विश्व की समाचार कथा

दक्षिण भारत में वाणिज्यिक विवाद समाधान पर ब्रिटेन समर्थित रिपोर्ट

यूके समर्थित परियोजना के अंतर्गत दक्षिण भारत के मुद्दों, चुनौतियों, प्रदान की गई नीतिगत सिफारिशों और सीडीआर अधिकारियों के प्रशिक्षण का अध्ययन किया गया।

UK-India

भारत में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त डॉक्टर एलेग्जेंडर इवांस इस हफ्ते दक्षिण भारत में कमर्शियल डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन (सीडीआर) के आकलन पर प्रभावी सीडीआर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए ब्रिटेन की वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत एक रिपोर्ट पेश करेंगे।

इस परियोजना को सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च, कोच्चि द्वारा तमिल चैंबर ऑफ कॉमर्स, बैंगलोर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स और तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक को कवर करने वाले फील्ड कोर्ट चैंबर के प्रशिक्षण विशेषज्ञों के सहयोग से लागू किया गया था। इससे ब्रिटेन और तमिलनाडु के बीच व्यापार में आसानी के लिए संभावित साझेदारी पर चर्चा करने की संभावनाएं खुल गई हैं।

इस कार्यक्रम से पहले भारत में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त डॉक्टर एलेग्जेंडर इवांस ने कहा:

वाणिज्यिक विवाद समाधान पर इस रिपोर्ट की शुरुआत के साथ ही तमिलनाडु सरकार के साथ व्यापार करने में आसानी से संबंधित हमारे बढ़ते संबंधों की शुरुआत हुई है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि हमने जिस परियोजना का समर्थन किया है उससे वाणिज्यिक विवाद केंद्र स्थापित किए जाने के अनुमोदन सहित क्षमता निर्माण की चुनौतियों को सुलझाने की कोशिश पहले से ही की जा रही है।

अन्य जानकारी

कृपया कार्यक्रम में पधारें/अपने प्रतिनिधि / फोटो जर्नलिस्ट को भेजें। कृपया निम्नलिखित विवरण देखें:

समय 1630 बजे
दिनांक मंगलवार, 20 जून 2017
स्थान एसोचैम, इंटरनेशनल लॉ सेंटर, 61-63, डॉ राधाकृष्णन सलाई, मैलापुर, चेन्नई 600 004

इस कार्यक्रम का आयोजन एसोसिएटेड चेंबर ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया (एसोचैम) और सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च द्वारा ब्रिटिश उप उच्चायोग चेन्नई के सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में लीगल ऑफिसर्स, एचआर प्रोफेशनल्स, एंटरप्रेन्योर्स, लॉ फर्म, तमिलनाडु के अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन (एडीआर) प्रैक्टिशनर्स के भाग लेने की संभावना है।

2017 के शुरुआत में ब्रिटिश उप-उच्चायोग चेन्नई द्वारा सीनियर कमर्शियल डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन ऑफिसर्स के लिए सीडीआर स्किल वर्कशॉप का आयोजन किया गया था। इस परियोजना को सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च, कोच्चि द्वारा लागू किया गया था और यह बेंगलुरु, चेन्नई और कोच्चि में आयोजित कार्यशालाओं के अंतर्गत था, जिसमें मध्यस्थता और बातचीत तकनीक, वाणिज्यिक गतिरोध, बी2बी असहमति, कमर्शियल सेटलमेंट पर मॉक सेशन, कॉन्ट्रैक्ट और ड्राफ्टिंग सेटलमेंट एग्रीमेंट पर कार्य किया जा रहा था।

इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य स्तर पर अधिकारियों के कैडर को बढ़ाकर देश भर में संस्थागत अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्रों को स्थापित करने और उन्हें बढ़ावा देने के भारत सरकार की महत्वाकांक्षा का सहयोग करना था। इस कार्यशाला में न्यायिक अधिकारियों, कानूनी अधिकारियों, एडीआर चिकित्सकों, चार्टर्ड एकाउंटेंट और तमिलनाडु के उद्यमियों ने भाग लिया।

भारत में सीडीआर एडीआर के हिस्से के रूप में विकसित हो रहा है। यह वाणिज्यिक प्रकृति के विवादों से संबंधित जटिल मुद्दों को निपटाने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षित कर्मियों की कमी, रिजॉल्यूशन में देरी, शामिल लागत, राज्य स्तर के मध्यस्थता केंद्रों की कमी, डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन के नियमों को न अपनाने के कारण हो रहा है। एक बेहतर, व्यापक सीडीआर स्किल बेस से देश में निवेश और भारत में विभिन्न कंपनियों या भारत में व्यापार करने वाली विदेशी कंपनियों के संचालन में सुधार हो सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत की विभिन्न अदालतों में व्यावसायिक विवादों के अंतिम सेटलमेंट में औसतन 4-6 साल का समय लगता है और कानूनी लागत के लिए कंपनियों द्वारा लगभग 10-15% का सीमांकन माना जाता है जो 2016 के वर्ल्ड बैंक डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत के 180 के निम्न रैंक को उजागर करता है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए ब्रिटेन और भारत के बीच नवंबर 2016 में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हुए हस्ताक्षर से यूके की विशेषज्ञता को वर्ल्ड बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग में अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के भारतीय प्रयासों के समर्थन में मदद मिलेगी।

Programme details (PDF, 131 KB, 1 page)

मीडिया

मीडिया संबंधित प्रश्नों के लिए, कृपया संपर्क करें:

अनीता मॉड्स्ले,
प्रेस एंड पब्लिक अफेयर्स ऑफिसर,
ब्रिटिश उप उच्चायोग चेन्नई
मोबाइल: +91-96001-99956

मेलः अनीता मॉड्स्ले

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प्रकाशित 19 June 2017