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दक्षिण भारत के लिए नई पासपोर्ट पास-बैक सेवा की घोषणा

ब्रिटिश उच्चायोग ने आज ब्रिटिश वीजा आवेदकों के लिए नई पायलट पासपोर्ट पास-बैक सेवा आरंभ करने की घोषणा की।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
passports

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पिछले महीने की अपनी भारत यात्रा के दौरान इस योजना को आरंभ करने का अपना मंतव्य व्यक्त किया था।

यह अपने आप में पहली सेवा है जिसकी शुरुआत भारत में की गई है और यह सेवा 9 दिसंबर 2013 से चेन्नई के हमारे वीजा आवेदन केन्द्र पर वीजा के लिए आवेदन करने वालों को उपलब्ध होगी। यह पायलट सेवा यदि ग्राहकों के बीच सफल रहती है तो हम इसका विस्तार दक्षिण भारत के शेष भागों के लिए नए साल की शुरुआत में करेंगे, और फिर 2014 के दौरान इस सेवा को संपूर्ण भारत के लिए लागू कर दिया जाएगा।

पासपोर्ट पास-बैक उपभोक्ता द्वारा भुगतान आधारित सेवा है जो ग्राहकों को आवेदन प्रक्रिया की अधिकांश अवधि के लिए अपना पासपोर्ट अपने पास रखने की सुविधा देती है। हमारा अनुमान है कि इस सेवा का लाभ उठाने वालों में अकसर यात्रा करने वाले यात्री- खास कर व्यावसायिक यात्री, छुट्टियां बिताने वाले ऐसे यात्री जो कई देशों की यात्रा की योजना बनाते हैं और प्रवास के उद्देश्य से यात्रा करने वाले आवेदक होंगे।

यात्रा, रोजगार या छात्र वीजा के लिए आवेदन करने वाले ग्राहकों को अपना पासपोर्ट आवेदन के 10 दिनों के भीतर प्रस्तुत करना होगा। जो ग्राहक सेट्लमेंट रूट के तहत आवेदन करेंगे उन्हें अधिसूचना के 4 सप्ताह के अंदर अपना पासपोर्ट प्रस्तुत करना होगा।

यह नई सेवा उन आवेदकों के लिए नहीं होगी जो ब्रिटेन की सुपर प्रायोरिटी वीजा सेवा, फास्ट ट्रैक सेवा या बिजनस एक्सप्रेस कार्यक्रम के तहत आवेदन करेंगे। चेन्नई में ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त श्री भरत जोशी के शब्दों में:

मुझे दक्षिण भारत में पासपोर्ट पास-बैक सेवा की शुरुआत किए जाने पर अत्यंत खुशी हो रही है। पहली बार दक्षिण भारत के यात्रियों को अब यह सुविधा होगी कि वे वीजा देने का निर्णय होने तक अपना पासपोर्ट अपने पास ही रख सकेंगे। यह ब्रिटिश सरकार द्वारा हमारी वीजा सेवाओं के तहत ग्राहकों के विकल्प में वृद्धि किए जाने की प्रबल प्राथमिकता तथा ब्रिटेन के लिए दक्षिण भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और तुर्की के लिए ब्रिटेन के वीजा एवं इमिग्रेशन मामलों के क्षेत्रीय निदेशक थॉमस ग्रेग के शब्दों में:

मुझे इस बात के खुशी है कि बेहतर ग्राहक सेवा उपलब्ध कराने के हमारे निरंतर प्रयासों की अगली कड़ी के रूप में पासपोर्ट पास-बैक सेवा को पायलट स्तर पर दक्षिण भारत में लागू किया जा रहा है। यद्यपि हम कम से कम संभव समय में सेवा प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, यह सेवा हमारे ग्राहकों को ब्रिटेन की वीजा के लिए आवेदन करने में अधिक सुविधा और सहूलियत देने के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। इस सेवा से हमारे कुछ महत्वपूर्ण व्यावसायिक यात्रियों और पर्यटकों को लाभ होगा।

हम उच्च-स्तरीय महत्व के ग्राहकों की जरूरतों का ख्याल रखना तथा उनपर अनुकूल कदम उठाना जारी रखेंगे ताकि हम आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली सेवा उन्हें उपलब्ध करा सकें और साथ ही हमारी सीमाओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित रहे।

आगे की जानकारी:

  • पासपोर्ट पास-बैक सेवा एक वैकल्पिक सेवा है और इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देय होगा।
  • पासपोर्ट पास-बैक सेवा का शुल्क 5250 रु. (सभी करों सहित £50) रखा गया है और साथ में आवेदन की जाने वाली वीजा के प्रकार का मानक शुल्क देय होगा।
  • शुल्क, पात्रता की शर्तों और अप्वाइंटमेंट कैसे लिया जाए इन सबके बारे में विस्तृत जानकारी www.vfs-uk-in.com (अतिरिक्त सेवाएं) पर उपलब्ध है।
  • यह नई सेवा उन आवेदकों के लिए नहीं होगी जिन्होंने सुपर प्रायोरिटी वीजा सेवा, फास्ट ट्रैक सेवा या बिजनस एक्सप्रेस कार्यक्रम के तहत आवेदन कर रखे हैं, क्योंकि इन वर्गों की सेवाओं के तहत टर्नअराउंड अवधि बहुत छोटी होती है।
  • जिन आवेदकों ने 9 दिसंबर से पहले चेन्नई में ब्रिटिश उच्चायोग के पास आवेदन कर रखे हैं उनके लिए भी यह सेवा उपलब्ध नहीं होगी।
प्रकाशित 6 December 2013