विश्व की समाचार कथा

ब्रिटेन के 4 बिलियन पौंड के कार-पार्ट-किटी से भारतीय व्यवसाय में वृद्धि के अवसर

ब्रिटेन के वाहन निर्माता, ब्रिटिश वाहन उद्योग की बढ़ती हुई मांग पूरी करने के लिए बाजार में कार कल-पुर्जा के नए आपूर्तिकर्ताओं की तलाश में हैं।

UK pavilion at Auto Expo 2016 New Delhi

ब्रिटेन अब यूरोप का सबसे तेजी से वृद्धि करनेवाला वाहन निर्माता है, जिसने 2015 में क्रमबद्ध उत्पादन से 1.6 मिलियन से ज्यादा वाहन तैयार किए हैं, जो पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा है।

नई दिल्ली में आयोजित ऑटो एक्सपो 2016 में यूके सोसाइटी ऑफ मोटर मैन्यूफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन (एसएमएमटी) तथा यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) पैवेलियन का उद्घाटन करते हुए, भारत में ब्रिटेन के कार्यकारी उच्चायुक्त, डॉ. अलेक्जैंडर इवांस ने कहा कि यूके ने स्वयं को यूरोप के सबसे तीव्र प्रगतिशील वाहन विनिर्माता के तौर पर स्थापित किया है और इसका अर्थ भावी निवेशकों के लिए वृद्धि के ढेर सारे अवसर प्रदान करना भी है।

डॉ. इवांस ने कहा:

ब्रिटेन स्वयं को कार विनिर्माण में एक वैश्विक अगुवा के तौर पर विशिष्ट रूप से वापस अपनी स्थिति को प्राप्त कर रहा है। हम अपने उत्पादों की गुणवत्ता तथा इस क्षेत्र में अपने शोध तथा विकास द्वारा अपनी इस स्थिति में तेजी से प्रगति कर रहे हैं।

हमारी इस यात्रा में भारतीय कंपनियां तथा उत्पादनकर्ता काफी महत्वपूर्ण हैं। टाटा के स्वामित्व वाले जगुआर लैंड रोवर का उदाहरण लें, जो हाल में ही ब्रिटेन का सबसे बड़ा वाहन निर्माता बन गया है। इस प्रकार की सहभागिताएं ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन के सारांश को प्रदर्शित करती हैं, जो दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा प्रारंभ एक सक्रिय अभियान है, जिसका उद्देश्य ब्रिटेन तथा भारत के मध्य नई सहभागिताओं को प्रेरित करना तथा भारत के प्रति ब्रिटेन की प्रतिबद्धता के पैमाने पर व्यापक जागरुकता को प्रोत्साहन प्रदान करना है।

उन्होंने कहा:

हम ब्रिटेन में वाहन उत्पादन बढ़ाना जारी रखेंगे। इसका मतलब यह है कि हम अपने साथ सहभागिता के लिए और ज्यादा कंपनियों की तलाश कर रहे हैं, जो कारों के लिए हमारी मांग पूरी कर सकें, और भारत इस संवृद्धि का लाभ उठाने के लिए एक बेहतर स्थिति में है।

इस वर्ष के ऑटो एक्सपो में नौ ब्रिटिश वाहन निर्माता भाग ले रहे हैं, जो भारत आनेवाला आज तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल है।

सोसाइटी ऑफ मोटर मैन्यूफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन (एसएमएमटी) के तामजेन आइजेक्सन ने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन के आधुनिकतम प्रौद्योगिकी युक्त सप्लाई चेन तथा बाजार-पश्चात कंपनियों का एक समुच्चय था।

श्री आइजेक्सन ने कहा:

एसएमएमटी इस कतार में छठे संस्करण के प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करते हुए गौरवान्वित है। भारतीय और ब्रिटिश वाहन सेक्टरों में काफी कुछ समानताएं है- अभियंत्रण रचनात्मकता, सरलता तथा अभिनव प्रयोगशीलता को हमारे हर कार्य में प्रमुखता से स्थान देना,

भारत में ब्रिटिश-निर्मित कारों का निर्यात 2010 से तीन गुना बढ़ जाने, और देश की बढ़ती आर्थिक समृद्धि के साथ श्रेणी में मांग बढ़ने के कारण, हम अपने मौजूदा गहन व्यापारिक संबंधों को औद्योगिक परिप्रेक्ष्य में और भी मजबूती प्रदान करने की अपेक्षा रखते हैं, ताकि हम परस्पर लाभकारी निवेश अवसरों का फायदा उठा सकें।

डॉ. अलेक्जैंडर इवांस ने एक आधिकारिक फोटोकॉल में तामजेन आइजेक्सन के साथ सम्मिलित होते हुए, आज ब्रिटेन तथा भारत के बीच कई व्यापारिक सहभागिता अवसरों की घोषणा करने के साथ ही, ऑटो एक्सपो आयोजन में यूके पैवेलियन का आधिकारिक उद्घाटन भी किया।

यूकेटीआई स्टैंड 4-7 फरवरी को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में सजे यूके पैविलियन की हॉल संख्या 18, स्टैंड 29 में स्थित है।

एडवांस्ड प्रोपल्सन सेंटर कोष के बारे में अधिक जानकारी के लिए या ब्रिटेन में अपना व्यवसाय कैसे स्थापित किया जाए या साझेदार कैसे प्राप्त किए जाएं इस बारे में जानने हेतु यूकेटीआई में संदीप चौधरी से संपर्क करें।

इच्छुक पक्ष ऑटो एक्सपो में यूकेटीआई निवेश सलाहकार से मिल सकते हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय विकास के मार्ग पर उनके आगे बढ़ने में मददगार होंगे।

यूकेटीआई अवसर पर ऑटो एक्सपो या टिकट तथा फोटो के बारे में और जानकारियां।

आज के फोटोकॉल की तस्वीरों या डॉ. अलेक्जैंडर इवांस या तामजेन आइजेक्सन से साक्षात्कार की व्यवस्था के लिए कृपया संपर्क करें: सामंथा युंग, एमएचपी सूचना तथा जगोरी धर

आगे की जानकारी:

ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन, भारत-ब्रिटेन के व्यावसायिक सहयोग को प्रदर्शित करनेवाला एक महत्वाकांक्षी तथा गतिशील नया अभियान है। यह अभियान, जिसे प्रधानमंत्री मोदी तथा प्रधानमंत्री कैमरन द्वारा शुरू किया गया है, नई सहभागिताओं को प्रेरित तथा भारत के प्रति ब्रिटेन की प्रतिबद्धता के पैमाने पर वृहत्त जागरुकता को प्रोत्साहित करेगा। कुल मिलाकर इसका उद्देश्य दोनों देशों के मध्य व्यवसाय में वृद्धि करना है। यह अभियान भारत तथा ब्रिटेन के बीच कई प्रकार के क्षेत्रों में परस्पर लाभकारी सहभागिताओं को प्रदर्शित तथा प्रोत्साहित करता है, जैसे ऊर्जा, स्वास्थ्यसेवा, आधुनिक विनिर्माण, वित्तीय सेवाएं तथा मूलभूत संरचना क्षेत्र।

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वापस भविष्य की ओर

ब्रिटेन ने वाहन उद्योग में वैश्विक अग्रणी का स्थान फिर से हासिल कर लिया है

  • वाहन निर्माण उद्योग के क्षेत्र में ब्रिटेन एक अग्रणी केन्द्र है। 2015 में लगभग 16 करोड़ (एक दशक में सर्वाधिक संख्या) वाहन फैक्ट्री से निर्मित होकर निकले और इस सेक्टर का टर्नओवर लगभग 68 अरब पाउंड से अधिक रहने का अनुमान है जिससे 2009 के बाद से ब्रिटेन निर्मित कारों का औसत मूल्य दुगुना हुआ। यूरोप में ब्रिटेन तीसरा सबसे बड़ा कार्य निर्माता देश है।
  • उद्योग की सफलता का एक अंश उत्पादों की गुणवत्ता के कारण है लेकिन इसका एक कारण व्यवसाय की दक्षता भी है। ब्रिटिश वाहन क्षेत्र अब स्पष्ट रूप से यूरोप का सबसे उत्पादक क्षेत्र है और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जर्मनी से 12.8% की बढ़त लेकर आगे है और फ्रांस की उत्पादकता से इसकी उत्पादकता लगभग दुगुनी है।
  • ऑटोमोटिव आर&डी में ब्रिटेन एक प्रगतिशील कारक है जो अगले 10 साल के लिए उत्पादन में प्रगति करने हेतु मार्ग प्रशस्त कर रहा है। दुनिया के सर्वोच्च 6 यूनिवर्सिटीज में से 4 में जगुआर लैंड रोवर, फोर्ड और निसान के आर&डी सेंटर ब्रिटेन में हैं। निम्न कार्बन वाहन प्रौद्योगिकियों के विकास में ब्रिटिश वाहन उद्योग का स्थान अग्रणी है।
  • यूरोप में इलेक्ट्रिक वाहनों का भी ब्रिटेन अग्रणी विनिर्माता है (संडरलैंड में स्थापित निसान की फैक्ट्री के चलते), और बैटरी तथा संबद्ध तकनीकी के लिए उत्तर पूर्व में विकसित होता हुआ माहौल है। उत्तर पश्चिम में क्रीव (Crewe) अब वीडब्ल्यू समूह में 12 सिलिंडर इंजनों के लिए वैश्विक उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में स्थापित है। यह इंजन विकास में ब्रिटेन द्वारा निभाई जाने वाली प्रमुख भूमिका को दर्शाता है जो कि एडवांस्ड प्रोपल्सन सेंटर के जरिए निम्न कार्बन प्रोपल्सन में 10 में 1 अरब पाउंड की निवेश योजना की वजह से संभव हुआ।
  • आपूर्ति श्रृंखला – ब्रिटिश वाहन निर्माण उद्योग क्षेत्र के त्वरित विस्तार ने कंपोनेंट्स के लिए अभूतपूर्व मांग पैदा की है। दो सालों में 2015 तक यूके ओईएम को ब्रिटिश सप्लायरों द्वारा की जाने वाली बिक्री में 1 अरब पाउंड का इजाफा हुआ, जहां केवल 2014 में ही 19% की वृद्धि दर्ज की गई। ब्रिटिश वाहन निर्माताओं ने टीयर 1 कंपोनेंट के उत्पादन के लिए 4 अरब पाउंड के एक अतिरिक्त अवसर की पहचान की है और टीयर 2 और उससे नीचे के सप्लायरों के लिए 2 अरब पाउंड मूल्य की आपूर्ति श्रृंखला के अवसर पहचाने गए हैं।
  • ब्रिटेन यूरोप में इंटेलिजेंट मोबिलिटी में अग्रणी है और दुनिया में अग्रणी रहने के लिए इसकी स्थिति सर्वोत्तम है। सार्वजनिक सड़कों पर पहला विविध परीक्षण फरवरी 2015 में शुरू हुआ और कंपनियों को इंटेलिजेंट सॉल्यूशन के व्यावसायीकरण में सहायता हेतु सेंटर फॉर कनेक्टेड एंड ऑटोनोमस व्हीकल्स (सी-सीएवी) की शुरुआत की गई। ब्रिटेन के विश्व-अग्रणी व्यवहार संहिता के शुरुआत का अर्थ अब यह है कि ब्रिटेन इंटेलिजेंट व्हीकल्स के विकास और परीक्षण के लिए दुनिया का एक सबसे अनुकूल और खुला देश है।
  • मोटरस्पोर्ट – ऑटोमोटिव का सर्वाधिक आर&डी सघन अंग मोटरस्पोर्ट में ब्रिटेन दुनिया का अग्रणी देश है। मोटरस्पोर्ट क्षेत्र में कार्यरत 4,500 कंपनियों के साथ मौजूदा एफ1 टीमों का 7/10 यूके में स्थित है। इससे अत्याधुनिक विशेषज्ञता तक अद्वितीय पहुंच संभव होती है और मुख्यधारा वाले वाहन क्षेत्र में तकनीकी प्रवाह का विस्तार होता है।
  • निर्यात – दुनिया भर में ब्रिटिश वाहन प्रॉडक्टों की बढ़ती मांग के साथ, ईयू तथा 100 वैश्विक बाजारों में प्रत्यक्ष पहुंच के साथ-साथ ब्रिटेन एक आदर्श स्थल है जहां से भरपूर निर्यात किया जा सकता है। 2015 में कारों की एक रिकॉर्ड संख्या (कुल उत्पादन का 77.3%) निर्यात की गई जहां 12 लाख कारें ब्रिटेन से बाहर भेजी गईं जो 2014 की तुलना में 2.7% अधिक थी। 11.3% की वृद्धि के साथ ईयू की मांग में निरंतर इजाफा हो रही है।

स्टुअर्ट ऐडम, प्रमुख,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

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प्रकाशित 4 February 2016