधिक निवेश केवल ब्रिटेन में करता है।
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2008 से लेकर 2013 तक दोनों देशों के परस्पर व्यापार में 50% से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई, जो ब्रिटेन तथा भारत की अर्थव्यवस्था में आई मंदी के बावजूद ~11 अरब से बढ़कर ~16.5 अरब हो गया।
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वित्तीय वर्ष 2014 के लिए थॉमस रायटर के भारत एम&ए पुनरीक्षण के अनुसार, एम&ए गतिविधि मूल्य के संदर्भ में संप्रति ब्रिटेन भारत में सबसे बड़ा निवेशक है, जो 23 घोषित करारों में 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रहा है, तथा जिसकी 2014 के दौरान भारत की आंतरिक आर्थिक गतिविधियों में 25.3% फीसदी की भागीदारी है।
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ब्लॉक केजी डी6 के डी1डी3 और डी26 में आरआईएल-बीपी द्वारा अपनाई जाने वाली तकनीक में शामिल हैं गहरे पानी के गैस फील्ड के लिए सरफेक्टैंट्स, गैस रिसाइक्लिंग और जटिल साइड ट्रैक कुओं का खुदाई कार्य।
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आरआईएल और बीपी का मानना है कि केजी डी6 गहरे पाने के ब्लॉक के नए फील्ड्स से 30-40 खरब (3-4 ट्रिलियन) घन फीट गैस के उत्पादन के लिए लगभग 10 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश दीर्घकालीन घरेलू गैस कीमतों की स्पष्टता पर निर्भर करते हैं।
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