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पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन-भारत बढ़ाएंगे उड़ानें

ब्रिटेन और भारत दोनों देशों के बीच की उड़ानों पर प्रतिबंध को कम करने के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं।

Lord Ahmad in Delhi

भारत द्वारा घोषित राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2016 के अनुसार नई दिल्ली में इस सप्ताह ब्रिटेन और भारत के बीच सफल बातचीत के बाद दोनों देश अपने बीच की अनुसूचीबद्ध उड़ानों की संख्या पर प्रतिबंधों को कम करने पर आज सहमत हुए हैं।

चेन्नई और कोलकाता समेत भारत के प्रमुख शहरों से उड़ानों की सीमा को समाप्त कर दिया गया है जिससे यात्रियों को अधिक संख्या में उड़ानों की सुविधा प्राप्त होगी और इससे ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। एक वैश्विक ब्रिटेन के निर्माण के लिए दोनों सरकारों की योजनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है - महत्वपूर्ण व्यापारिक सहयोगियों से नए संबंध स्थापित करना।

समझौते के तहत भारतीय उड़ानों के लिए आपस में कोड शेयर उड़ानों की सुविधा के लिए ब्रिटेन के सभी गंतव्यों को खोल दिया गया है, घरेलू कोड शेयर व्यवस्था के माध्यम से ब्रिटेन के वाहक विमान भी भारत के किसी भी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे तक कोड शेयर उड़ानों का संचालन कर सकेंगे

भारत तेजी से विस्तारित हो रहा है और विमानन के लिए महत्वपूर्ण बाजार है और आज हस्ताक्षर किया हुआ समझौता एयरलाइंस को नई सेवाएं और हवाई मार्ग विकसित करने में सक्षम बनाएंगी।

ब्रिटेन के नागरिक उड्ड्यन मंत्री विम्बल्डन के लॉर्ड अहमद ने कहा:

भारत हमारे सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है और एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी, और इस नए समझौते से यह महत्वपूर्ण संबंध और मजबूत हो जाएगा। हम नए व्यापार और पर्यटन के अवसरों के द्वार खोल रहे हैं, जिससे हमारी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा, नए रोजगार के अवसर बनेंगे और नए व्यापारिक संबंध बनेंगे। यह ब्रिटेन और भारत दोनों के लिए एक प्रमुख खबर है और यह इस ओर भी संकेत करता है कि हम व्यापार के लिए हमेशा उपलब्ध हैं और नए व्यापारिक संबंधों को स्थापित कर मौजूदा संबंधों को मजबूत करेंगे।

ब्रिटेन और भारत के बीच प्रति वर्ष उड़ान से ढाई मिलियन (पच्चीस लाख) यात्री सीधी यात्रा करते हैं, और दोनों देशों के बीच हर दिशा में प्रति सप्ताह 88 अनुसूचीबद्ध उड़ानों की सेवा है, और आज के समझौते से और अधिक मार्ग और अवसर खुल जाएंगे।

भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री पी. अशोक गजपती राजू ने कहा:

ब्रिटेन और भारत के बीच उड़ानों की संख्या में वृद्धि हमारे व्यापार और पर्यटन के लिए अच्छी खबर है। हमंै पहले से ही मजबूत संबंधों का उत्साह है और अब हम इन करीबी सहयोग का स्वागत करते हैं जिससे लंबे समय में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में दोनों देशों के बीच के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि दोनों देशो के बीच के इस समझौते से भारतीय निजी एयरलाइन कम्पनियों को लाभ प्राप्त होगा।

भारत से पर्यटन, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। वर्ष 2015 में ब्रिटेन में भारत से 4,22,000 यात्राएं हुईं थी, जिससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को 433 मिलियन पाउंड का लाभ मिला था।

इस समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर लॉर्ड अहमद की भारत की एक यात्रा पर किया गया, जिसमें उन्होंने मुम्बई में आयोजित सीएपीए इंडिया एविशन समिट 2017 में ब्रिटेन के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। अशोक गजपती राजू ने भारत की ओर से हस्ताक्षर किया।

भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री पी. अशोक गजपती राजू, नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और भारत की प्रमुख एयरलाइंस से भेंट कर लॉर्ड अहमद ने भारतीय व्यापारियों को ब्रिटेन की एरोस्पेस कम्पनियों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि ब्रिटेन की विश्व स्तरीय विमानन विशेषज्ञता का लाभ उठाया जा सके।

ब्रिटेन और भारत के बीच अतिरिक्त उड़ानों पर अंतिम निर्णय एयरलाइंस के लिए वाणिज्यिक तौर लाभकारी है।

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मीडिया

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मेल करें: अंशुमान अत्रोले

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प्रकाशित 9 February 2017