पार्लियामेंट स्कवायर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण 14 मार्च को
स्मारक के लिए गांधी स्टैच्यू मेमोरियल ट्रस्ट ने चंदे के रूप में दस लाख पाउंड की धनराशि का लक्ष्य बिन्दु पार किया।
अहिंसक नागरिक अधिकार आंदोलन के प्रेरणा स्वरूप महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण 14 मार्च को लंदन के पार्लियामेंट स्कवायर में किया जाएगा, इस आशय की घोषणा प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने की।
स्वराज के लिए संघर्ष आरंभ करने हेतु दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के इस ग्रीष्म ऋतु में 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर यह कांस्य प्रतिमा मुख्य आकर्षण होगी।
प्रतिमा के लिए, गांधी स्टैच्यू मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा चंदे के रूप में दस लाख पाउंड के बिन्दु को पार कर लेने के बाद प्रतिमा के अनावरण की तिथि घोषित की गई।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा:
महात्मा गांधी एक प्रेरणा हैं। अहिंसा के प्रति उनका योगदान हमेशा के लिए एक सकारात्मक विरासत के रूप में समझा जाएगा – केवल ब्रिटेन और भारत के लिए ही नहीं बल्कि संपूर्ण संसार के लिए। वह अत्यंत व्यापक अंतर्दृष्टि वाले महापुरुष थे और उनके कई सारे अवलोकन आज भी उतने ही नवीन और प्रासंगिक लगते हैं जितने कि ये उस समय पहली बार थे – जो बदलाव हम दुनिया में देखना चाहते हैं वही हमें खुद में लाना चाहिए, उनकी यह सलाह समयातीत है और हम सबको इसका पालन करना है। पार्लियामेंट स्वायर की यह प्रतिमा न केवल हम दोनों देशों के इतिहास में उनके महान महत्व को रेखांकित करता है बल्कि दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच मैत्री के मजबूत बंधन को और समृद्ध करेगी।
समानता के आधार पर आपसी सम्मान, सहयोग, वाणिज्य और बेशक आज हमारे दोनों देशों को निकट लाने वाले ब्रिटेन में निवास करने वाले पंद्रह लाख प्रवासी भारतीयों के जरिए भारत के साथ हमारा संबंध आपसी लाभ के साथ हमेशा प्रगाढ़ रहा है और निरंतर मजबूत हो रहा है।
गांधी स्टैच्यू स्पेशल एडवाइजरी बोर्ड के अध्यक्ष और संस्कृति मंत्री साजिद जाविद ने कहा:
गांधी इतिहास के सर्वाधिक प्रेरक महापुरुषों में से एक हैं और यह प्रतिमा अहिंसा, शांतिपूर्ण प्रतिरोध के उनकी शिक्षा का एक उपयुक्त प्रतीक होगी। साथ ही आज ब्रिटेन का भारत के साथ जो संबंध और मैत्री है उसकी क्षमता भी इससे रेखांकित होती है।
इस अभियान को सफल करने हेतु धन जुटाने के लिए मैं लॉर्ड देसाई और गांधी स्टैच्यू मेमोरियल ट्रस्ट के कार्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं। यह सच है कि गांधी की शिक्षा और कार्य भुलाए नहीं गए हैं और यह प्रतिमा उनकी विरासत को जीवित रखेगी और उनकी अनुपम जीवन गाथा से युवा पीढ़ी प्रेरणा पाएगी।
गांधी स्टैच्यू मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष लॉर्ड देसाई ने कहा:
गांधी के पसंदीदा शहरों में एक, लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर में उनका स्मारक होना बहुत अच्छी बात है। वह प्रथम भारतीय हैं और बिना किसी सार्वजनिक पद पर रहे ऐसे प्रथम व्यक्ति हैं जिनकी इस स्कावयर में मूर्ति होगी।
ब्रिटेन, भारत और दुनिया भर के उदार दान-दाताओं ने एक पाउंड की राशि से लेकर सैकड़ों हजारों पाउंड तक की राशि का योगदान दिया है। गांधी स्टैच्यू मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से हम उन सबको धन्यवाद देते हैं जिन्होंने छह महीने में दस लाख पाउन्ड की राशि से अधिक जुटाने के अभियान को संभव बनाने में अपना सहयोग दिया है। जैसा कि गांधी कहते थे, ‘यदि साध्य उचित है तो साधन अवश्य जुटेंगे’।
‘एक्सचेकर सेक्रेटरी टू द ट्रेजरी’ और ब्रिटेन भारतीय समुदाय की चैम्पियन प्रीती पटेल ने कहा:
गांधी की प्रतिमा लोकतंत्र की एक अद्वितीय प्रतीक होगी और वास्तविक महानता से भूषित एक महापुरुष के जीवन को प्रतिबिम्बित करेगी।
उनकी जीवन गाथा और उनके कार्य ऐसे हैं जिससे संपूर्ण मानवता शिक्षा ले सकती है और अनुप्राणित हो सकती है, और बेशक हम आज ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय में इसे प्रतिबिम्बित होता देख सकते हैं। प्रतिमा भारत के साथ हमारे मजबूत संबंधों के प्रति एक चिरस्थाई श्रद्धांजलि होगी।
प्रतिमा का निर्माण विख्यात ब्रिटिश मूर्तिकार फिलिप जैक्सन कर रहे हैं जो क्वीन मदर और बॉम्बर कमांड की मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं। इस प्रतिमा पर जैक्सन ने जुलाई में काम शुरू किया।
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स्टुअर्ट ऐडम, निदेशक,
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