विश्व की समाचार कथा

कृषि-पारितंत्र में यूके-भारत का प्रयास

इस मुलाकत का उद्देश्य था यूके तथा भारत के कृषि-पारितंत्र विशेषज्ञों के बीच ज्ञान तथा सहयोगात्मक अनुसंधान का आदान-प्रदान करना।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Scott Furssedonn-Wood, British Deputy High Commissioner, Kolkata

एग्रिकल्चरल इकोलॉजी स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप ऑफ द ब्रिटिश इकोलॉजी सोसाइटी तथा नवनिर्मित सोसाइटी फॉर एग्रोईकोलॉजी, इंडिया द्वारा 23 फरवरी 2015 को आयोजित एग्रो-ईकोलॉजी में यूके-भारत की पहली बैठक में उपउच्चायुक्त, कोलकाता, श्री स्कॉट फर्सेडोन-वुड को यूके तथा भारत के कृषि-पारितंत्र विशेषज्ञों के समूहों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया। तीन दिनों तक 21-23 फरवरी तक चलने वाले कार्यक्रमों का संचालन कोकलाकाता विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर पॉलिनेशन स्टडीज द्वारा किया गया।

इस बैठक का उद्देश्य था यूके तथा भारत के कृषि-पारितंत्र विशेषज्ञों के बीच ज्ञान तथा सहयोगात्मक अनुसंधान का आदान-प्रदान करना। दूसरा लक्ष्य था कि फोरम के सदस्य साथ मिलकर काम करे और ज्ञान का आदान-प्रदान करे, समीक्षाएं तथा नीति नोट्स का निर्माण करे। माना जाता है कि इन प्रयास से भारतीय तथा ब्रिटिश अनुसंधानकर्ताओं को एग्रोईकोलॉजी के क्षेत्र में संयुक्त रूप से अनुसंधान करने में साथ मिलकर काम कर सकेंगे।

कोलकाता बैठक इसी दिशा में एक पहला कदम है। यूके के प्रतिष्ठित अनुसंधान केंद्रों (जैसे कि जेम्स हटन इंस्टिट्युट, द सेंटर फॉर ईकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी) तथा विश्वविद्यालयों ( जैसे कि ऑक्सफोर्ड, रीडिंग, कंवेंट्री तथा हार्पर ऐडम्स) के लगभग 10 तथा भारत के 20 वैज्ञानिकों ने इस बैठक में भाग लिया।

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प्रकाशित 9 March 2015