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यूकेटीआइ ने एबीएलई के साथ लाइफ साइंस समझौते पर हस्ताक्षर किया यूकेटीआइ ने एबीएलई के साथ लाइफ साइंस समझौते पर हस्ताक्षर किया

यूके ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट (UKTI) और एसोसिएशन ऑफ बायोटेक लेड एंटरप्राइज (एबीएलई) ने भारतीय लाइफ लाइंस संगठनों तथा ब्रिटेन के बीच सहयोगात्मक अवसरों की पहचान करने तथा उसे बढ़ावा देने हेतु आज बेंगलूरु में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था

यूके ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट (UKTI) व एसोसिएशन ऑफ बायोटेक लेड एंटरप्राइज (एबीएलई) ने भारतीय लाइफ लाइंस संगठनों तथा ब्रिटेन के बीच सहयोगात्मक अवसरों की पहचान करने तथा उसे बढ़ावा देने हेतु आज बेंगलूरु में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया। यह सहमति पत्र यूके ऑन्कोलॉजी (कैंसर विज्ञान) मिशन की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। गौरतलब है कि यूके ऑन्कोलॉजी मिशन 2 सितम्बर से 7 सितम्बर 2013 तक भारत के तीन शहरों (मुम्बई, बेंगलूरु तथा चेन्नई) का दौरा करेगा। ब्रिटेन के इस 12 सदस्यीय शिष्टमंडल में विश्वविद्यालयों, स्वास्थ्य सेवा कंपनियों, कैंसर अनुसंधान संगठनों व स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, जैसे कि रोग जांच तथा ड्रग आपूर्ति प्रणालियों के प्रसिद्ध हस्तियां शामिल हैं।

विगत 4 सितम्बर को इस अवसर पर बेंगलूरु में ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त इयान फेल्टन ने कहा: “कैंसर विज्ञान यूके तथा भारत के लिए एक मुख्य चिंता का क्षेत्र है। यह मिशन यहां कैंसर विज्ञान के क्षेत्र में कुछ अत्यंत नवीन कार्यों पर आपसी सहयोग को मजबूत बनाने के लिए आया है। कैंसर विज्ञान की खोज तथा आपूर्ति क्षेत्र में यूके-भारत के संयुक्त रूप से किए जाने वाले नवीन कार्यों से स्वास्थ्य सेवा का यह घटक दोनों ही देशों के रोगियों के लिए उपलब्ध होगा तथा उनके लिए यह सस्ता सिद्ध होगा।”

डॉ. पी. एम. मुरली, अध्यक्ष एबीएलई ने कहा:

कई प्रकार के अवसरों पर सहयोग के लिए, जिसमें से एक आज हो रहा है, यूकेटीआइ के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर एबीएलई को हर्ष हो रहा है। कैंसर एक अत्यधिक चुनौती वाला क्षेत्र रहा है जिसके लिए अनुसंधानकर्ताओं तथा क्लिनिशियनों को विश्व स्तर पर साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हम इस शिष्टमंडल के महत्व तथा इसके उद्देश्य को सम्मानित करते हैं।

इस सहमति पत्र में स्वास्थ्य सेवा तथा लाइफ साइंस के क्षेत्र में यूके की विरासत तथा नेतृत्व के साथ भारत के उदीयमान तथा फलता-फूलता स्वास्थ्य सेवा वातावरण का संयोजन शामिल है, जिससे दोनों ही देशों के लाइफ साइंस क्षेत्र को बढ़ावा और विकास किया जा सकेगा। एबीएलई तथा यूकेटीआइ साथ मिलकर लाइफ साइंस के विभिन्न क्षेत्रों में ‘कोर इनिशिएटिव ग्रुप्स’ का भी संचालन करता है। इस सहयोग में यूके तथा भारत के लाइफ साइंस क्षेत्र में उद्योग, अनुसंधान तथा वाणिज्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह ब्रिटेन तथा भारत को बढ़ावा देगा, क्योंकि ये दोनों आपस में लाइफ साइंस के क्षेत्र से जुड़े ड्रग की खोज, बायोइंफॉर्मेटिक्स, पुनरुत्पादक दवा, क्लिनिकल परीक्षण, ऐग्री-बायो, कैंसर विज्ञान तथा नियंत्रण के क्षेत्र के पसंदीदा सहयोगी हैं। इसे वर्तमान अनुसंधान तथा चर्चा के जरिए, संभावनाशील व्यवसाय अवसरों की पहचान कर संपन्न किया जाएगा, जिसे भारत तथा यूके के फर्मों द्वारा संभव किया जा सकता है।

यूके ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट के स्ट्रेटेजिक ट्रेड लाइफ साइंसेज़ टीम के कार्यकारी प्रमुख श्री जॉन लॉन्ड्स ने कहा:

इस सहयोग के जरिए ब्रिटेन तथा भारत में उपलब्ध अवसरों को लेकर काफी उत्साह है। इस प्रयास का उद्देश्य कैंसर विज्ञान तथा कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में होने वाले नवीन खोजों को सभी के लिए उपलब्ध कराना तथा ब्रिटेन व भारत की लाइफ साइंस से जुड़ी कंपनियों के लाभ हेतु उनपर ध्यान केंद्रित करना है। ब्रिटेन आधारित नवीन मेडिकल इमेजिंग सॉफ्टवेयर कंपनी- टेक्सरैड लिमिटेड के वैज्ञानिक निदेशक डॉ. बालाजी गणेशन ने कहा:

भारत कैंसर विज्ञान तथा इमेजिंग प्रोद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण बाजार है। हम स्पष्ट परस्पर सहयोग की उम्मीद करते हैं, जो कैंसर की सही पहचान को उपलब्ध कराएगा और सटीक लक्षण को सक्षम बनाएगा जिससे रोगियों को कई सारे स्कैनिंग की जरूरत नहीं रह जाएगी।

इस शिष्टमंडल ने इस जगत के अन्य विशेषज्ञों के साथ दो गोलमेज परिचर्चाओं में भी भाग लिया। पहले गोलमेज परिचर्चा का उद्देश्य था कैंसर के क्षेत्र में अनुसंधान, आइपी तथा इसके प्रभाव, भारती कंपनियों को लाइसेस देना, डायग्नोस्टिक अनुसंधान तथा नवीन बायोमेकर की खोज करना। दूसरे गोलमेज परिचर्चा स्वास्थ्य सेवा आयामों, जैसे कि मेडिकल प्रोद्योगिकी कंपनियों, बड़े अस्पतालों तक पहुंच तथा भारत के वितरकों पर केंद्रित था।

यूकेटीआइ तथा एबीएलई स्वास्थ्य सेवा कंपनियों से उनकी रुचियों तथा क्षमताओं के आधार पर पंजीकरण के जरिए दो देशों के बीच के क्षेत्र में व्यापार को भी बढ़ावा देंगे। आवश्यक सहयोगों तथा व्यवसाय आवसरों की पहचान कर यूकेटीआइ भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को उनके व्यवसाय को विश्व स्तर पर तेजी से फैलाने के लिए बढ़ावा देगा।

चेन्नई में इस हफ्ते यह शिष्टमंडल हेल्थकेयर यूके तथा आइबीएचआइ-इंडो-यूके कैंसर विज्ञान शिखर सम्मेलन के अखिल भारतीय लॉन्च में शामिल होगा। इससे पहले इस शिष्टमंडल के सदस्य मेट्रो शहरों के अलावा अन्य शहरों में कैसर चिकित्सा में सुधार लाने के लिए भारत में कैंसर चिकित्सा में उन्नत ड्रग आपूर्ति प्रणाली से जुड़े सम्मेलन में भाग लेने के लिए मुम्बई में थे।

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें के. एस मंजुनाथ, ब्रिटिश उप-उच्चायोग, बेंगलूरु।

प्रकाशित 4 September 2013