विश्व की समाचार कथा

उन्नत विनिर्माण के क्षेत्र में ब्रिटेन-भारत का अभिनव संयुक्त प्रयास

ब्रिटेन-भारत विंनिर्माण सप्ताह में यूकेटीआई और यूकेएसआईएन ब्रिटिश कंपनियों, अनुसंधानकर्ताओं और प्रौद्योगिक निकायों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल लेकर भारत आ रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अत्यंत सफल ब्रिटेन यात्रा के बाद यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) तथा यूके साइंस एंड इनोवेशन नेटवर्क (यूकेएसआईएन) ब्रिटेन और भारत के बीच उन्नत विनिर्माण और नवप्रवर्तन के क्षेत्र में व्यावसायिक और प्रौद्योगिक साझेदारी का जश्न मनाएंगे और उसे प्रोत्साहित करेंगे।

1 दिसंबर को पुणे में और 3 दिसंबर को बेंगलुरु में आयोजित कार्यक्रमों के साथ इस सप्ताह का उद्देश्य है वाहन उद्योग, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में ब्रिटेन और भारत के बीच सहयोग बढ़ाना।

नवीनतम प्रौद्योगिकी को विकसित करने और उनका इस्तेमाल करने की बड़ी-बड़ी भारतीय विनिर्माण कंपनियों की भूख और भारत में मौजूदा नव-उद्यमों की स्थापना की लहर के कारण वैश्विक व्यवसाय मॉडलों वाली अनेक प्रौद्योगिक कंपनियों का उदय हुआ है। भारत में नवप्रवर्तन और मूल्य वर्धित विनिर्माण को पोषित करना भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ प्रयास का एक हिस्सा है। इससे दोनों देशों के लाभ हेतु ब्रिटिश कंपनियों के साथ साझेदारी के सुस्पष्ट अवसर मिलते हैं।

ब्रिटेन से व्यवसाय और शोध के क्षेत्र के सर्वोत्तम प्रतिनिधियों के साथ यूकेटीआई द्वारा इस विशिष्ट अवसर को उन्नत विनिर्माण और नवप्रवर्तन के क्षेत्र में अपनी अनुक्रिया प्रकट कर रहा है। विजिटिंग डेलिगेशन में शामिल हैं- रोल्स रॉयस, एयरबस, डेलकम, रेनिशॉ और टीडब्ल्यूआई जैसी ब्रिटिश कंपनियां, नेशनल कंपोजिट्स सेंटर और इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी जैसे प्रौद्योगिक निकायों और यूनिवर्सिटी ऑफ क्रैनफील्ड और यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग पार्क के अकादमिक विद्वान।

इस सप्ताह के कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए अग्रणी भारतीय कंपनियों, प्रमुख अकादमिक विद्वानों के समक्ष बड़ी-बड़ी ब्रिटिश उन्नत विनिर्माण कंपनियों और शोधकर्मियों को पेश करने पर लक्षित हैं।

भारत में यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट के महानिदेशक कुमार अय्यर ने कहा:

प्रधानमंत्री की ब्रिटिश यात्रा के दौरान ‘मेक इन इंडिया’ का प्रबल आह्वान था और इस अग्रणी अभियान पर अनुक्रिया दर्शाने वाला ब्रिटेन एक प्रमुख देश है। इस साल की शुरुआत में हमारे दोनों प्रधानमंत्रियों ने ‘ग्रेट फॉर कोलैबरेशन’ की शुरुआत की जो भारत-ब्रिटेन के बीच सहभागिता को दर्शाने वाला एक महत्वाकांक्षी और रोमांचक कार्यक्रम है जिसका समग्र उद्देश्य है दोनों देशों के बीच व्यवसाय बढ़ाना। ब्रिटेन द्वारा भारतीय कंपनियों को बखूबी अनेक प्रकार की नई और उदीयमान विनिर्माण प्रौद्योगिकियों से लाभान्वित कराया जा सकता है। हमारा संबंध द्विपक्षीय है- जहां भारतीय कंपनियां ब्रिटेन से प्रौद्योगिकी हासिल कर भारत में चलने वाली परियोजनाओं में हमारे साझेदार बन सकती हैं, वहीं कुछ कंपनियां चाहें तो ब्रिटेन की प्रौद्योगिकी तक पहुंच बनाने के लिए ब्रिटेन में अपना व्यवसाय स्थापित कर सकती हैं और शोध एवं विकास परियोजनाओं में निवेश कर सकती हैं।

पूरे सप्ताह के दौरान ब्रिटेन में नवप्रवर्तन की क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। ब्रिटेन भारतीय कंपनियों के लिए विशेष रूप से अनुकूल स्थान है जहां विनिर्माण, तकनीकी और विज्ञान तथा अभिनव प्रयासों हेतु देश भर में उत्कृष्टता केन्द्र हैं। जी20 देशों में सबसे कम कॉरपोरेशन टैक्स के साथ ब्रिटेन एक व्यवसाय हितैषी माहौल उपलब्ध कराता है और उपलब्ध वित्तीयन के अवसर इसे टाटा समूह जैसी भारतीय कंपनी के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं जो ब्रिटेन की प्रमुख विनिर्माण कंपनी व निवेशक के रूप में उभरी है। ब्रिटेन-भारत विनिर्माण सप्ताह का लक्ष्य है दोनों देशों की कंपनियों और संस्थानों के बीच इसी तरह के सहयोग हेतु मंच उपलब्ध कराना।

पुणे में यह वाहन उद्योग पर केंद्रित होगा और बेंगलुरु में इसका लक्ष्य होगा एयरोस्पेस क्षेत्र। बेंगलुरु का कार्यक्रम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) यूके की सहभागिता में आयोजित होगा जो कि दुनिया का सबसे बड़ा बहुविषयी व्यावसायिक अभियांत्रिकी संस्थान है।

आगे की जानकारी :

ब्रिटेन-भारत विनिर्माण सप्ताह पर सम्मेलन:

  • पुणे – 1 दिसंबर, इंसपायर 1 & 2, होटल वेस्टिन, कोरेगांव पार्क
  • बेंगलुरू – 3 दिसंबर, विवांता बाय ताज, 41/3, महात्मा गांधी रोड

GREAT for Collaboration

ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन भारत-ब्रिटेन व्यवसाय सहयोग को दर्शाने वाला एक नया महत्वाकांक्षी और रोमांचक अभियान है। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री कैमरन द्वारा शुरू किया गया यह अभियान नई साझेदारियों को अनुप्रेरित करेगा और भारत के लिए ब्रिटेन की प्रतिबद्धता की व्यापकता पर जागरुकता लाएगा। कुल मिलाकर इसका उद्देश्य है दोनों देशों के बीच व्यवसाय को बढ़ावा देना। यह अभियान ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, उन्नत विनिर्माण, वित्तीय सेवाओं और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में भारत ब्रिटेन के आपसी लाभ वाले सहयोगों को प्रदर्शित और प्रोत्साहित करता है।

जनवरी 2015 में ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन की शुरूआत के समय भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था :

मुझे खुशी है कि ब्रिटिश सरकार द्वारा समर्थित वहां का उद्योग “मेक इन इंडिया” के हमारे आह्वान का उत्साहपूर्वक प्रत्युत्तर दे रहा है। ब्रिटेन हमारा एक प्रबलतम आर्थिक साझेदार और भारत में एक बड़ा निवेशक रहा है। प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन (या आविष्कार) के क्षेत्र में ब्रिटेन अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है। अपने बाजारों, कुशल मानव संसाधन, प्रतिस्पर्धी आर्थिक वातावरण और अवस्थिति के जरिए भारत विशाल अवसर उपलब्ध कराता है।

हमारे व्यवसायी लोकतांत्रिक राजव्यवस्था, कानून का शासन, भाषा और प्रबंधन व्यवहारों के परिचित संदर्भ में भी काम करते हैं। यह दोनों देशों को अथाह लाभ दे सकने वाली सफल साझेदारी के निर्माण का एक अजेय संयोजन का निर्माण करता है। भारत का नया निवेश माहौल, मुझे उम्मीद है, भारत में बड़ी संख्या में विनिर्माण केन्द्र स्थापित करने हेतु और अधिक संख्या में ब्रिटिश उद्योगों को आकर्षित करेगा।

मीडिया पूछताछ के लिए कृपया संपर्क करें:

स्टुअर्ट ऐडम, प्रमुख,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

मेल करें: जगौरी धर

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प्रकाशित 30 November 2015