विश्व की समाचार कथा

फ़ुटबॉल मुस्कान और नीता के लिए सपनों का द्वार है

ऑस्कर फाउंडेशन में, मुंबई और झारखंड के निचले सामाजिक-आर्थिक समुदायों की ये लड़कियां अपने 'किक लाइक ए गर्ल' पर गौरवान्वित हैं।

KickLikeaGirl

20 वर्षीय नीता काचाप पहली बार मुम्बई आईं हैं और वह पहली बार झारखंड के ओरमांची जिले के बाहर आईं है। उनके तीन भाई-बहन हैं जो कभी झारखंड से बाहर नहीं गए हैं क्योंकि वह उसका खर्च वहन नहीं कर सकते हैं। नीता गरीबी, शिक्षा पर रोक, जल्दी शादी की संभावना जैसी सभी बाधाओं को चुनौती देने में कामयाब रही हैं- ताकी वह फुटबॉल खेल सकें।

कार्यक्रम से पहले नीता ने कहा:

गांव के लोग हमारा मज़ाक उड़ाते थे, हमारा उपहास करते हुए कहते थे कि लड़कियां शॉर्ट्स कैसे पहन सकती हैं, लड़कियां लड़को का खेल फुटबॉल कैसे खेल सकती हैं। मैं कुछ ऐसा करने को सोचती थी जिससे ग्रामीणों की सोच को बदला जा सके।

एक युवा लीडर के तौर पर, मुंबई की चैरिटी ऑस्कर फाउंडेशन ( ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर सोशल चेंज, अवेयरनेस, एंड रिस्पांसिबिलिटी) से प्रशिक्षण लेकर नीता अब दो साल से फुटबॉल खेल रही है और अपने नए आत्मविश्वास के अलावा वह अपने गांव की युवा लड़कियों के लिए एक रोल-मॉडल बन गई है।

नीता ने कहा:

फुटबॉल ने मेरे जीवन को बदल दिया है। मेरे परिवार और गांव वालों ने शुरू में मुझ पर शादी करने के लिए दबाव डाला। अब वे देखते हैं कि अपनी शिक्षा के प्रति कितनी गंभीर हूं।

ब्रिटिश उप उच्चायोग के साथ मिलकर ऑस्कर फाउंडेशन, ‘किक लाइक ए गर्ल’ जैसे प्रोजेक्ट के माध्यम से भारत के निचले सामाजिक-आर्थिक समुदायों की युवा लड़कियों को फुटबॉल के माध्यम से लैंगिक असमानता की पहचान करने और उन्हे चुनौती देने में सशक्त बनाना चाहता है। नवंबर 2017 में और जनवरी 2018 में प्रशिक्षण सत्र के माध्यम से इस साल यह प्रोजेक्ट कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के द्वारा लिंग असमानताओं को चुनौती देने के लिए पूरे भारत भर में वंचित समुदायों की 90 लड़कियों की सहायता करेगा।

ब्रिटिश उप उच्चायोग मुंबई ने 2016 से ऑस्कर के कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का सहयोग किया है। अपने दूसरे वर्ष में, ट्रेनिंग मॉड्यूल्स के अंतर्गत झारखंड, मुंबई, ठाणे और आसपास के क्षेत्रों की युवा लड़कियां शामिल हैं। 50 युवा लड़कियों के प्रशिक्षण के साथ शुरूआत करते हुए, ऑस्कर ने इस साल 100 युवा लड़कियों के साथ अपनी पहुंच को दोगुना किया है और पर्सनालिटी डेवलपमेंट, रिप्रोडक्टिव हेल्थ, टीम बिल्डिंग सेशन के माध्यम से उन्हें यह समझाया है कि कैसे शिक्षा उनके जीवन को सुधारने में सहायक हो सकता है।

कोलाबा के गणेश मुर्तिनगर की मुस्कान सिंह कंपनी सेक्रेटरी और फुटबॉल या कबड्डी कोच बनना चाहती हैं। इस 16 वर्षीय लड़की 3 भाई बहन हैं और उनके परिवार को इस बात का चयन करना पड़ा कि कौन स्कूल जाएगा और कौन नहीं । जब मुस्कान के पिता ने यह फैसला किया कि वह 10वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई के बजाय घरेलू कामों में अपनी माँ का हाथ बटाएंगी तो उसने इसका विरोध किया।

कार्यक्रम के बारे में उसने कहा:

मुझे कॉलोनी में अन्य बच्चों के माध्यम से ऑस्कर के बारे में पता चला। मुझे पता था कि मुझे इस प्रशिक्षण का हिस्सा बनना है। फुटबॉल से मुझे लक्ष्य की समझ हुई। अब मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ उन फैसलों पर सवाल करती हूं जो मुझे सीधे प्रभावित करते हैं।

प्रत्येक वर्कशॉप में छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल है जिसका आयोजन 10-15 जनवरी, 2018 को वाईएमसीए मुंबई सेंट्रल में किया जाएगा।

महिला सशक्तिकरण के व्यापक विषय के अंतर्गत कार्यक्रम की प्रतिभागियों को निम्न चार क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा:

  • नेतृत्व और व्यक्तित्व विकास
  • प्रभावी संचार
  • नागरिकता (अधिकार और कर्तव्य)
  • समुदायिक स्तर पर कार्रवाई / बदलाव का प्रबंधन।

आगे की जानकारी:

ऑस्कर फाउंडेशन

ऑस्कर फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो फुटबॉल के माध्यम से, शिक्षा के महत्व को बताता है और वंचित तबके के बच्चों और युवाओं को अपने समुदाय के विकास की ज़िम्मेदारी लेने के लिए जीवन कौशल सिखाता है। जीवन कौशल के साथ मिलती है। अशोक शंकर राठौड़ ने दो अन्य संस्थापक सदस्यों के साथ, 2006 में ऑस्कर फाउंडेशन की शुरुआत की थी।

मीडिया

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प्राची जतानिया
प्रेस और संचार प्रमुख
ब्रिटिश उप उच्चायोग, मुंबई
टेलीफोन: 91 22 6650 2235 | मोबाइल: +91 7045497517

मेल करें: प्राची जतानिया

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प्रकाशित 10 January 2018