विश्व की समाचार कथा

ब्रिटेन के मिनिस्टर फॉर स्किल्स का भारत दौरा

मैथ्यू हेन्कोक के भारत दौरे से शिक्षा और प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक तकनीक के क्षेत्र में ब्रिटेन की विशेषज्ञता में भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Matthew Hancock

ब्रिटेन के मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर स्किल्स एंड एंटरप्राइज, मैथ्यू हेन्कोक एमपी 16-17 जनवरी 2014 को दुबारा भारत दौरे पर आ रहे हैं। श्री हेन्कोक की दिल्ली यात्रा से:

  • शिक्षा एवं कौशलों पर ब्रिटेन और भारत की सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा
  • नवीनतम मोबाइल और कंप्यूटर तकनीक आधारित शिक्षण के प्रयोग को बल मिलेगा
  • रोजगार के क्षेत्र में एक प्रमुख कौशल के रूप में अंग्रेजी के प्रयोग में प्रोत्साहन मिलेगा।

वह भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री के. सुरेश से मिलेंगे। इस भेंट के फलस्वरूप अभी हाल में हस्ताक्षर किए गए ‘कैशलों के विकास एवं रोजगार सेवाओं में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू)’ के तहत आगे सहयोग की संभावनाओं की तलाश की जाएगी।

मैथ्यू हेन्कोक 25 सामुदायिक कॉलेजों के साथ अगली कार्य-योजना के बारे में चर्चा करने के लिए मानव संसाधन एवं विकास राज्य मंत्री शशि थरूर से भी मिलेंगे। ब्रिटेन के डिपार्टमेंट ऑफ बिजनस इनोवेशन एंड स्किल्स (बीआईएस) और भारत के मानव संसाधन एवं विकास (एमएचआरडी) मंत्रालय के बीच इस एमओयू पर पिछले साल हस्ताक्षर किया गया था। यह ब्रिटेन-भारत शिक्षा और शोध प्रयास- ‘यूके इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव (UKIERI)’ का एक अंग है।

वह विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए नवीनतम तकनीकों को उपयोग में लाने में ब्रिटेन की कंपनियों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिकाओं की भी चर्चा करेंगे और साथ ही वह वोडाफोन के अग्रणी मोबाइल लर्निंग प्रोजेक्ट का भी निरीक्षण करेंगे।

गोलमेज़

मंत्री महोदय ‘रोजगार में सहायक अंग्रेजी भाषा के कौशल’ (इंगलिश स्किल्स फॉर एम्प्लॉइबिलिटी) पर एक गोलमेज़ वार्ता में भी भाग लेंगे। इसमें ये हस्तियां भी शामिल होंगीं:

  • दिलीप शेनॉय, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सीईओ (NSDC)
  • जे पी राय, डायरेक्टर जनरल, नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी (NSDA)
  • भारतीय संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि
  • ट्रिनिटी कॉलेज लंदन और पियर्सन एजुकेशन जैसे ब्रिटेन के अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण-प्रदाता।

इस गोलमेज़ की मेजबानी नई दिल्ली के ब्रिटिश काउंसिल द्वारा की जाएगी।

इस अवसर पर मंत्री महोदय एक नए प्रचार अभियान ‘इंग्लिश इज ग्रेट’ का भी उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य है ब्रिटेन और भारत के अंग्रेजी भाषा सेवा प्रदाताओं के बीच संबंध मजबूत करना।

अपने भारत दौरे से पहले बोलते हुए मैथ्यू हेन्कोक ने कहा:

दुनिया भर में रोजगार के सृजन और आर्थिक विकास को कायम रखने के लिए श्रेष्ठ कौशल महत्वपूर्ण होते हैं। हमें भारत से बहुत कुछ सीखना है और बहुत कुछ उसके साथ बांटना है। इसलिए मैं शिक्षा के क्षेत्र में वर्तमान ब्रिटिश-भारतीय संबंधों को सबल करने की संभावनाओं की ओर देखता हूं।

शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम प्रविधियों- जैसे विश्व-स्तरीय संस्थानों से दूर-शिक्षण के विकास के मामले में ब्रिटिश कंपनियां अग्रणी हैं। यह भी एक कारण है कि क्यों भारत 2022 तक अपने 50 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए ब्रिटेन को अपना मनपसंद सहयोगी मानता है।

अंग्रेजी भाषा बड़ी तेजी से दुनिया की पसंदीदा भाषा बनती जा रही है। उच्चस्तरीय ब्रिटिश प्रदाता भारत में अंग्रेजी भाषा-शिक्षण के विकास में अपना सर्वोत्तम प्रदान करने के लिए तैयार हैं।

आगे की जानकारी

  • आगे की जानकारी और मैथ्यू हेन्कोक का एक फोटोग्राफ।
  • अंग्रेजी को रोजगार के क्षेत्र में एक सहायक कौशल के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए ‘इंगलिश इज ग्रेट’ अभियान ब्रिटिश उच्चायोग और ब्रिटेन के अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण-प्रदाताओं की भागीदारी में चलाया जाने वाला उपक्रम है और ब्रिटिश प्रदाताओं द्वारा भारत में अंग्रेजी भाषा के शिक्षण हेतु अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उच्च स्तर के उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं ।
  • इंगलिश स्किल्स फॉर एम्प्लॉइबिलिटी थिंक टैंक की बैठक ब्रिटिश काउंसिल और नेशनल स्किल्स डेवलपमेंट एजेंसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित है और इसकी अध्यक्षता एनएसडीए के डायरेक्टर जनरल जे पी राय तथा क्रिस ब्रैंडवुड, डायरेक्टर इंगलिश, ब्रिटिश काउंसिल साउथ एशिया करेंगे।

UKIERI अनेक भागीदारों वाला एक द्विपक्षीय कार्यक्रम है, जिसकी शुरुआत 2006 में भारत और ब्रिटेन के बीच शिक्षा-संबधों को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी और इसने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में एक श्रेष्ठ मानक की स्थापना की है। इस कार्यक्रम को डिपार्टमेंट ऑफ बिजनस, इनोवेशन एंड स्किल्स मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय, ब्रिटिश काउंसिल, भारतीय विज्ञान एवं तकनीकी विभाग, रोजगार एवं शिक्षण विभाग, स्कॉटलैण्ड सरकार, वेल्स की सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

प्रकाशित 14 January 2014