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ब्रिटेन भारत में सबसे बड़ा जी20 निवेशक और रोजगार प्रदाता बना हुआ है

कॉनफेडरेशन ऑफ ब्रिटिश इंडस्ट्रीज (सीबीआई) ने 22 फरवरी को घोषणा की है कि ब्रिटेन अब भी भारत में सबसे बड़ा जी20 निवेशक बना हुआ है।

DIT India

सीबीआई की स्टर्लिंग एसेट्स इंडिया रिपोर्ट का द्वितीय संस्करण, जो पीडबल्यूसी तथा यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल के सहयोग से तैयार किया गया है, में बताया गया है कि ब्रिटेन सन 2000 से 2016 के बीच भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 8% के लिए उत्तरदायी था। इसी अवधि में, ब्रिटेन भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश द्वारा सृजित समस्त पदों के 10% के समतुल्य 371,000 रोजगारों का सृजन करते हुए, सबसे बड़ा एफडीआई रोजगार प्रदाता भी था।

भारत में फिलहाल ब्रिटिश कंपनियां लगभग 788,000 लोगों को रोजगार दे रही हैं, यह संख्या भारत के संगठित निजी क्षेत्र द्वारा प्रदत्त 20 में 1 रोजगार का औसत प्रकट करती है।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त, डॉमिनिक एस्क्विथ ने कहा:

भारत और ब्रिटेन के बीच के आर्थिक तथा रणनैतिक संबंध दोनों ही देशों की सुरक्षा तथा समृद्धि के लिए समान रूप से लाभदायक हैं। इन वाणिज्य तथा निवेश संबंधों की जीवंतता पुनः एक बार इस रिपोर्ट के माध्यम से अभिव्यक्त हुई है, जिसमें बताया गया है कि ब्रिटेन 21वीं सदी में भी भारत में सबसे बड़ा जी20 निवेशक बना हुआ है।

भारतीय निवेशक भी ब्रिटेन को एक लाभप्रद बाजार पाते हैं, जो हमारे यहां तीसरे सबसे बड़े विदेशी निवेशक तथा दूसरे सबसे बड़े रोजगार प्रदाता हैं। निवेश तथा रोजगार का यह सुपरहाइवे न केवल ब्रिटेन और भारत के बीच लोगों, विचारों, प्रौद्योगिकी, संस्कृति तथा विज्ञान के इस जीवित सेतु को ही मजबूत करता है, बल्कि दोनों देशों के लिए वास्तविक लाभ भी मुहैया कराता है।

इस रिपोर्ट में ब्रिटिश निवेश के मुख्य क्षेत्रों को भी प्रदर्शित किया गया है जिसमें रसायन क्षेत्र 6.1 अरब अमेरिकी डॉलर (ब्रिटिश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 25%) का सबसे बड़ा हिस्सा प्राप्त कर पहले स्थान पर आता है, इसके बाद ड्रग तथा फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र 4.1 अरब अमेरिकी डॉलर (17%) और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र 3.2 अरब अमेरिकी डॉलर (14%) के साथ आते हैं।

2000 से 2016 के दौरान, ब्रिटेन ने भारत में 24.07 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया- 2015 तथा 2016 के बीच अपने निवेश में 1.87 अरब अमेरिकी डॉलर का इजाफा करते हुए- जो देश में समस्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के 8% के बराबर है।

इस रिपोर्ट में ब्रिटिश निवेश के मुख्य क्षेत्रों को भी प्रदर्शित किया गया है जिसमें रसायन क्षेत्र 6.1 अरब अमेरिकी डॉलर (ब्रिटिश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 25%) का सबसे बड़ा हिस्सा प्राप्त कर पहले स्थान पर है, इसके बाद ड्रग तथा फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र 4.1 अरब अमेरिकी डॉलर (17%) और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र 3.2 अरब अमेरिकी डॉलर (14%) के साथ आते हैं।

2000 से 2016 के दौरान, ब्रिटेन ने भारत में 24.07 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया- 2015 तथा 2016 के बीच अपने निवेश में 1.87 अरब अमेरिकी डॉलर का इजाफा करते हुए- जो देश में समस्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के 8% के बराबर है।

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प्रकाशित 23 February 2017