भारत की सहायता से यूके अब भी यूरोप का प्रमुख निवेश गंतव्य
यूके ने यूरोप में विदेशी कम्पनियों के लिए सबसे लोकप्रिय गंतव्य के रूप में एक बार फिर से अपनी बढ़त बनाए रखी है।

UK has record breaking year in attracting over 2200 inward investment projects.
यूके ने यूरोप में शीर्ष निवेश गंतव्य का स्थान बनाए रखा है। यूके के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआइटी) ने वर्ष 2015 से 2016 तक नया आवक निवेश परिणाम जारी किया है जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा रिकॉर्ड संख्या में देश के भीतर आ रही निवेश परियोजनाओं ने जब से रिकॉर्ड दर्ज होना शुरू हुए हैं तब से अब तक दूसरी सबसे बड़ी संख्या में नई नौकरियों का निर्माण किया है।
- यूके अब भी यूरोप का शीर्ष निवेश गंतव्य है। भारत यूके में अंतर्राष्ट्रीय नौकरियां पैदा करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश और कुल मिलाकर तीसरे सबसे बड़े निवेशक के रूप में उभरा है।
- भारत ने 2015-16 में 140 नई परियोजनाओं के साथ यूके को शीर्ष स्थान बनाए रखने में सहायता दी है, साथ ही हजारों नौकरियों पैदा कीं और सुरक्षित भी बनाए रखा है।
- पारस्परिक संबंध बहुत मजबूत रहा है: यूके भारत में सबसे बड़ा जी20 निवेशक है और इस नजरिए से सबसे बड़ा निर्माता भी है।
- भारत में संगठित निजी क्षेत्र में हर 20 में एक नौकरी ब्रिटिश कम्पनी द्वारा दी जाती है।
अपने तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए यूके के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री डॉ.लियम फॉक्स ने कहा:
इन प्रभावी परिणामों ने यह साबित किया है कि यूके अब भी व्यापार करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है।
हमने समूचे विश्व में उभरते बाजारों के साथ अपनी पहुंच को व्यापक किया है ताकि यूरोप में सबसे शीर्ष निवेश गंतव्य का दर्जा मजबूती से बनाए रखें। यूके में इस निरंतर विश्वास मत से विदेशी निवेश समूचे यूके में रोजगार निर्माण, सुरक्षा और लोगों के लिए अवसरों के निर्माण हेतु आकर्षित होंगे।
एक विशिष्ट अवधि से अधिक समय में 7,015 नई नौकरियों का निर्माण कर भारत यूके में दूसरा सबसे बड़ा नौकरी निर्माता बनकर उभरा है और 140 नई परियोजनाओं के साथ लगातर दूसरी बार ब्रिटेन में तीसरे सबसे बड़े निवेशक के रूप में उभरा है। भारत चीन (हांगकांग समेत) के काफी करीब है, जिसकी 156 परियोजनाएं हैं। यूएस 570 परियोजनाओं के साथ यूके में आवक निवेश का सबसे बड़ा स्रोत रहा। पिछले वर्ष भारत से एफडीआइ में 65 % बढ़ोतरी थी जिस वजह से 7,730 नौकरियां उपलब्ध हुई और साथ ही 2014-15 में 1,620 अधिक नौकरियों को सुरक्षित रखा जा सका।
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त डॉमिनिक एस्क्विथ ने कहा:
भारत और यूके के बीच एक दीर्घकालिक, अत्यधिक सहयोगात्मक संबंध है जिस वजह से दोनों देशों में समृद्धि को बढ़ावा मिलता है। इस वर्ष भारत ने अपने प्रभावशाली रिकॉर्ड में और इजाफा किया है और यूके में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार निर्माता के रूप में उभरा है।
भारत के साथ हमारे विकास के क्षेत्र में दोतरफा संबंध हैं क्योंकि यूके भारत का सबसे बड़ा जी20 निवेशक भी है। हम आगामी भारत यूके टेक समिट के दौरान इस रणनीतिक साझेदारी को आधार बनाना चाहते हैं। यह टेक समिट व्यापार, नवोन्मेष, शोध, शिक्षा और उद्यमिता के क्षेत्र में भारत-यूके के बीच प्रगाढ़ साझेदारी का अब तक का सबसे बड़ा जश्न होगा।
हाल के निवेश के आंकड़े काफी प्रोत्साहित करते हैं। यूके ने यूरोप में विदेशी कम्पनियों के लिए सबसे लोकप्रिय गंतव्य के रूप में एक बार फिर से अपनी बढ़त बनाए रखी है। यूके में कुल मिलाकर 2,213 देश के भीतर आ रही परियोजनाएं रही हैं जो पिछले वर्ष से 11 प्रतिशत अधिक है। इस वजह से तकरीबन 1,16,000 नौकरियां निर्मित और सुरक्षित रहीं-जो आकड़ों के अनुसार दूसरी सबसे बड़ी संख्या रही है।
अधिक जानकारी
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआइटी) यूके स्थित कम्पनियों को वैश्विक स्तर पर सफल होने में सहायक होता है। हम विदेशी कम्पनियों को यूके की गतिशील अर्थव्यवस्था में उच्च गुणवत्ता के निवेश लाने में सहायता करते हैं।
डीआइटी अपने यूके, और दुनिया भर में फैले ब्रिटिश दूतावासों और अन्य राजनयिक कार्यालयों में अपने विशेषज्ञों के व्यापक नेटवर्क के जरिए विशेषज्ञता और संपर्क प्रदान करता है। हम कम्पनियों को विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराते हैं।
भारत-यूके टेक समिट (7-9 नवम्बर) 2016 के भारतीय-यूके के कलेंडर में एक प्रमुख आयोजन है। व्यापार, विज्ञान, शिक्षा, शोध और अनुसंधान क्षेत्र तक व्यापक रूप से विस्तारित यह आकर्षक अभिनव प्रदर्शनी भी प्रस्तुत करेगा जिसमें सर्वोत्तम, अत्याधुनिक यूके प्रौद्योगिकी, यूके और भारत के दल के सदस्यों से युक्त यूके के प्रमुख वैचारिक नेतृत्व सत्र और स्वास्थ्य सेवा, जीव विज्ञान, भविष्य के शहरों, उन्नत इंजीनियरिंग और निर्माण और कृषि-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से यूके का उच्च स्तरीय व्यापारिक मिशन का समावेश होगा।
साथ ही इसमें यूके में भारतीय निवेश और उद्यमिता पर रोशनी डाली जाएगी और इसमें टेक रॉकेटशिप पुरस्कार के दस विजेताओं की भी घोषणा की जाएगी। यह पिछले वर्ष नवम्बर में प्रधानमंत्री मोदी की यूके यात्रा के दौरान घोषित ‘ग्रेट कोलैबोरेशन’ के तहत पहल है, जिसमें भारत-यूके साझेदारी का जश्न मनाते हुए नए संबंधों को निर्मित किया जाएगा। टेक समिट में चार समवर्ती शिखर सम्मेलन होंगे-प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और नवोन्मेष, उच्च शिक्षा, डिजाइन, बौधिक संपदा।
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