विश्व की समाचार कथा

ग्रेट ब्रिटेन वाद-विवाद कौशल का भोपाल में उत्सव

ग्रेट ब्रिटेन डिबेट के भोपाल संस्करण में इंस्टीट्यूट फॉर एक्सीलेंस इन हायर एजुकेशन (आईईएचई) विजेता रहा।

Shreya Pandey and Ramsha Ansari

Shreya Pandey and Ramsha Ansari of the Institute for Excellence in Higher Education (IEHE) were the winners of the Bhopal edition of the GREAT Britain Debate

आईईएचई, भोपाल की छात्राओं श्रेया पांडेय तथा राम्शा अंसारी को इस वर्ष के ग्रेट ब्रिटेन डिबेट की विजेता टीम घोषित किया गया, जिसका आयोजन सोमवार, 16 जनवरी, 2017 को जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी में किया गया था।

ग्रेट ब्रिटेन डिबेट प्रतियोगिता ब्रिटेन तथा भारत में जीवंत चर्चा तथा वाद-विवाद करने की साझा संस्कृति का एक विशिष्ट अवसर है। इस वाद-विवाद के भोपाल संस्करण का आयोजन, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के सहयोग से, वाद-विवाद कौशल को बढ़ावा देने तथा विद्यार्थी समुदाय के बीच सूचित विषय पर चर्चा को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया।

‘विमुद्रीकरण तथा भारतीय अर्थव्यवस्था’ विषय पर अभिरुचि तथा उत्साहपूर्ण वातावरण में कई सप्ताह तक तैयारी करने के बाद विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित वाद-विवाद में 15 टीमों ने भाग लिया। इस चौथे संस्करण में, ग्रेट ब्रिटेन डिबेट एक शानदार अवसर है जिसके माध्यम से ब्रिटिश उच्चायोग अगली पीढ़ी के साथ जुड़ता है। यह वाद-विवाद संस्कृति में ब्रिटेन तथा भारत की गहन अभिरुचि के आयोजन का अवसर है।

ग्रेट ब्रिटेन डिबेट के विजेताओं को एक किंडल, ब्रिटिश लाइब्रेरी की सदस्यता और हेसक्सेस प्रीमियम सदस्यता प्राप्त हुई।

ग्रेट ब्रिटेन डिबेट का आयोजन भारत में ब्रिटिश उच्चायोग नेटवर्क द्वारा चेवेनिंग स्कॉलरशिप्स के सहयोग से किया जाता है। इस वर्ष इस प्रतियोगिता का आयोजन दिल्ली, भोपाल, कोलकाता, हैदराबाद, विशाखापत्तनम, पटियाला, देहरादून और जयपुर में किया जा रहा है।

ग्रेट ब्रिटेन डिबेट 2016-17 अधिकतर उन मुद्दों के इर्द-गिर्द केंद्रित रहेगा जो ब्रिटेन तथा भारत के लिए प्राथमिक क्षेत्र रहे हैं, जिनके तहत अर्थव्यवस्था तथा वित्त, व्यवसाय करने की सुगमता, शहर तथा स्मार्ट सिटी के साथ अन्य मुद्दे भी सम्मिलित होंगे।

अन्य जानकारियां

  • सहयोगी संगठन: जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल
  • चेवेनिंग ब्रिटेन सरकार का एक प्रमुख विश्वस्तरीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम है, जिसके लिए विदेश तथा राष्ट्रमंडल कार्यालय तथा सहयोगी संगठनों द्वारा वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाती है। चेवेनिंग की शुरुआत 1983 में हुई और यह 160 से ज्यादा देशों में वार्षिक रूप से 1500 से ज्यादा की संख्या में निर्णय पश्चात प्रदान किया जाता है। अभी विश्व भर में 46,000 से ज्यादा चेवेनिंग के पूर्व छात्र हैं जिनमें 2,300 से ज्यादा भारत में हैं। चेवेनिंग इंडिया कार्यक्रम विश्वभर में सबसे बड़ा है जिसकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
    • 2016-17 के लिए 2.6 मिलियन पौंड का बजट (सहयोगी वित्तपोषण सहित)
    • स्नातकों के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में एक-वर्षीय परास्नातक कार्यक्रम हेतु लगभग 65 पूर्ण-वित्त छात्रवृत्तियां।
  • ब्रिटिश काउंसिल 1.5 मिलियन से ज्यादा की ग्रेट छात्रवृत्ति 2016-17 प्रदान कर रही है, जिसमें 291 छात्रवृत्ति 45 विश्वविद्यालयों के साथ सहभागिता में प्रदान किए जाएंगे। कुल मिलाकर 59 अंतरस्नातक और 232 परास्नातक छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी, जो इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स तथा उत्तरी आयरलैंड भर में, अभियंत्रण और कानून से लेकर कला और डिजाइन तक के विषयों तथा सूचना प्रौद्योगिकी के लिए होंगी।
  • राष्ट्रमंडल के विकासशील देशों के छात्रों के लिए राष्ट्रमंडल छात्रवृत्तियां ब्रिटेन में परास्नातक, पीएचडी तथा स्प्लिट-साइट (पीएचडी) अध्ययन के लिए प्रदान की जाती हैं। इन छात्रवृत्तियों को ब्रिटिश अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) द्वारा वित्तपोषण प्रदान किया जाता है। हर वर्ष औसतन 60 भारतीय छात्रों को राष्ट्रमंडल कार्यक्रम द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
  • द ग्रेट ब्रिटेन डिबेट 2016-17

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प्रकाशित 17 January 2017