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मिलब्रूक - आईसीएटी द्वारा वाहन शोध और विकास के क्षेत्र में ‘ग्रेट कोलैब्रेशन’ (ग्रेट साझेदारी) का जश्न

यह समझौता अपने आप में पहले किस्म का है जो मिलब्रूक प्रूविंग ग्राउंड्स द्वारा किसी अंतर्राष्ट्रीय साझेदार के साथ किया गया है। .

Millbrook - ICAT celebrate a ‘Great Collaboration’

वाहनों और वाहन प्रणालियों की इंजीनियरिंग, टेस्ट और विकास का यूरोप का एक स्वतंत्र अग्रणी केन्द्र मिलब्रूक तथा भारत के वाहन प्रौद्योगिकी विकास के अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र (आईसीएटी) ने साथ मिलकर एक दूसरे की सेवाओं, सुविधाओं और क्षमताओं की भारत और ब्रिटेन में बढ़ावा देने पर सहमत हुए हैं।

इससे दोनों देशों के वाहन निर्माताओं के लिए दोनों देशों के बाजार में प्रवेश करने से पूर्व अपने वाहनों के परीक्षण और प्रमाणन का काम अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक और सरल हो जाएगा। मिलब्रूक 700 एकड़ में सुंदर पहाड़ी इलाके में फैला टेस्ट फैसिलिटी (परीक्षण केन्द्र) है जिसके पास 70 किमी का टेस्ट ट्रैक है और यह छोटी कारों से लेकर टैकों, बसों और भारी मालवाहक गाड़ियों तक सभी आकार-प्रकार के तथा हर तरह के काम में आने वाले वाहनों का परीक्षण करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साझेदारी से दोनों कंपनियों के बीच बड़े पैमाने पर कौशल की साझेदारी और ज्ञान हस्तांतरण संभव होंगा जिससे दोनों देशों के इंजीनियर और स्टाफ अपने-अपने समकक्षों से सीखेंगे।

भारत में ‘यूके ट्रेड, इनवेस्टमेंट एंड प्रॉस्पेरिटी’ के डायरेक्टर सेंट जॉन गूल्ड ने इस साझेदारी का जश्न मनाने के लिए नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग में एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर आईसीएटी के निदेशक डॉ. दिनेश त्यागी और मिलब्रूक के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर एलेक्स बर्न्स तथा दोनों कंपनियों एवं यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) टीम के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

‘यूके ट्रेड, इनवेस्टमेंट एंड प्रॉस्पेरिटी’ के डायरेक्टर सेंट जॉन गूल्ड ने कहा:

वाहन की टेस्टिंग और विकास का एक प्रमुख ब्रिटिश कंपनी तथा भारत की अग्रणी परीक्षण और प्रमाणन एजेंसी के बीच हुए इस रणनैतिक भागीदारी का जश्न मनाते हुए हमें गर्व हो रहा है। हमें इस बात की खुशी है कि मिलब्रूक ने अपनी अंतर्राष्ट्रीय पहुंच बढ़ाने के लिए आईसीएटी के साथ साझेदारी के जरिए भारत का चयन किया है। मुझे उम्मीद है कि आगे चलकर इससे दोनों कंपनियों को फायदा पहुंचेगा और वाहन निर्माण क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इससे यह तो जाहिर होता ही है कि भारत और भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन की विशेषज्ञता जगत में कितना महत्व दिया जाता है और साथ ही यह दोनों देशों के बीच ‘ग्रेट कोलैब्रेशन’ के प्रभाव को उजागर करता है।

मिलब्रूक के सीईओ एलेक्स बर्न्स ने कहा:

हम अपनी गतिविधियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और खास कर भारत में बढ़ाने को लेकर बहुत जागरुक हैं, और यह हमारे लिए एक शानदार अवसर है कि हम मौजूदा संबंधों का विस्तार करें और भारत के वाहन उद्योग जगत में नए संबंधों की रचना करें। हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के वाहन निर्माता अपने व्यवसाय के बढ़ाने और उसके समुन्नयन में इस साझेदारी का लाभ उठाएंगे।

डॉ. दिनेश त्यागी आईसीएटी के निदेशक ने कहा:

मिलब्रूक प्रूविंग ग्राउंड्स के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर हम बहुत खुश हैं और परस्पर लाभदायक एक दीर्घकालीन और सफल संबंध के निर्माण की दिशा में काम करने को आशान्वित हैं। मिलब्रूक के सघन प्रयोगशालाओं और वाहन परीक्षण तथा विकास एवं विशिष्ट परीक्षण ट्रैक्स के साथ 45 साल से भी अधिक का हमारा अनुभव आईसीएटी और इसके ग्राहकों के लिए बहुत उपयोगी होगा।

आगे की जानकारी

  • ‘ग्रेट कोलैब्रेशन’ के बारे में

दुनिया को ‘मेक इन इंडिया’ के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के प्रत्युत्तर में ब्रिटेन ने ब्रिटेन और भारत के बीच ‘ग्रेट कोलैब्रेशनंस’ का जश्न मनाने और उसे प्रोत्साहित करने का एक अभियान चलाया है। समय आने पर यह अभियान सहयोग के उन बिन्दुओं को उजागर करेगा जिनमें दोनों देश ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, उन्नत विनिर्माण, व्यवसाय करने की सहूलियत, कौशल, स्मार्ट शहर, वित्तीय सेवाओं और आधारभूत संरचना सहित कई क्षेत्रों में लाभान्वित होंगे।

प्रथम ‘ग्रेट कोलैब्रेशन’ का दर्शन भारत में बहु-आवश्यक ऊर्जा के उत्पादन और विकास हेतु ब्रिटेन के बीपी पीएलसी और भारत के रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के बीच हुए समझौते में होता है।

‘ग्रेट कोलैब्रेशनंस’ की शुभारंभ के समय जनवरी 2015 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा था:

भारत के साथ ब्रिटेन के गहरे संबंधों पर गर्व है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड, जीएसके, हिन्दुस्तान यूनीलिवर, बीई और वोडाफोन जैसी ब्रिटिश कंपनियां दशकों से भारत में काम कर रही हैं। और टाटा, महिंद्रा तथा सिप्ला ब्रिटेन और भारत दोनों देशों में अपना व्यवसाय कर रहे हैं जिससे दोनों देश लाभान्वित हैं। इस अभियान के जरिए हम हमारी सहभागिता वाले सभी क्षेत्रों में ऐसे और भी ग्रेट कोलैब्रेशनंस को प्रोत्साहित और प्रदर्शित करने को इच्छुक हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इन्डिया अभियान को हमारे समर्थन को रेखांकित करता है और भारत एवं ब्रिटेन द्वारा आपस में साथ मिलकर बड़ी चीजों के निर्माण का जश्न मनाता है।

शुरूआत के समय भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन-भारत की सहभागिता को एक ‘अपराजेय संयोजन’ बताते हुए कहा था:

मुझे खुशी है कि ब्रिटिश सरकार द्वारा समर्थित वहां का उद्योग “मेक इन इंडिया” के हमारे आह्वान का उत्साहपूर्वक प्रत्युत्तर दे रहा है। ब्रिटेन हमारा एक प्रबलतम आर्थिक साझेदार और भारत में एक बड़ा निवेशक रहा है। प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन (या आविष्कार) के क्षेत्र में ब्रिटेन अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है। अपने बाजारों, कुशल मानव संसाधन, प्रतिस्पर्धी आर्थिक वातावरण और अवस्थिति के जरिए भारत विशाल अवसर उपलब्ध कराता है। हमारे व्यवसायी लोकतांत्रिक राजव्यवस्था, कानून का शासन, भाषा और प्रबंधन व्यवहारों के परिचित संदर्भ में भी काम करते हैं। यह दोनों देशों को अथाह लाभ दे सकने वाली सफल साझेदारी के निर्माण का एक अजेय संयोजन का निर्माण करता है। भारत का नया निवेश माहौल, मुझे उम्मीद है, भारत में बड़ी संख्या में विनिर्माण केन्द्र स्थापित करने हेतु और अधिक संख्या में ब्रिटिश उद्योगों को आकर्षित करेगा।

अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां संपर्क करें:

स्टुअर्ट ऐडम, निदेशक,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

मेल करें: शक्ति एडमरुकु

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प्रकाशित 12 June 2015