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2016 में भारत में आयोजित होने वाले प्रौद्योगिकी सम्मेलन तथा नॉलेज एक्सपो में ब्रिटिश सहभागिता

ब्रिटिश विज्ञान मंत्री ने ब्रिटेन के न्यूटन फंड को जारी रखने की घोषणा की

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UK to partner technology summit and KnowledgExpo in India in 2016

भारत में अपने तीन दिवसीय तथा तीन शहरों के भ्रमण के प्रथम दिन, विश्वविद्यालय तथा विज्ञान के केंद्रीय ब्रिटिश मंत्री जो जॉनसन एमपी ने अपने भारतीय समकक्षी, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के साथ 2016 के प्रौद्योगिकी सम्मेलन तथा नॉलेज एक्सपो में ब्रिटिश सहभागिता की शुरुआत की।

भारत सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सम्मिलित रूप से गत 20 वर्षों में आयोजित होनेवाले भारत के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी सहभागिता मंच का आयोजन किया है, जो भारत में प्रौद्योगिकी तथा वाणिज्य तथा निवेश संवर्धन हेतु लक्षित है।

ब्रिटेन अगले वर्ष 7-9 नवम्बर 2016 को नई दिल्ली में आयोजित होनेवाले कार्यक्रमों का सहभागी देश होगा। यह सम्मेलन भारत तथा ब्रिटेन को व्यवसाय, शोध, विज्ञान तथा आविष्कारी कार्यों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय कार्यक्रमों को निर्मित करने तथा सहभागिता के अवसरों की पहचान करने के लिए एक नया मंच प्रदान करेगा।

मि. जॉनसन ने कहा:

भारत में 2016 के प्रौद्योगिकी सम्मेलन तथा नॉलेज एक्सपो में ब्रिटेन की सहभागिता हमारे देशों के लिए एक अनूठा अवसर है, जहां हम शिक्षा, अभिनव प्रयोगशीलता तथा उद्यमिता के क्षेत्रों में विश्वस्तरीय सहभागिता का प्रदर्शन कर सकते हैं।

यह प्रौद्योगिकी सम्मेलन तथा नॉलेज एक्सपो 2016 में आविष्कारी कार्यों तथा विचार नेतृत्वों के लिए एक अनूठा मंच होगा। मुझे खुशी है कि मैं आज यहां इन समारोहों की औपचारिक शुरुआत के मौके पर डीएसटी तथा सीआईआई के साथ उपस्थित हूं, जो इन क्षेत्रों में भारत तथा ब्रिटेन के बीच बढ़ती सहभागिता के प्रतीक हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा:

दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हालिया मुलाकात में, विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा आविष्कारी कार्यों को द्विपक्षीय भारत-ब्रिटेन सहभागिता के महत्वपूर्ण स्तंभों के रूप में स्वीकार किया गया।

सहभागी के रूप में ब्रिटेन के साथ अगले वर्ष प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन 2016 को शिक्षा, शोध तथा अभिनव प्रयोगधर्मिता के क्षेत्र में भारत-ब्रिटेन वर्ष घोषित करने का एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा। यह सम्मेलन दोनों देशों के बाजार को वैज्ञानिक जानकारियों की प्राप्ति करवाने तथा आर्थिक संवृद्धि प्रदान करने का एक मंच प्रदान करेगा।

मि. जॉनसन ने 2021 तक सुरक्षित वित्तीयन के साथ ब्रिटेन के न्यूटन फंड को जारी रखने की भी घोषणा की। न्यूटन फंड की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान तथा आविष्कारी कार्यों की सहभागिताओं को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी। मि. जॉनसन ने ब्रिटिश-भारतीय शोध में संयुक्त निवेश पर भी प्रसन्नता व्यक्त की, जो 2008 के £1 मिलियन से भी कम था, बढ़कर आज £200 मिलियन से अधिक हो गया है।

मि.जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के प्रति ब्रिटेन के समर्थन की प्रतिबद्धता अभिव्यक्त करते हुए, दोनों देशों के बीच समुद्र विज्ञान, बिग डेटा तथा उच्च मूल्य विनिर्माण क्षेत्रों में सहभागिता की आवश्यकता पर बल दिया।

ब्रिटिश तथा भारतीय व्यावसायिक नेतृत्वकर्ताओं तथा वरिष्ठ अकादमिक सदस्यों, जिनमें मैनचेस्टर विश्वविद्यालय की कुलपति डैम नैंसी रॉथवेल तथा कार्डिफ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कॉलिन रॉयरडेन शामिल थे, ने भी दोनों मंत्रियों के नेतृत्व में आयोजित चर्चा में भाग लिया।

अन्य जानकारियां:

  • न्यूटन फंड की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान तथा आविष्कारी कार्यों में सहभागिताओं को बढ़ावा देने के लिए की गई है। न्यूटन फंड संप्रति 5 वर्षों में 375 मिलियन पौंड का है।
  • नवंबर 2014 में, ब्रिटेन तथा भारत ने न्यूटन-भाभा फंड पर सहमति व्यक्त की, जिसमें ब्रिटेन ने 5 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 मिलियन पौंड (प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए) का योगदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। न्यूटन-भाभा कार्यक्रम के तहत बड़ी सामाजिक चुनौतियों जैसे धारणीय नगर, स्वास्थ्य, खाद्य, ऊर्जा तथा जल का समाधान किया जाता है। यह कार्यक्रम काफी विस्तृत है: शोधकर्ताओं तथा संस्थानों में क्षमता निर्माण; नई शोध सहभागिताओं का विकास; हमारे देशों के लिए ज्ञान को वास्तविक लाभदायक स्वरूप में परिणत करना।
  • ब्रिटेन तथा भारत ऐसा मानते हैं कि न्यूटन-भाभा कार्यक्रम वर्तमान शोध के क्षेत्र में ब्रिटिश-भारतीय सहभागिताओं को मजबूत कर रहा है, तथा ब्रिटेन और भारत की सरकार, सरकारी अभिकरणों, शोध संगठनों, उच्च शिक्षा संस्थानों, कंपनियों तथा उद्यमों के नीति निर्धारकों के साथ नए संपर्कों को बढ़ावा दे रहा है।

स्टुअर्ट एडम, प्रमुख,
प्रेस तथा संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021
टेलीफोन: 24192100; फैक्स: 24192411

मेल करें: जगौरी धर

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प्रकाशित 9 December 2015