विश्व की समाचार कथा

एमएसईडीसीएल सेंसस के सहयोग से लागू करेगा एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सोल्यूशन

यह समझौता एमएसईडीसीएल के नागपुर क्षेत्र में परीक्षण के तौर पर एमएसईडीसीएल को फ्लेक्सनेट, सेंसस ऐडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशन इस्तेमाल करने में सक्षम बनाएगा।

भारत-ब्रिटेन टेक समिट में महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) ने स्मार्ट मीटर और उपयोगिता ग्रेड संचार प्रणालियों का वैश्विक आपूर्तिकर्ता जायलम के ब्रांड सेंसस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस प्रौद्योगिकी का परीक्षण अगले तीन से चार महीने में शुरू हो जाएगा और इससे एमएसईडीसीएल के नागपुर क्षेत्र में सेंससफ्लेक्स नेट एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (एएमआइ) सोल्यूशन की स्थापना और शुरुआत की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

सेंससफ्लेक्स एएमआइ सोल्यूशन द्वारा एमएसईडीसीएल की कवरेज, क्षमता और स्मार्ट ग्रिड की दीर्घकालिक उपयोगिता के कुछ भाग की आवश्यकता का परीक्षण किया जाएगा। फ्लेक्सनेट की लंबी दूरी की रेडियो प्रौद्योगिकी की असाधारण पैठ और पहुंच से सभी एप्लीकेशन के लिए सरल और मजबूत आर्किटेक्चर हासिल करना आसान हो जाता है। इससे संभवत: एमएसईडीसीएल को बिजली चोरी कम करने, डेटा हानि से बचने, बिलिंग और उगाही की प्रक्रिया सुधारने में सहायता मिलेगी। पांच महाद्वीपों में संचालन और सेवा की सुविधाओं के साथ सेंसस उपयोगिता बुनियादी ढांचा प्रणाली और संसाधन संरक्षण के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अगुआ है।

मुम्बई में ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त कुमार अय्यर ने कहा:

सेंसस और एमएसईडीसीएल के इस सहयोग का साक्षी बनकर मैं प्रसन्न हूं। ऊर्जा सुरक्षा को सुधारने के क्षेत्र में ब्रिटेन-भारत के सहयोग का यह महान उदाहरण है। यह साझेदारी भारत सरकार के स्मार्ट ग्रिड अभियान के साथ श्रेणीबद्ध है। ब्रिटेन भारत के साथ मिलकर बिजली की मांग के पूर्ति के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों पर कार्य करने की ओर प्रतिबद्ध है। महाराष्ट्र में सेंसस के एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सोल्युशन की स्थापना से मुझे विश्वास है कि भारत में बिजली की पहुंच में काफी सुधार आएगा।

एमएसईडीसीएल के सीएमडी ने कहा:

भारत में बिजली वितरण के लिए नई प्रौद्योगिकी के परीक्षण और तैनाती के मामले में एमएसईडीसीएल एक प्रमुख युटिलिटी रहा है। यह हमारे लिए काफी प्रसन्नता की बात है कि एडवांस्ड मीटरिंग के बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में मेसर्स सेंसुस के संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग परीक्षण के आधार पर किया जा रहा है। हमें आशा है कि इस परीक्षण प्रक्रिया से हम मेसर्स सेंसस का मजबूत एमएमआइ सोल्युशन किफायती कीमत पर स्थापित कर पाएंगे। हमें इस साझेदारी के भविष्य में उन्नत होने की उम्मीद है जिससे दोनों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंध स्थापित होंगे।

भारत-ब्रिटेन टेक समिट में सेंसस का प्रतिनिधित्व करते स्ट्रैटेजिक कंज्युमर टीम ईएमईए और एशिया पैसिफिक के उपाध्यक्ष गैरी कॉक्स ने कहा:

इस परीक्षण में एमएसईडीसीएल के साथ साझदारी पर हमें प्रसन्नता है। भारत जैसे उभरते अर्थव्यवस्था के लिए स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियां बेहद महत्वपूर्ण हैं जो ऊर्जा के पुराने बुनियादी ढांचे को बंद होने से बचाने, निवेश की धाराओं को आकर्षित करने और ग्राहकों द्वारा बिजली की बढ़ती मांगों को पूरा करने और अनेक विद्युत स्रोतों के प्रबंधन के लिए कुशल और लचीली ग्रिड प्रणालियों के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण साबित होते हैं। यह साझेदारी ब्रिटेन-भारत के प्रौद्योगिकी साझेदारी का प्रमाण है। हम ब्रिटेन के प्रौद्योगिकी नवाचारों को लाकर इस प्रौद्योगिकी के अंतर को पाटने का प्रयास कर रहे हैं जो भारतीय बाजारों के समक्ष एक मानदंड साबित होगा।

फिलहाल 32 प्रतिशत भारतीय शहरी इलाकों में निवास करते हैं। विभिन्न शहरों के आधार पर विशिष्ट भौगोलिक स्थितियां और वितरण ग्रिड सेवा प्रदत्त उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों के कारण शहरी स्मार्ट मीटरिंग संचार नेटवर्क को लागू करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य हो जाता है। सेंसस के पास ऐसी विशिष्ट क्षमता और विशेषज्ञता है जिससे डेटा और विश्लेषणात्मक प्लैटफॉर्म के साथ समझौता किए बिना मीटर और बुनियादी ढांचे के संपत्ति के कार्यकाल को प्रौद्योगिकी के जरिए अनुकूलित किया जा सकता है।

अधिक जानकारी

सेंसस ने इस बात को पहचाना है कि इंटरेंट ऑफ थिंग्स (आइओटी) प्रौद्योगिकी की बढ़ती उपयोगिता को अपनाने से भारत स्मार्ट शहरों के निर्माण में अग्रणी स्तर पर है। इस तेज गति के नवोन्मेष के जज्बे के कारण ही सेंसस ने भारत को रणनीतिक क्षेत्र के रूप में पहचाना है और हैदराबाद में अपना पहला वैश्विक सहायता केंद्र शुरू किया है। यह सहायता केंद्र सेंसस के भारत के साथ सहयोग और प्रतिबद्धता को पुन:सुनिश्चित करता है जिसके तहत इस तेजी से उभरते बाजार में मजबूत, लचीला, भविष्य के खतरों से सुरक्षा और दीर्घकालिक स्मार्ट ऊर्जा तंत्र को स्थापित किया जाएगा। इस निर्णायक निवेश से भारत को न केवल अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी का लाभ मिलेगा बल्कि राष्ट्र के व्यापारिक विकास को भी सहायता मिलेगी। राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन जैसे पहल के साथ सेंसस भारत में ऐसे सटीक समाधान और प्रौद्योगिकी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जो आसानी से अनुकूलनीय हो और कई डेटा संचालित निर्णय लेने में मदद मिलेगी जिनसे पानी का रिसाव कम होगा, बिजली की कटौती सीमित होगी, प्रकृतिक गैस का सुरक्षित वितरण हो सकेगा और सड़कों की बत्ती भी प्रौद्योगिकी का प्रकाश स्तम्भ बनकर निखरेगी।

आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करती यह योजनाएं सेंसस की विशेषज्ञता और अनुभव के प्रमुख दायरे में आती हैं जो विश्व में सबसे बड़े स्मार्ट मीटरिंग योजनाओं में से एक को लागू करने में सफल रहा है। ब्रिटेन सरकार के वर्ष 2020 तक लाखों घरों और छोटे व्यापारों तक स्मार्ट मीटर पहुंचाने की योजना ‘ग्रेट ब्रिटेन स्मार्ट मीटरिंग प्रोग्राम’ से ब्रिटेन को 9.8 बिलियन पाउंड के आर्थिक लाभ होने की रिपोर्ट दर्ज हुई है। सेंसस की प्रौद्योगिकी ग्रेट ब्रिटेन के उत्तरी क्षेत्र में दस मिलियन स्थानों तक बिजली और गैस स्मार्ट मीटर पहुंचाने में सहायता कर रही है। सेंसस इस प्रक्रिया का कार्यान्वन बेसिंगस्टोक में अपने नए स्थापित कार्यालय से कर रहा है, जिसका विस्तारण इस रोमांचक योजना की आवश्यकताओं को सहायता प्रदान करता है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें सेंसस, एक जाइलम ब्रांद लुसी हडसन, मार्केटिंग डायरेक्टर, ईएमईए और एपीएसी।

मीडिया के प्रश्नों के लिए संपर्क करें:

स्टुअर्ट एड्म, अध्यक्ष
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग, चाणक्यपुरी
नई दिल्ली 110021
टेलीफोन: 44192100, फैक्स: 24192411

मेल करें: काज़िम रिज़वी

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प्रकाशित 9 November 2016