विश्व की समाचार कथा

भारत तथा यूके: शिक्षा तथा कौशलों में एक बेजोड़ संयोजन

शिक्षा, कौशल तथा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटिश मंत्रियों की भारत के कई शहरों का दौरा।

साजिद जाविद एमपी, ब्रिटिश व्यवसाय, नवप्रवर्तन एवं कौशल मंत्री तथा जो जॉन्सन एमपी, विश्वविद्यालय और विज्ञान मंत्री 9-11 दिसम्बर को 2015 भारत की यात्रा करेंगे।

उनकी यात्रा में शामिल शहर हैं- नई दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलूरु तथा मुम्बई, जहां वे भारतीय छात्रों तथा शिक्षकों और केंद्र तथा राज्य सरकारों के मंत्रियों से मिलेंगे और पिछले महीने प्रधान मंत्री श्री मोदी की यूके की सफल यात्रा पर चर्चा करेंगे, खासकर उच्च शिक्षा, कौशल तथा अनुसंधान सहयोग के क्षेत्र में।

श्री मोदी की यूके की ऐतिहासिक यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग को लेकर आकांक्षाएं ऊंची हो गई हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के वक्तव्य कि यूके ‘भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा स्थान’ बना रहेगा, को मजबूती प्रदान करते हुए सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंड मिनिस्टर, यूके की उच्च शिक्षा, अनुसंधान, विज्ञान, आविष्कारी कार्य तथा तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करेंगे,जो भारत के विकास में मदद दे सकते हैं तथा भारत सरकार के “स्किल इंडिया”के नारे को साकार करने में अहम योगदान दे सकते हैं।

साजिद जाविद ने कहा:

प्रधानमंत्री मोदी की यूके की यात्रा ने यूके/भारत के संबंध को ऊर्जा प्रदान की है और हमारे साझे भविष्य के लिए नवीन व अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का निर्धारण किया है। इसमें शामिल है भारत में कौशलों, शिक्षा तथा अनुसंधान की चिरकालिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करना, जिसके लिए यूके बिल्कुल सही बैठता है।

ब्रिटिश शिक्षा गुणवत्ता का एक पैमाना है तथा वैश्विक सफलता का एक पासपोर्ट हैं, जहां दुनिया के दस शीर्ष यूनिवर्सिटीज यूके में स्थित हैं। कई भारतीय प्रधानमंत्री, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री तथा बिजनेस लीडर्स जिन्होंने आधुनिक भारत को आकार देने में एक अहम भूमिका अदा की, उन्होंने यूके में पूरी हुई अपनी शिक्षा का लाभ उठाया। मैं चाहता हूं कि भारत के सभी क्षेत्रों के भविष्य के नेता यूके के पास मौजूद चीजों का लाभ उठाएं, और मैं श्री मोदी की यात्रा के बाद भारत इसी कार्य के लिए आया हूं।

दोनों ही मंत्री अपनी यात्रा का आरंभ नई दिल्ली से करेंगे, जहां श्री जाविद भारत में मिडलैंड्स इंजिन पहल का शुभारंभ करेंगे, जहां फिक्की के सहयोग से एक पूर्व छात्र मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह समारोह युनाइटेड किंगडम के मिडलैंड्स प्रदेश को बढ़ावा देगा, जो आविष्कारी कार्यों तथा विनिर्माण का केंद्र है, जो दर्शाता है कि भारतीय तथा ब्रिटिश तकनीकी तथा ब्रेन पावर कैसे साथ मिलकर जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों तथा इस क्षेत्र में स्थित ब्रिटेन के शीर्ष विश्वविद्यालयों के पूर्व छात्रों के साथ काम करते हैं, ताकि दोनों देशों के विकास को गति प्रदान की जा सके।

आज की चर्चाओं में ब्रिटिश भारतीय बिजनेस नेता तथा बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के चांसलर, लॉर्ड करन बिलिमोरिया और बर्मिंघम, लिसेस्टर तथा वार्विक यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर ने हिस्सा लिया।

श्री जाविद तथा भारत की मानव संसाधन मंत्री सुश्री स्मृति ईरानी शिक्षा, अनुसंधान तथा इनोवेशन का 2016 यूके-इंडिया ईयर की घोषणा करेंगे, जिसपर पिछले महीने श्री मोदी की यूके यात्रा के दौरान ही सहमति बना ली गई थी।

वह भारत के वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली, मानव संसाधन विकास मंत्री सुश्री स्मृति ईरानी तथा वाणिज्य मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण के साथ भी चर्चा करेंगे।

नई दिल्ली में, श्री जॉनसन और भारत के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन मिलकर 2016 टेक्नोलॉजी समिट तथा नॉलेज एक्पो का यूके के सहयोग से शुभारंभ करेंगे।

ब्रिटिश तथा भारतीय बिजनेज लीडर्स तथा वरिष्ठ शिक्षाविदों, जैसे कि डेम नैंसी रॉथवेल, मैंचेस्टर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तथा प्रॉफेसर कॉलिन रियॉर्डन, वाइस चांसलर, कार्डिफ यूनिवर्सिटी भी इन चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। श्री जॉनसन यूके के न्यूटन फंड को 2021 तक विस्तार करने की घोषणा करेंगे तथा न्यूटन-भाभा फंड के तहत नए अनुसंधान सहयोगों का भी ऐलान करेंगे और यूके-भारत अनुसंधान में संयुक्त निवेश का उत्सव मनाएंगे, जो वर्ष 2008 में £1 मिलियन से भी कम था जो आज बढ़कर £200 मिलियन से अधिक पहुंच चुका है।

दोनों ही मंत्री दिल्ली स्थित आइआइटी के छात्रों से भी मुलाकात करेंगे, जिनमें आइआइटी के वे नामचीन पूर्व छात्र भी शामिल होंगे, जिन्होंने यूके की उच्च शिक्षा से लाभ प्राप्त किया था। ये मंत्री उन कई कार्यक्रमों को बढ़ावा देंगे, जिनको लेकर आइआइटी दिल्ली यूके के साथ यूके इंडिया एडुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव (यूकेआइईआरआइ) एक अंग के रूप में जुड़ा रहा है।

हैदराबाद में श्री जाविद हैदराबाद पब्लिक स्कूल (एचपीएस) के छात्रों से यूके में मौजूद उच्च शिक्षा के अवसरों पर चर्चा करेंगे। यूके हैदराबाद के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का एक पसंदीदा स्थान रहा है और इस स्कूल का एक जाने-माने पूर्व छात्र हैं लॉर्ड बिलिमोरिया। श्री जाविद इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्रों तथा शिक्षकों से भी मिलेंगे तथा आइआइआइटी स्थित नव स्थापित टी-हब की यात्रा करेंगे, जो स्टार्ट-अप्स के लिए भारत का सबसे बड़ा केंद्र हैं, जहां वह यूके नेतृत्व के साथ इनोवेशन के क्षेत्र पर चर्चा करेंगे तथा दोनों देशों के युवा आविष्कर्ताओं के बीच सहयोग क्षेत्र को भी रेखांकित करेंगे। टी-हब के दौरान श्री जाविद तेलंगाना के आइटी मंत्री, श्री के तारक राम राव से भी मुलाकात करेंगे।

इसी दिन श्री जॉनसन बेंगलूरु की भी यात्रा करेंगे। वे वहां स्टोनहिल इंटरनैशनल स्कूल का दौरा करेंगे और उसके छात्रों व स्टाफ से मिलेंगे, फिर वे कर्नाटक राज्य के शिक्षा मंत्री के साथ दोपहर भोजन करेंगे।

श्री जॉनसन भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूरु में रिसर्च काउंसिल्स यूके (आरसीयूके) द्वारा आयोजित एक अनुसंधान तथा इनोवेशन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और कई संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों की घोषणा करेंगे, जो विज्ञान तथा अनुसंधान के क्षेत्र में यूके तथा भारत के बीच के दीर्घ काल से स्थापित सहयोग को बढ़ावा देंगे।

वे यूके के ओपन यूनिवर्सिटी तथा मणिपाल एडुकेशन समूह के साथ एक सहयोग की घोषणा करेंगे, जो आविष्कारी कार्यक्रमों के विकास को बढ़ावा देगा और छात्रों को कार्य स्थल पर सफलता पाने के लिए कौशल प्राप्त करने में मदद देगा। माननीय मंत्री ब्रिटिश काउंसिल जेनरेशन यूके-इंडिया प्रोग्राम, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी तथा जैन यूनिवर्सिटी के बीच एक नए सहयोग की भी घोषणा करेंगे, जिसके तहत यूके के छात्रों को बेंगलूर स्थित उनके कैंपसों में आमंत्रित किया जाएगा।

श्री जॉनसन ने कहा:

शिक्षा, अनुसंधान तथा विकास, विज्ञान तथा आविष्कारी कार्य ऐसे स्तंभ होंगे, जिनपर यूके-भारत के आगामी सहयोग टिके होंगे। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है, “टीम यूके तथा टीम इंडिया एक अनुकूल संयोजन है” तथा उन्होंने 21वीं सदी के लिए करोड़ों भारतीय युवाओं को तैयार करने के भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी के सपने को पूरा करने में मदद की पेशकश की है।

दोनों ही मंत्री अपनी यात्रा का अंतिम दिन मुम्बई में बिताएंगे, जहां वे जमनाबाई नारसी स्कूल तथा कैथेड्रल स्कूल के छात्रों को संबोधित करेंगे तथा उनसे बातचीत करेंगे।

मननीय मंत्रियों के संग ब्रिटेन के शीर्ष विश्वविद्यालयों तथा अन्य शिक्षण संस्थानों के वाइस चांसलर तथा वरिष्ठ शिक्षक मौजूद रहेंगे, जो शिक्षा तथा अनुसंधान अवसरों की पड़ताल के लिए पूरे भारत के छात्रों तथा शिक्षकों से मिलेंगे।

अधिक जानकारी

  • मिडलैंड इंजन: मिडलैंड इंजन प्रॉस्पेक्टस के मुख्य लक्ष्यों में शामिल है- मिडलैंड्स इंजन अर्थव्यवस्था का एक अधिक व्यापक विश्लेषण संपन्न करना। इसका इस्तेमाल मिडलैंड्स इंजन के लक्ष्यों तथा उद्देश्यों को नवीनीकृत करने में किया जाएगा। एक मिडलैंड्स इंजन उत्पादकता सुधार योजना का विकास करना, जो इस क्षेत्र के हिस्सों के भीतर के विकास में सर्वोत्तम पद्धति अनुशंसाओं पर आधारित होगा।

  • टेक्नोलॉजी समिट तथा नॉलेज एक्स्पो भारत का प्रमुख ज्ञान तथा तकनीकी सम्मेलन तथा प्रदर्शनी है, जो तकनीकी आधारित व्यापार तथा निवेश को बढ़ावा देने का एक मंच है। इसे भारत सरकार (विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग) तथा कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) द्वारा समर्थन दिया जाता है तथा यह पिछले 20 वर्षों से संचालित किया जा रहा है। टेक्नोलॉजी समिट तथा नॉलेज एक्स्पो का मुख्य उद्देश्य है भारत के उद्योगों, संस्थानों तथा सरकारी एजेंसियों को विनिर्माण, व्यापार तथा निवेशों के लिए ज्ञान-व्यवसाय सहयोग स्थापिर करने के लिए एक मंच प्रदान करना। इसमें एक विषय आधारित सम्मेलन आयोजित किया जाता है, साथ ही तकनीकी गहनता वाले उत्पादों व सेवाओं की प्रदर्शनी लगाई जाती है और बिजनेस-टु-बिजनेस व बिजनेस-टु-गवर्नमेंट बैठकों का भी आयोजन किया जाता है।

  • जेनरेशन यूके इंडिया पार्टनर्स में क्राइस्ट यूनिवर्सिटी तथा जैन यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जो जुलाई तथा अगस्त 2016 में वुमंस इश्यू इन इंडियन सोसाइटी तथा इंडिया स्टडीज (संस्कृति, इतिहास, सामाजिक कलाओं इत्यादि) जैसे विषयों पर अध्ययन करने के लिए यूके के छात्रों को आमंत्रित करेंगे।

  • न्यूटन फंड की स्थापना यूके सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान तथा इनोवेशन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। वर्तमान में न्यूटन फंड 5 वर्षों के लिए £375 मिलियन तय किया गया है।

  • नवम्बर 2014 में यूके तथा भारत ने न्यूटन-भाभा फंड के गठन पर सहमति जताई थी जो 5 वर्षों के लिए हर वर्ष £10m (यानी हर वर्ष 100 करोड़ रुपया) का योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। न्यूटन-भाभा प्रोग्राम बड़े सामाजिक चुनौतियों से निपटता है, जैसे कि धारणीय शहर, स्वास्थ्य, भोजन तथा जल। इस कार्यक्रम में मुख्यतः शामिल हैं: अनुसंधानकर्ताओं तथा संस्थानों की क्षमता का विस्तार करना; नए अनुसंधान सहयोगों का विकास करना; हमारे देशों के फायदे के लिए ज्ञान को यथार्थ लाभों में रूपांतरित करना।

  • यूके-भारत मानते हैं कि न्यूटन-भाभा प्रोग्राम यूके तथा भारत के मौजूदा अनुसंधान सहयोगों को मजबूती प्रदान कर रहा है तथा भारत तथा यूके की सरकार, सरकारी एजेंसियों, अनुसंधान संगठनों, उच्च शिक्षण संस्थानों, कंपनियों तथा उपक्रमों के नीति निर्धारकों के साथ नए संबंधों को बढ़ावा दे रहा है।

  • भारतीय विज्ञान संस्थान में आरसईयूके रिसर्च प्रदर्शन- नया यूके-भारत अनुसंधान व इनोवेशन सहयोग

  • खाद्य प्रसंस्करण पर अनुसंधान तथा इनोवेशन सेतु: भारत में हम सभी जानते हैं कि लगभग 40% खाद्यान्न मंडी पहुंचने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं। यह प्रोग्राम इस आवश्यक पहलू से निपटेगा ताकि सस्ते फार्म फूड प्रॉसेसिंग तथा पैकेजिंग तकनीकियों तथा एक प्रभावी शीत भंडारण चेन का विकास कर भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह ‘सेतु’ विशेषज्ञों तथा उद्योगों को साथ लाकर संयुक्त सहयोग स्थापित करेगा।

  • कृषि नाइट्रोजन पर एक वर्चुअल संयुक्त केंद्र: कृषि क्षेत्र में नाइट्रोजन के इस्तेमाल को आदर्श बनाना, खाद्य सुरक्षा तथा धारणीयता की सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यावरणिक चुनौतियों से निपटने की एक बड़ी वैश्विक जरूरत बन गया है। मुझे अपने दोनों देशों के बीच 4 नए सहयोगों की घोषणा करते हुए हर्ष अनुभव हो रहा है, जहां अनुसंधानकर्ताओं की टीम कम ऊर्जा आगतों तथा कम पर्यावरणीय प्रभावों के साथ फसल उत्पादन के मौजूदा स्तर में सुधार लाने के तरीकों की खोज करेंगे और इससे नाइट्रोजन उर्वरकों के निम्न आगतों के साथ उच्च उपज वाली सफलों का उत्पादन संभव हो पाएगा।

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प्रकाशित 9 December 2015