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भारतीय टेक कंपनियों को वैश्विक बनने में मदद हेतु ब्रिटिश आईसीटी विशेषज्ञों का भारत दौरा

यह मल्टीसिटी कार्यक्रम हैदराबाद में शुरू होगा और इसके बाद मुंबई, बेंगलुरू, नई दिल्ली और त्रिवेन्द्रम में इसका आयोजन किया जाएगा।

भारत में यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) द्वारा ‘इंडिया – यूके टेक वीक’ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख ब्रिटिश और भारतीय कंपनियां 12-16 अक्टूबर 2015 के दौरान पांच शहरों में मिलकर भाग लेंगी।

ब्रिटिश विशेषज्ञता को प्रस्तुत करते हुए और इस बात पर बल देते हुए कि ये भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन को केन्द्र बनाकर अपने व्यवसाय वैश्विक स्तर पर विस्तारित करने में मदद कर सकती हैं, ये कार्यक्रम ऐसी भारतीय आईसीटी कंपनियां को जोड़ेगा जो अपने ब्रिटिश सहयोगियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों की तलाश में हैं।

आईसीटी पर यूकेटीआई सेक्टर विशेषज्ञ जॉन कैट ने कहा:

प्रौद्योगिकी क्षेत्र ब्रिटेन के लिए आर्थिक समृद्धि के सबसे बड़े सर्जकों में से एक है। पिछले दशकों में यह सर्वाधिक विकास करने वाले क्षेत्रों में शुमार रहा है और यह अन्य सभी औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण रहा है। यूके टेक सेक्टर का यूके जीवीए में 8% का योगदान रहा है और यह 12 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उस नवप्रवर्तन का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन में विकसित हो रहा है।

भारत-ब्रिटेन टेक वीक ब्रिटिश प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर प्रकाश डालेगा और भारतीय कंपनियों को यह समझने में मदद करेगा कि क्यों ब्रिटेन वैश्विक बाजारों तक पहुंचने का एक बेहतरीन माध्यम है।

ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल यह बताने के लिए प्रत्येक क्षेत्र की भारतीय कंपनियों से मुलाकात करेगा कि उनके लिए वैश्विक स्तर पर अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद के लिए ब्रिटेन के पास कैसी क्षमताएं और अवसर मौजूद हैं।

ब्रिटिश उच्चायोग के विज्ञान एवं नवप्रवर्तन टीमों के विशेषज्ञों द्वारा भी ब्रिटेन के सफल नवप्रवर्तन और इनक्युबेशन मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनका लक्ष्य होगा नवप्रवर्तन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना और नवस्थापित भारतीय कंपनियों द्वारा ब्रिटेन में नए निवेश के अवसर तलाशना।

उन्होंने कहा:

ब्रिटेन का सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं का बाजार पश्चिमी यूरोप के सबसे बड़े बाजारों में शुमार है जो सालाना 58 अरब का है। वाहन उद्योग, वित्तीय सेवाओं, रिटेल और लॉजिस्टिक्स सहित अनेक प्रकार के क्षेत्रों में ब्रिटेन सॉफ्टवेयर विकास की अपनी विशिष्ट क्षमता के लिए विख्यात है।

भारतीय कंपनियों को वीजा एक्सपर्ट्स और आप्रवासन सॉलिसिटर्स के साथ मुलाकात करने के मौके भी मिलेंगे जो ब्रिटेन में व्यवसाय स्थापित करने के इच्छुक भारतीय कंपनियों को परामर्श दे सकते हैं।

आगे की जानकारी:

अपने-अपने क्षेत्र में इन कार्यक्रमों में भाग लेने को इच्छुक कंपनियां यूकेटीआई प्रतिनिधिमंडल से इस कार्यक्रम सूची के अनुसार मुलाकात कर सकती हैं:

कार्यक्रम सूची

शहर दिनांक दिन समय स्थान
हैदराबाद 12.10.2015 सोमवार 1830-2030 बजे हैदर महल, आईटीसी, बेगमपेट
मुंबई 13.10.2015 मंगलवार 1000-1400 बजे लीला, सहार, मुंबई
बेंगलुरू 14.10.2015 बुधवार 0930-1650 बजे आईटीसी विंडसर, सैंकी रोड
नई दिल्ली 15.10.2015 वृहस्पतिवार 1700-1930 बजे ताज मान सिंह (यह सत्र 14-16 अक्टूबर के व्यापक CyFy कॉन्फ्रेंस का हिस्सा है
त्रिवेन्द्रम 16.10.2015 शुक्रवार 0930-1600 बजे होटल हिल्टन
  • 100 साल से भी अधिक समय से ब्रिटेन भारतीय निवेशकों के लिए लोकप्रिय निवेश गंतव्य रहा है।
  • 45,000 नौकरियों के साथ ब्रिटेन में टाटा विनिर्माण क्षेत्र के सबसे बड़े रोजगार प्रदाता हैं और कोवेंट्री के अपने शोध एवं विकास केंद्र में टाटा ने बड़ी उदारतापूर्वक निवेश किए हैं।
  • 122 FDI में ब्रिटेन में भारतीय निवेश से 2014-2015 में 7730 नए रोजगार और 1620 सुरक्षित नौकरियों का सृजन हुआ।
  • 2014-15 में ब्रिटेन ने रिकॉर्ड संख्या में निवेश परियोजनाएं हासिल की और यूरोप में निवेश के गंतव्य के रूप में इसका स्थान सर्वोच्च बना हुआ है।
  • स्वास्थ्य सेवा, एग्रीटेक, खाद्य और पेय भारत से ब्रिटेन में होने वाले निवेश के प्रमुख क्षेत्र हैं।
  • ब्रिटेन में व्यवसाय स्थापना की औपचारिकताओं को पूरा करने में केवल 13 दिन लगते हैं। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनस’ यानी व्यवसाय सहूलियत की दृष्टि से ब्रिटेन का स्थान दुनिया में 8वां है।
  • यूरोप के जी20 गेटवे में ब्रिटेन का कॉरपोरेशन टैक्स न्यूनतम है।
  • ब्रिटिश वीजा कानूनों में बिजनस आंट्रप्रनर्स प्रोग्राम (बीईपी), बड़े निवेशकों, नियमित यात्रियों और उच्च महत्व के ग्राहकों के लिए फास्ट ट्रैक सर्विस।

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प्रकाशित 9 October 2015