विश्व की समाचार कथा

‘अनबॉक्सिंग ब्रिटेन-भारत रचनात्मकता

ब्रिटेन और भारत के बीच रचनात्मक उद्यमिता के अतिरिक्त विकास के लिए एएचआरसी से पाँच ब्रिटिश शोधकर्ताओं को फंडिंग से पुरस्कृत किया गया है।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Unbox Festival

Courtesy: Unbox Festival

ब्रिटेन के कला एवं मानवता शोध परिषद (एएचआरसी) ने अन्बोक्स फेस्टिवल, ब्रिटिश परिषद और ब्रिटेन के विज्ञान एवं नवाचार नेटवर्क के साथ मिलकर ब्रिटेन और भारत के बीच रचनात्मक उद्यमिता के अतिरिक्त विकास के लिए अतिरिक्त फंडिंग की घोषणा की है।

अतिरिक्त फंडिंग की घोषणा अनबॉक्स फेलोशिप कार्यक्रम के लिए एक फोलो-अप के रूप में की गयी है जहाँ ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने भारत में मेजबानों के साथ अल्पकालीन फेलोशिप का बीड़ा उठाया। 4 सप्ताह तक इन फेलोशिप नियुक्तियों के बाद, ब्रिटिश शोधकर्ता फरवरी 2013 में नयी दिल्ली में अनबॉक्स फेस्टिवल के दौरान फोलो-अप फंडिंग के लिए बोली लगा सकते हैं।

अनबॉक्स फेस्टिवल रचनात्मक मस्तिष्कों और सहयोगपूर्ण शोध का एक वार्षिक उत्सव है। इस वर्ष अनबॉक्स फेस्टिवल ने अंतर-अनुशासन सम्बन्धी साझेदारी के माध्यम से रचनात्मक सोच के रास्तों का पता लगाने और उन्हें काम में लाने के लिए ब्रिटेन और भारत के रचनात्मक शोधकर्ताओं के दल के लिए एक मंच प्रदान किया। उनके अनबॉक्स फेलोशिप से उत्पन्न होने वाले अतिरिक्त प्रश्नों का पता लगाने और उन्हें हल करने के लिए ब्रिटेन-भारत साझेदारी को सक्षम बनाने के लिए एएचआरसी से पाँच ब्रिटिश शोधकर्ताओं को फंडिंग से पुरस्कृत किया गया है। सफल परियोजनाएँ हैं:

  • डॉ मिशा मायर्स, थिएटर, फाल्माउथ यूनिवर्सिटी में सीनियर लेक्चरर। डॉ मायर्स सास्वत महापात्रा नामक एक चित्रकार और ग्राफिक डिजाइनर के साथ मिलकर डिजीटल ग्रीन (डीजी) के साथ काम करेंगी। इस शोध के तहत शहरी उपयोगकर्ताओं को ग्रामीण विकास की जटिलताओं, कृषि प्रथाओं और किसानों के सामने आने वाली समस्याओं की तरफ आकर्षित करने के लिए कहानी कहने और सीखने के एक तरीके के रूप में कंप्यूटर गेम के उपयोग का पता लगाया जाएगा। भारत में किसानों के जीवन की वास्तविकता वेब से जुड़े अधिकांश शहरी उपयोगकर्ताओं द्वारा अपेक्षाकृत अज्ञात और अनबूझी रह जाती है। अनबॉक्स फेलोशिप के एक हिस्से के रूप में, इस परियोजना के पहले चरण के दौरान किसानों के साथ किये गये साक्षात्कारों के तहत इस संदेश का प्रचार करने के लिए गेम की जरूरत पर जोर डाला गया कि शहरी उपयोगकर्ताओं का अपना वर्चस्व छोटे किसानों के वर्चस्व के साथ आपस में जुड़ा हुआ है।

  • डॉ पद्मिनी राय मुर्रे, पब्लिशिंग स्टडीज, यूनिवर्सिटी ऑफ स्टर्लिंग में लेक्चरर। डॉ राय मुर्रे मेघदूत का नेतृत्व करेंगी: सदियों पुरानी कहानियाँ सुनाने के लिए नयी तकनीकों का उपयोग। यह परियोजना एक गेम मेघदूत के एक प्रोटोटाइप के इर्दगिर्द आधारित है जिसे अनबॉक्स फेलोशिप के पहले चरण में विकसित किया गया था। मेघदूत भारतीय संस्कृति की विशेषताओं जैसे गेमप्ले में भारतीय नृत्य की भाव-भंगिमा सम्बन्धी गतिविधियों की ओर आकर्षित करता है और भारतीय पौराणिक कथा से उद्धृत कथापरक संरचनाओं से प्रेरित है जो गेम की डिजाइन में एंग्लो-सैक्सन रेखामय क्रम से दूर ले जाने का एक सचेत विकल्प प्रदान करता है और एक सौंदर्यबोध कराता है जो भारतीय परंपरा की प्राचीन कलाकृतियों से प्रेरित है लेकिन सामान्य विदेशागत या पूर्वी भाषाओं का सहारा नहीं लेता है। मेघदूत की गिनती उत्तरोत्तर ‘गंभीर आर्ट गेम’ की लोकप्रिय श्रेणी में होगी।

  • डॉ चरणजीत मान, सुर्रे विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य के लेक्चरर। ब्रिटिश परिषद फेलो इओआना मनौस्सकी-एडमोपाउलू नामक एक फिल्मनिर्माता और शोधकर्ता और अनबॉक्स फेलो, सिमरन चोपड़ा, भारत की एक नयी मीडिया डिजाइनर एक पंजाबी पलिम्प्सेस्ट: आम खास बाग में सांस्कृतिक स्मृति और विस्मरण पर डॉ मान का साथ देंगे। ग्रैंड ट्रंक रोड एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक राजमार्ग है जो भारत के उत्तर से होकर गुजरता है और कलकत्ता को अफगानिस्तान से जोड़ता है। यद्यपि इस सड़क के वास्तविक मार्ग में परिवर्तन हो गया है लेकिन फिर भी इसका प्रक्षेप पथ और उद्देश्य स्थिर रहा है अर्थात् ज्ञान, विचार, धर्म, परम्पर्ता और नवाचार का प्रेषण। इस परियोजना का केंद्रबिंदु मुसलमानों और सिक्खों के लिए विशेष महत्व वाले स्थान में ग्रैंड ट्रंक रोड के किनारे एक महत्व स्थल पर टिका हुआ है। इस परियोजना का लक्ष्य उन तरीकों पर शोध करना है जिनमें भारत में पंजाब के विभाजन के बाद सिक्ख और मुसलमान विरासत एक साथ मौजूद है।

  • प्रोफ़ेसर एंड्रयू बर्टन, न्यूकैसल विश्विद्यालय में फाइन आर्ट के प्रोफ़ेसर प्रोफ़ेसर बर्टन ब्रिटिश काउंसिल फेलो बाहबक हाशेमी-नेज़ाद नामक एक क्रिएटिव डायरेक्टर और प्रोडक्ट डिजाइनर के साथ-साथ अनबॉक्स फेलो स्टैंजिन लोसल शमशु नामक एक प्रोडक्ट डिजाइनर के साथ मिलकर मापुसा बाजार के मानचित्रण पर काम करेंगे। यह एक तरह का अन्वेषण है कि एक स्थानीय भारतीय बाजार को कैसे रचनात्मक तरीके से ‘मानचित्रित’ या दस्तावेजिकृत किया जा सकता है। इस जीवंत सांस्कृतिक संचय की रचना करने के लिए, दुकानदारों, विक्रेताओं और बाजार में काम करने वाले मजदूरों सहित बाजार उपयोगकर्ता अपनी ‘बाजार वार्ता’ को तालिकाबद्ध करेंगे। सामानों को ले जाते समय, व्यापार की तलाश करते समय या स्मारिकाओं को देखते समय प्रत्येक प्रतिभागी बाजार के सम्बन्ध में अपने अनुभव की जीवंत तस्वीर बनाएंगे। रचनात्मक उत्पादन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किये गये टूल्स का इस्तेमाल करके, इस परियोजना के तहत जीवंत ‘पार-अनुभागीय’ दृश्यों की एक श्रृंखला का निर्माण किया जाएगा। एक संसक्त कार्य समूह में संगठित और दूसरों के योगदान को आमंत्रित करने वाली वेबसाइट में अपलोड की गयी इस परियोजना के तहत सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और सामाजिक संबंधों के एक बंधन के साथ-साथ सांस्कृतिक उत्पादन के एक केंद्र और एक रोमांचक भौतिक स्थान के रूप में बाजार का पता लगाया जाएगा।

  • डॉ एमिले डेवेरोक्स, लैंकास्टर विश्वविद्यालय में डिजीटल कला एवं संस्कृति के लेक्चरर डॉ डेवेरोक्स ब्रिटिश काउंसिल फेलो एलेक्जेंडर जोलीफ़, एनिमेटर और अनबॉक्स फेलो, राधामोहिनी प्रसाद, फिल्म निर्माता के साथ लेजिट: मुक्त शासन प्रणाली के लिए मीडिया परियोजना पर काम करेंगे। इसके तहत इस बात पर शोध किया जाएगा कि भारत में मुक्त शासन प्रणाली के साथ सक्रिय संलग्नता को बढ़ावा देने के लिए मीडिया और नयी प्रौद्योगिकियों को कैसे काम में लगाया जा सकता है। जनवरी 2013 में नई दिल्ली में अनबॉक्स फेस्टिवल में, लेजिट ने आइकोनिक इमेजरी के कटे टुकड़ों का इस्तेमाल करके कागज़ पर अन्वेषण का परीक्षण किया, और उन्हें फिर से जोड़ा और समुच्चित चित्रकारी और चित्रकला के माध्यम से उन्हें पुनः आकार दिया। प्रतिभागियों ने दबावपूर्ण सामाजिक चिंताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले आइकनों से ढंके बड़े-बड़े मूर्ति सदृश डिब्बों को फिर से व्यवस्थित करने का काम भी किया। गतिविधि, अन्तःक्रिया और चित्रकला को एकजुट करने वाले इन तरीकों से स्टोरीबोर्ड जैसे रूपों में विचारों को प्रदर्शित करने और दृश्य योग्य बनाने में मदद की। मीडिया कार्य को विकसित करने के लिए साइट पर समुदायों के साथ करीब से काम करने से भारत के गैर इंटरनेट श्रोताओं की कुछ चिंताओं को 1500 लाख इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के सामने लाने में मदद मिलती है। पत्रकारों और टेलीविजन मीडिया नेटवर्कों को फूटेज प्रदान करने से समुदाय की आवाज को उन दर्शकों तक पहुँचने में मदद मिलती है जो कि ऑनलाइन नहीं मिलता है।

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  1. फेलो, अतिथि संस्थानों का पूरा विवरण
  2. कला एवं मानवता शोध परिषद (एएचआरसी) तरह-तरह के कई विषयों में विश्व स्तरीय, स्वतंत्र शोधकर्ताओं को फंड प्रदान करता है: प्राचीन इतिहास, आधुनिक नृत्य, पुरातत्व विज्ञान, डिजीटल कंटेंट, दर्शन शास्त्र, अंग्रेजी साहित्य, डिजाइन, रचनात्मक और प्रदर्शनकारी कला, और बहुत कुछ। इस वित्तीय वर्ष एएचआरसी कई साझेदारों के साथ मिलकर शोध और स्नातकोत्तर प्रशिक्षण के वित्तपोषण के लिए लगभग £980 लाख खर्च करेगा। जनता के पैसों से इस निवेश द्वारा समर्थित शोध की गुणवत्ता और सीमा केवल सामाजिक और सांस्कृतिक लाभ ही नहीं प्रदान करती है बल्कि ब्रिटेन की आर्थिक सफलता में योगदान भी देती है।
  3. ब्रिटिश काउंसिल फेलो के बारे में आगे की जानकारी
  4. ब्रिटिश परिषद ब्रिटेन और अन्य देशों के लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अवसर पैदा करता है और पूरे विश्व में उनके बीच विश्वास कायम कर्टअ है। हम लोग एक रॉयल चार्टर चैरिटी हैं, जिसे ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक अवसर एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध प्रतिष्ठान के रूप में स्थापित किया गया है। 100 से भी ज्यादा देशों में हमारे 7000 कर्मचारी अंग्रेजी, कला, शिक्षा और समाज कार्यक्रमों के माध्यम से प्रति वर्ष हजारों प्रोफेशनलों और नीति निर्माताओं और लाखों नवजवानों के साथ मिलकर काम करते हैं। हमें अपने 7390 लाख पाउंड के वार्षिक टर्नओवर का 75% से भी अधिक आय ग्राहकों द्वारा भुगतान की जाने वाली सेवाओं, हमारे द्वारा बोली लगाये जाने वाले शिक्षा और विकास ठेकों और साझेदारियों से प्राप्त होती है। ब्रिटेन की सरकार के एक अनुदान से शेष 25% की पूर्ति होती है। हम लोग अपने प्रत्येक 1 पाउंड की कोर पब्लिक फंडिंग को अपने परोपकारी उद्देश्य की पूर्ति में अर्जित 3 पाउंड के साथ मिलाते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: www.britishcouncil.org. ब्रिटिश परिषद के ब्लॉग पढ़ें और ट्विटर पर ब्रिटिश परिषद का अनुसरण करें।
  5. ब्रिटिश विज्ञान एवं नवाचार नेटवर्क के 25 देशों में कार्यालय हैं जिनमें कुल मिलाकर लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं। इस नेटवर्क का उद्देश्य व्यापक है और इसमें विज्ञान और नवाचार में सहयोग को बढ़ावा देना और विज्ञान कूटनीति शामिल है। हम लोग ब्रिटेन में शैक्षणिक समुदायों, शोध प्रतिष्ठानों और व्यवसायों और उसके अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करते हैं। हमारे काम में शामिल है जानकारी इकठ्ठा करना, विश्लेषण प्रदान करना, रिपोर्ट तैयार करना और विवरण सत्रों का संचालन करना। हम लोग सीधे ब्रिटेन और उसके अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों को संलग्न करने के लिए संघोश्थी, कार्य सभा, सम्मलेन, प्रायोजित दौरे और शोधकर्ता आदान-प्रदान जैसे संवादात्मक मंचों का इस्तेमाल करते हैं।
  6. भारत में एएचआरसी का प्रतिनिधित्व ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली में स्थित आरसीयूके (ब्रिटिश शोध परिषद) इंडिया द्वारा किया जाता है। आरसीयूके इंडिया की स्थापना 2008 में शोध साझेदारों को प्रशिक्षित करने और ब्रिटेन और भारत में बेहतरीन शोधकर्ताओं को उच्च गुणवत्तापूर्ण, उच्च प्रभावपूर्ण सहयोग विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए किया गया था।
  7. सुर्रे विश्वविद्यालय विश्व स्तरीय शोध प्रोफाइल और अध्यापन और शोध में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठा प्राप्त ब्रिटेन के अग्रणी प्रोफेशनल, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विश्वविद्यालयों में से एक है। विश्वविद्यालय में अभूतपूर्व शोध से जीवन के सभी क्षेत्रों को सीधा लाभ मिल रहा है - उद्योगों को अपनी प्रतिस्पर्धी तीक्ष्णता को कायम रखने और स्वास्थ्य, दवा, अंतरिक्ष विज्ञान, पर्यावरण, संचार, रक्षा और सामाजिक नीति जैसे क्षेत्रों में सुधार करने में मदद मिल रही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्यक्रमों को व्यापक मान्यता प्राप्त हुई है और इसे नृत्य एवं संगीत, समाज शास्त्र, प्रबंधन और भाषा और क़ानून से संबंधित फलते-फूलते कार्यक्रमों का गौरव भी प्राप्त है। गिल्डफोर्ड, सुर्रे के ठीक बाहर 150 हेक्टेयर वाले परिसर के अलावा, इस विश्वविद्यालय के पास सुर्रे रिसर्च पार्क भी है जिसका संचालन भी वही करता है जो 110 कंपनियों के लिए सुविधा केन्द्रों की व्यवस्था करता है जहाँ 2750 कर्मचारी कार्यरत हैं। द संडे टाइम्स ने सुर्रे को ‘नौकरियों का विश्वविद्यालय’ नाम दिया है जो उच्च गुणवत्ता वाली प्रासंगिक डिग्री प्रदान करने में विश्वविद्यालय की बढ़ती प्रतिष्ठा को रेखांकित करता है।
  8. न्यूकैसल विश्वविद्यालय एक रसेल ग्रुप विश्वविद्यालय है। द संडे टाइम्स 2013 यूनिवर्सिटी गाइड में ब्रिटेन के शीर्ष 20 विश्वविद्यालयों की सूची में न्यूकैसल विश्वविद्यालय का नाम भी शामिल है। हमारे साथियों में न्यूकैसल को प्राप्त है: * विद्यार्थी संतुष्टि के लिए ब्रिटेन में 10वां स्थान * विज्ञान और अभियांत्रिकी में शोध शक्ति के लिए ब्रिटेन के शीर्ष 12 में * न्यूकैसल विश्वविद्यालय के 93% विद्यार्थी नौकरी कर रहे हैं या स्नातक (एचईएफसीई 2012) की उपाधि प्राप्त करने के छः महीने के भीतर आगे का प्रशिक्षण ले रहे हैं। * शोध की उत्कृष्टता के लिए न्यूकैसल को विश्व स्तरीय प्रतिष्ठा प्राप्त है और यह तीन प्रमुख सामाजिक चुनौतियों का नेतृत्व कर रहा है जिनका वैश्विक समाज पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव है। ये विषय हैं: बुढ़ापा और स्वास्थ्य, निरंतरता, और सामाजिक नवीकरण। * न्यूकैसल विश्वविद्यालय मलेशिया में अपने नुमेड परिसर में दवा के लिए एक पूर्ण स्वामित्व वाले अंतर्राष्ट्रीय शाखा परिसर की स्थापना करने वाला पहला ब्रिटिश विश्वविद्यालय है जिसे 2011 में खोला गया। * अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थी न्यूकैसल विश्वविद्यालय की गिनती विश्व के शीर्ष 12 (आईएसबी 2011) में करते हैं।

  9. 1967 में स्थापित, स्टर्लिंग विश्वविद्यालय लगभग 400 वर्षों तक स्कॉटलैंड का पहला नया विश्वविद्यालय था। अपनी स्थापना से ही, स्टर्लिंग ने मिश्रण कला एवं विज्ञान के लिए एक प्रतिष्ठित प्रतिष्ठा के साथ एक अभिनव, बौद्धिक और सांस्कृतिक संस्थान के रूप में अपनी भूमिका को आत्मसात किया है। यह अग्रणी शोधकर्ताओं और विद्वानों का केंद्र है जो इसके अनोखो शिक्षण माहौल, असाधारण सुविधाओं और विद्यार्थी केंद्रित दृष्टिकोण के कारण यहाँ खींचे चले आते हैं। समाज की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जरूरतों से संबंधित अपने अंतर अनुशासन सम्बन्धी शोध के लिए स्टर्लिंग को विश्व स्तरीय प्रतिष्ठा प्राप्त है जिसकी शोध शक्ति स्वास्थ्य एवं कल्याण, संस्कृति एवं समाज, पर्यावरण, उद्यम और अर्थव्यवस्था, और खेलकूद में निहित है। स्टर्लिंग के स्नातक, कर्मचारी और विद्यार्थी दुनिया भर के समृद्ध, स्वस्थ और चिरस्थायी समुदायों के विकास में एक प्रत्यक्ष और सकारात्मक योगदान करके विश्व को आकार देने में मदद कर रहे हैं।
प्रकाशित 3 July 2013