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वित्त मंत्री सुनक और सीतारमण के बीच ऐतिहासिक बातचीत

आज यूके और भारत ने वित्तीय सेवाओं, बुनियादी ढांचे और स्थायी वित्त पर समझौता किया, जिससे दोनों देशों में नौकरियों और निवेश में बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

Chancellor Rishi Sunak

आज यूके और भारत ने वित्तीय सेवाओं, बुनियादी ढांचे और स्थायी वित्त पर समझौता किया, जिससे दोनों देशों में नौकरियों और निवेश में बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

यूके और भारत के बीच ऐतिहासिक 10वीं ‘इकनोमिक एंड फाइनेंसियल डायलाग’ (आर्थिक और वित्तीय वार्ता) या इ.फ.डी के दौरान, ब्रिटेन के चांसलर ऋषि सुनक और भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भविष्य के आर्थिक संबंधों को बनाने के लिए मुलाकात की।

यूके और भारत के बीच मजबूत निवेश संबंध है, यूके और भारतीय निवेश के मध्यम से एक-दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं में आधा मिलियन से अधिक नौकरीयाँ प्रदान करते हैं। 2007 में भारत के साथ पहले इ.फ.डी के बाद से भारत के साथ ब्रिटेन का द्विपक्षीय व्यापार 2019 में लगभग दोगुना से अधिक £24 बिलियन के आसपास हो गया है।

चांसलर और वित्त मंत्री ने कोरोनोवायरस के कारण उत्पन्न हुए वैश्विक आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए एक साथ कार्य को जारी रखने के महत्व पर चर्चा की, यूके और भारत पहले से ही G20 के एक्शन प्लान के सह-लेखक के तरह सामने से नेतृत्व कर रहे हैं, और स्थायी वित्तपोषण के साथ जलवायु परिवर्तन से निपट रहे हैं।.

ब्रिटेन के राजकोष के चांसलर, ऋषि सुनक ने कहा:

भारत के साथ ब्रिटेन का आर्थिक और वित्तीय संबंध पहले से अधिक वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण हैं। आज हमनें एक समझौते पर हस्ताक्षर कर और भी निवेश बढ़ाने और नौकरियां पैदा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और भी करीब लाने का वादा किया। हम वैश्विक आर्थिक सुधार को गति देने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं क्योंकि हम महामारी के बाद बेहतर तरीके से उबर रहे हैं जिससे वैश्विक आर्थिक सुधार के अगुआ बन सकें।

आज हुए समझौते में शामिल है:

  • एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (जी.आई.एफ.टी) सिटी के विकास में तेजी लाने के लिए नई रणनीतिक साझेदारी शामिल है, जिसमें नए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के लिए नियामक क्षमता भवन निर्माण शामिल है
  • ढाँचागत पॉलिसी और वित्तपोषण पर यूके-इंडिया के बीच एक नए साझेदारी जिसमें ब्रिटेन अपने वाणिज्यिक विशेषज्ञता और वित्तपोषण के मदद से भारत के राष्ट्रीय ढाँचागत क्षेत्र में सहयोग करेगा
  • नए यूके-इंडिया सस्टेनेबल फाइनेंस फोरम के माध्यम से निजी पूंजी को ग्रीन इन्वेस्टमेंट की तरफ मोड़ने के लिए सहयोग को मजबूत करना
  • वित्तीय प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में उद्योग द्वारा नेतृत्व किए गए भारत-यूके वित्तीय भागीदारी जिससे नजदीकी वित्तीय संबंधों का पता लगाया जा सके, उसके लिए एक नया जनादेश
  • यूके और भारतीय कम्पनीयों के लिए नियामक और बाजार में पहुंचने की बाधाओं को दूर करने के लिए एक नया वित्तीय बाजार संवाद बनाना
  • यूके रिसर्च एंड इनोवेशन और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा यूके और भारत में दक्षिण एशियाई आबादी में कोविड के प्रभाव को समझने के लिए अनुसंधान सहयोग में £8 मिलियन तक का संयुक्त निवेश।

वार्ताओं के दौरान, चांसलर ने ब्रिटेन को भारत के कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय पूंजी जुटाने के लिए उपयुक्त बताया, और लंदन स्टॉक एक्सचेंज में भारतीय कंपनियों को सूचीबद्ध करने के निर्णय का स्वागत किया - यूके केवल सात क्षेत्राधिकारों में से एक है।

मंत्रियों ने भारत की विदेशी निवेश सीमा में वृद्धि के माध्यम से बीमा में निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों का पता लगाने पर भी सहमति व्यक्त की।

यूके और भारत ने वित्तीय प्रौद्योगिकी पर एक मजबूत साझेदारी का निर्माण किया है, और मंत्रीयों ने और तेजी से और सस्ते यूके-भारत के भुगतान प्रवाह को सुविधाजनक बनाने पर सहयोग करने के लिए सहमत हुए।

मंत्रियों ने यूके की G7 और सी.ओ.पी की अध्यक्षता और 2022 में भारत की G20 की अध्यक्षता के माध्यम से एक साथ मिलकर काम करके दुनिया की आर्थिक सुधार का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की।

इ.फ.डी के अलावा, चांसलर ने यूके-इंडिया इंवेस्टिंग फॉर ग्रोथ फोरम में उद्योग जगत के लोगों को संबोधित किया, जिसका आयोजन लंदन कॉरपोरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने किया था। चांसलर ने यूके और भारत के एक साथ काम करने की व्यापक क्षमता पर प्रकाश डाला जिससे ग्रीन सस्टेनेबल वित्त प्रवाह को चलाया जा सके और अधिक मजबूत द्विपक्षीय निवेश उत्पन्न हो सके।

संपादकों के लिए नोट्स

  • चांसलर और वित्त मंत्री द्वारा हस्ताक्षरित संयुक्त विवरण यहाँ उपलब्ध है
  • भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया और इसमें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष अजय त्यागी और भारतीय रिज़र्व बैंक के दो उप-गवर्नर शामिल थे। यूके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चांसलर ऋषि सुनक ने किया और इसमें बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली और वित्तीय आचरण प्राधिकरण के सी.ई.ओ निखिल राठी शामिल थे।
  • यूके-भारत निवेश: यूके पिछले 10 वर्षों में भारत में दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला G20 निवेशक है। ब्रिटेन की कंपनियों ने 2000 के बाद से भारत में लगभग £22 बिलियन का निवेश किया है, जिससे 422,000 से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं। यूके भारत का दूसरा सबसे बड़ा अनुसंधान भागीदार है, जिसकी संयुक्त अनुसंधान 2021 तक £400 मिलियन तक होने की उम्मीद है। यूके में भारतीय निवेश भी मजबूत है। यूके में 800 से अधिक भारतीय कंपनियां 110,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती हैं। 120 नई परियोजनाओं और 2019-20 में 5,000 से अधिक नई नौकरियों के साथ भारत अब निवेश की संख्या के मामले में ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
  • फिनटेक: भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस सिस्टम और यूके पेमेंट सिस्टम के बीच अधिक सहयोग के लिए संभावित विकल्पों का पता लगाने और यूके में रूपे कार्ड की अधिक से अधिक स्वीकार्यता के लिए समझौता किया गया। मंत्रियों ने फिनटेक अवार्ड्स मेंटरशिप कार्यक्रम का दूसरा दौर, जिससे इनोवेटिव भारतीय फिनटेक स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान की जा सके और भारतीय वित्तीय नियामकों (आर.बी.आई, आई.आर.डी.एई, पी.एफ.आर.डी.ए) के ग्लोबल फाइनेंशियल इनोवेशन नेटवर्क में शामिल करने के निर्णय लेने के लिए खुशी जाहिर की, जहां उद्योग में नयापन को बढ़ावा देने के लिए यूके के साथ भागीदारी करेंगे।
  • अनुसंधान घोषणाएँ:
    • कोविड-19: यूके रिसर्च एंड इनोवेशन (यूकेआरआई) और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने हमारे अनुसंधानकर्ता संगठनों को यूके और भारत में रहने वाले दक्षिण एशियाई/भारतीय आबादी में सामूहिक रूप से कोविड-19 की गंभीरता उत्पन्न करने वाले कारकों को समझने और उसके निवारण के लिए £8 मिलियन के संयुक्त निवेश की घोषणा की है।
    • फ्लेमिंग फंड: प्रारंभिक £600 हज़ार के योगदान के साथ भारत के कोरोनावायरस रिस्पॉन्स प्लान और रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) का सहयोग करने के लिए, और भविष्य में एएमआर पर आगे के द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक मजबूत मंच बनाने के लिए, यूके के स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग ने भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक नए फ्लेमिंग फंड की घोषणा की
    • व्यापार:यूकेआरआई और इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च ने बदलते वैश्विक परिवेश में यूके-भारत व्यापार और सीमा पार निवेश के भविष्य पर एक सहयोगी अनुसंधान के तहत चार संयुक्त परियोजनाओं की घोषणा की। यह शोध द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में चुनौतियों और अवसरों का पता लगाएगा।

सैली हेडली, संचार प्रमुख
प्रेस और संचार, ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021. दूरभाष: 24192100

मेल करें: BHC Media Delhi

प्रकाशित 28 October 2020
पिछली बार अपडेट किया गया 30 October 2020 + show all updates
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