नेतृत्व मंच (लीडर्स प्लेटफॉर्म) को ब्रिटिश उप उच्चायुक्त कोलकाता का समर्थन
विकास तथा सुशासन पर गोलमेज परिचर्चा हुई।
ब्रिटिश उप उच्चायुक्त के समर्थन से, स्वानिति इनिशिऎटिव नॆ कोलकाता में 28 अगस्त, 2014 को विकास तथा सुशासन पर संसद-सदस्यों के लिए एक गोलमेज परिचर्चा का आयोजन किया।
स्वानिति इनिशिऎटिव एक तटस्थ संगठन है जो भारत के जनसाधारण के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंग, तथा आजीविका के विषयों पर विकास समाधान प्रदान करने के लिए निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम करता है। स्वानिति की युवा 8 सदस्यीय टीम, जिसमें हार्वर्ड, ऑक्सफोर्ड, स्टैनफोर्ड, आईआईटी तथा आईआईएम के स्नातक सम्मिलित हैं, वर्तमान में भारत-भर के 80 से ज्यादा संसद-सदस्यों के साथ मिलकर काम कर रही है।
कोलकाता गोलमेज का उद्देश्य था, संसद-सदस्यों को विकास के मुद्दों पर निर्वाचन-क्षेत्र से संबंधित शोध तथा समाधान उपलब्ध कराना तथा एक मंच तैयार करना, जहां सांसदगण अपने निर्वाचन क्षेत्रों तक विकास पहुंचाने के अनुभवों को आपस में बांट सकें। इस सत्र में भाग लेनेवाले माननीय सांसद थे, दिनेश त्रिवेदी, पी डी राय, प्रोफेसर सुगत बोस तथा प्रोफेसर राजीव गौड़ा।
इस दिवस का पूर्वार्ध सांसदों तथा स्वानिति शोधकर्ताओं के बीच बंद कमरे की परिचर्चा को समर्पित रहा। प्रभात सत्र, सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्रों में जिन मुख्य विकासात्मक मुद्दों का सामना करना पड़ता है, उन्हें उन क्षेत्रों के विशेषज्ञों के जानकारी आधारित समर्थन तथा प्राप्त विचारों से हल करने पर लक्षित था, जैसे- “युवाओं के लिए स्कूल-टू-वर्क का सहज स्थानांतरण” तथा “हरित रोजगार-सृजन”। इस सत्र में सांसदों तथा विशेषज्ञों को अपने दृष्टिकोण साझा करने, एक दूसरे के सरोकारों को समझने तथा समान रूप से विकास संबंधित परिवर्तनों के लिए अभिनव समाधान के साथ पहलकदमी की दिशा में मिलकर काम करने का अवसर मिला। इस सत्र में शिरकत करनेवाले क्षेत्र विशेषज्ञों में शामिल थे, मनोज श्रीवास्तव (आईएएस – बिहार कैडर), प्रो. जॉयश्री रॉय (आईपीसीसी अग्रणी लेखक) तथा डॉ. एस पी गोन चौधरी ( सौरऊर्जा विशेषज्ञ तथा एशडेन पुरस्कार विजेता)।
दिन का उत्तरार्ध एक लोकसत्र पर केंद्रित था, जिसका आयोजन संयुक्त रूप से स्वानिति इनिशिऎटिव, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) तथा ब्रिटिश उप-उच्चायोग, कोलकाता द्वारा किया गया था। परिसंवाद का शीर्षक था- भारत में सुशासन तथा संधारणीय विकास का संचालन: एक संसद सदस्य की भूमिका। स्कॉट फर्सेडोन-वुड, ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त, कोलकाता ने शुरुआती संबोधन किया तथा इसके बाद उन्होंने पैनल परिचर्चा की मध्यस्थता की, जिसमें दिनेश त्रिवेदी, प्रोफेसर सुगत बोस, पीडी राय तथा प्रो. राजीव गौड़ा ने भाग किया। पैनल परिचर्चा बाद में एक प्रत्यक्ष संवाद सत्र में बदल गई, जिसके दौरान वहां उपस्थित श्रोताओं को सांसदों से उनके संसदीय क्षेत्रों के विकास के लिए उनकी जिम्मेवारी और उनके दृष्टिकोण पर प्रश्न करने का अवसर मिला। इस मौके पर सांसदों को भी उनके पेशे में रोज सामने आनेवाली कुछ चुनौतियों पर श्रोताओं के साथ मुक्त और खुली चर्चा करने का अवसर मिला। लोकसत्र में अच्छी भागीदारी रही- दर्शकों में युवा उद्यमी, मीडिया के सदस्य, नागरिक समाज के कार्यकर्ता, उद्योगों के प्रतिनिधि तथा छात्रगण शामिल थे।
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