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ब्रिटेन की रॉयल नेवी की पोत ऐतिहासिक यात्रा पर चेन्नई पहुंची

यूके का लिटरल रिस्पांस ग्रुप (एलआरजी) आज (26 मार्च) को भारतीय प्रशांत क्षेत्र में अपनी पहली तैनाती के रूप में चेन्नई पहुंचा।

रॉयल फ्लीट ऑक्ज़िलरी (आरएफए) आर्गस और आरएफए लाइम बे ने अरब सागर में प्रवेश करने के बाद भारतीय नौसेना के साथ समुद्री अभ्यास किया और अब चेन्नई के पास कट्टुपल्ली में लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड में आवश्यक रखरखाव होंगे।

यह पहली बार है जब एक रॉयल नेवी पोत एक भारतीय शिपयार्ड में रखरखाव किया जायेगा– यह 2022 में यूके और भारत के बीच हस्ताक्षरित रसद-साझाकरण समझौते का प्रत्यक्ष परिणाम है।

ब्रिटिश उच्चायोग के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर निक सॉयर ने कहा:

लिटोरल रिस्पांस ग्रुप का दौरा इंडो पैसिफिक के लिए ब्रिटेन की क्षमता और प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है। एक भारतीय शिपयार्ड में आवश्यक रखरखाव के दौर से गुजरने वाले रॉयल नेवी जहाजों की दृष्टि यूके और भारत के बीच हस्ताक्षरित रसद-साझाकरण समझौते का एक और उदाहरण है।

यह यूके और भारत के बीच रणनीतिक रक्षा साझेदारी के निरंतर बढ़ते महत्व को भी इंगित करता है ,हम भारत-यूके 2030 रोडमैप में निर्धारित महत्वाकांक्षा को प्राप्त करने की दिशा में निर्माण कर रहे  हैं।

भारत में अपने रखरखाव के पूरा होने के बाद, एलआरजी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोगियों और भागीदारों के साथ प्रशिक्षण, अभ्यास और व्यापक जुड़ाव आयोजित करने के लिए काम करेगा।

अधिक जानकारी

  • ब्रिटेन और भारत ने इस वर्ष जनवरी में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ब्रिटेन यात्रा के दौरान संबंधों को मजबूत करना जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। जनवरी 2024 में यूके  ने डिफेंस पार्टनरशिप-इंडिया लॉन्च किया – दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया एक बिस्पोक कार्यालय।

  • इसमें संयुक्त अभ्यास के लिए यूके के लिटरल रिस्पांस ग्रुप (दक्षिण) को भारत भेजना और आवश्यक रखरखाव के लिए चेन्नई में भारतीय डॉकयार्ड का उपयोग करना शामिल है।

  • यूके ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र का दौरा करने के लिए कैरियर स्ट्राइक ग्रुप 2025 की योजना की भी घोषणा की है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों के साथ संचालन और प्रशिक्षण का इरादा शामिल है।

  • यूके और भारत के बीच रसद साझा करने का समझौता संयुक्त प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, अधिकृत बंदरगाह यात्राओं और मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए यूके और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच रसद समर्थन, आपूर्ति और सेवाओं के प्रावधान की अनुमति देता है।

  • आने वाले वर्षों में, यूके और भारत भी अपनी-अपनी सेनाओं के बीच अधिक जटिल अभ्यास शुरू करेंगे, जो 2030 के अंत से पहले आयोजित होने वाले एक ऐतिहासिक संयुक्त अभ्यास का निर्माण करेंगे, जो महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों की सुरक्षा के साझा लक्ष्यों का समर्थन करेगा और अंतर्राष्ट्रीय नियम-आधारित प्रणाली को बनाए रखेगा।

मीडिया

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प्रकाशित 27 March 2024