समाचार कथा

डिफक्सपो 2016: ब्रिटिश रक्षा तथा सुरक्षा कंपनियों को यूकेटीआई डीएसओ का समर्थन

डिफक्सपो के दौरान ब्रिटेन की मुख्य उपलब्धि भारत तथा ब्रिटेन के मध्य द्विपक्षीय बैठकें रहीं, जिनके परिणामस्वरूप ब्रिटिश कंपनी ने 193 मिलियन पौंड के समझौते पर सहमति व्यक्त की।

Philip Dunne MP, Minister Defence Procurement meets Manohar Parrikar, Indian Defence Minister at DEFEXPO 2016.

Philip Dunne MP, Minister Defence Procurement meets Manohar Parrikar, Indian Defence Minister at DEFEXPO 2016.

ब्रिटेन का मुख्य ध्यान रक्षा खरीद मंत्री के साथ भारतीय मंत्रियों तथा व्यवसायों की बैठकों के एक कार्यक्रम क्रियान्वयन पर, तथा ब्रिटिश समूह की 15 कंपनियों की सहायता पर केंद्रित था।

ब्रिटिश टीम ने वहां आनेवाले भारतीय तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात की और उनके साथ ब्रिटिश रक्षा उत्पादों की विस्तृत श्रेणी को प्रोत्साहित करने के संदर्भ में, एवं भारत में रक्षा उपकरणों के निर्माण की नीति, मेकिंग इन इंडिया की सुदीर्घ परंपरा पर चर्चा की।

इस 4 दिवसीय आयोजन की मुख्य गतिविधियां इस प्रकार रहीं:

  • 28 प्रतिनिधिमंडलों द्वारा ब्रिटिश पैवेलियन का दौरा
  • भारत के रक्षा मंत्री तथा भारतीय उद्योग दोनों के साथ मंत्रीस्तरीय द्विपक्षीय बैठकों का आयोजन
  • यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट डीफेंस एंड सेक्यूरिटी ऑर्गनाइजेशन (यूकेटीआई डीएसओ) के क्षेत्रीय निदेशक ने एक संयुक्त भारतीय उद्योग महासंघ (सीआईआई)/ भारत-ब्रिटेन सहयोग के विषय पर एडीएस सम्मेलन को संबोधित किया
  • एक यूकेटीआई डीएसओ अधिकारी ने भारतीय कंपनियों के लिए आपूर्ति श्रेणी में अवसरों के विषय पर सीआईआई सम्मेलन को भी संबोधित किया
  • 40 से ज्यादा मीडिया सहभागियों ने आकर्षक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय तथा विशेष कवरेज दिया, जिसके तहत एक ब्रिटिश कंपनी द्वारा 193 मिलियन पौंड की पनडुब्बी बचाव क्षमता के लिए हस्ताक्षरित निविदाएं सम्मिलित रही

ब्रिटिश कंपनियों की प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक रही, जो निम्न विषयों पर केंद्रित थीं:

  • नए और वर्तमान व्यावसायिक अवसर, जिन्हें आगे बढ़ाने में यह आयोजन सहायक होगा
  • यूकेटीआई डीएसओ से उन्हें प्राप्त महत्वपूर्ण सहयोग

डिफक्सपो 2016

डिफक्सपो के आयोजन-स्थल को नई दिल्ली से गोवा परिवर्तित करने से, रक्षा खरीद मंत्री, फिलिप डुन्ने एमपी के नेतृत्व में दौरे पर आई ब्रिटिश टीम के सामने नई चुनौतियां तथा अवसर खुले, जिसे निम्नलिखित का सहयोग प्राप्त था:

  • भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त
  • यूकेटीआई डीएसओ क्षेत्रीय निदेशक
  • रक्षा कर्मचारीगण
  • रक्षा आपूर्ति के प्रथम सचिव (एफएसडीएस)
  • यूकेटीआई डीएसओ

यूकेटीआई डीएसओ की कौन से आयोजनों में सम्मिलित होने की योजना है, तथा ब्रिटिश कंपनियों के लिए कौन सी सहायता उपलब्ध है, इसके बारे में पता करने के लिए कृपया देखें: रक्षा तथा सुरक्षा निर्यात: आयोजन तथा प्रदर्शन सहायता

प्रकाशित 7 April 2016