प्रेस विज्ञप्ति

यूकेईएफ के व्यापार वित्त सहायता को बढ़ावा देने के मद्देनजर डॉ. लियाम फॉक्स ने यूके-भारत वार्ता का आयोजन किया

डॉ लिअम फॉक्स ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु से दोनों देशों में बीच बृहत्तर सहयोग पर बातचीत करने हेतु लंदन में मुलाक़ात की।

12th meeting of the UK-India Joint Economic and Trade Committee (JETCO).

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव, डॉ. लियाम फॉक्स ने आज भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु से मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग पर चर्चा की गई और भविष्य में समृद्धि को बढ़ाने के लिए व्यापार और निवेश में आने वाली बाधाओं प भी चर्चा की गई।

यूके-भारत संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति (जेटको) की 12वीं बैठक में मंत्रियों के साथ यूके और भारत के वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया, जो 2016 में स्थापित यूके-भारत व्यापार कार्य समूह द्वारा की गई प्रगति पर होगा।

डॉ. फॉक्स ने यूके एक्सपोर्ट फाइनेंस (यूकेईएफ) की राष्ट्रीय निर्यात ऋण एजेंसी द्वारा ब्रिटेन के व्यवसायों को भारत के साथ व्यापार करने में सक्षम बनाने के लिए अपनी वित्तीय सहायता में दोगुनी से भी अधिक की घोषणा की। इसका मतलब है कि अब ब्रिटेन में निर्यात करने वाली ब्रिटेन कंपनियों के साथ-साथ ब्रिटेन के सामान और सेवाओं के भारतीय खरीदारों के लिए £ 4.5 बिलियन उपलब्ध कराया जाएगा।

भारत और यूके के बीच व्यापारिक संबंध बहुत मजबूत हुए हैं, 2016 में इसका मूल्य £15.7 बिलियन था, यूके द्वारा भारत में £5.8 बिलियन का निर्यात भी किया गया था। 2016 में भारतीय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का यूके में मूल्य £1.5 बिलियन था, जबकि भारत में यूके का निवेश 2016 में बढ़कर £13.2 बिलियन हो गया।

चूंकि यूके यूरोपीय संघ को छोड़ने की तैयारी कर रहा है, इसलिए द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में वृहद विस्तार होने की अपार संभावना है।

यूके और भारतीय कारोबारी, यूके की इंजीनियरिंग कंसलटेंसी अरुप और भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएल एंड एफएस) सहित, जेटको के साथ-साथ भी उन्नत विनिर्माण और स्मार्ट शहरों जैसे बढ़ते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीके के बारे में चर्चा करने मिले।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव डॉ. लियाम फॉक्स ने कहा:

मैं भारतीय मंत्रियों और बिजनस लीडर से मिलने के लिए उत्सुक हूँ जहां हम 2 देशों के बीच एक मजबूत व्यापार संबंध बनाने पर विचार करेंगे। भारत दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यूके में चौथा सबसे बड़ा निवेशक है, जबकि भारत में यूके का निवेश वर्ष 2016 में बढ़कर 8.8% हो गया।

40 वर्षों में पहली बार, यूके अपनी स्वतंत्र व्यापार नीति बना रहा है, और भारत हमारे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के विस्तार का केंद्र है। समृद्धि बढ़ाने, नौकरियां पैदा करने, कौशल विकसित करने और दोनों देशों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में दोनों ही देशों का साझा हित छुपा है।

एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विभाग के रूप में, हम व्यापार को बढ़ाने के लिए आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। इसमें यूके के निर्यातकों और हमारे वस्तुओं और सेवाओं के भारतीय खरीदारों के लिए व्यापार वित्त सहायता को दोगुना किया जाना शामिल है।

वार्ता के बाद, मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें निरंतर व्यापार साझेदारी के उद्देश्य को साझा किया गया, जिसमें साझा लाभ के लिए दोनों सरकारें और व्यवसाय हाथ से हाथ मिलाकर काम करेगी।

संपादकों के लिए

यूकेईएफ समर्थन अब भारतीय रुपयों में उपलब्ध है, जिससे भारतीय खरीदारों को अपनी मुद्रा में वित्त सहायता प्राप्त होगी और यूके से सोर्सिंग और अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगी।

यूके अप्रैल में सरकार के राष्ट्रमंडल प्रमुखों की बैठक (सीओओजीएम) की मेजबानी करेगा, जहां 52 राज्य प्रमुख और हजारों कारोबारी उपस्थित होंगे। भारत राष्ट्रमंडल को पुन: उत्साहित करने के लिए यूके के प्रयासों का केंद्र होगा, जो कि आधे से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करता है, एक विशाल विकासशील अर्थव्यवस्था और विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

प्रकाशित 11 January 2018