रचनात्मक उद्योगों में ब्रिटेन-भारत द्वारा अवसरों और साझा-उपक्रमों की तलाश
ब्रिटेन के रचनात्मक प्रौद्योगिकियों के नवप्रवर्तन ईकोसिस्टम की तलाश के लिए यूकेटीआई इंडिया द्वारा भारतीय कंपनियों के लिए एक अनोखा अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है।

यूकेटीआई दो उच्च स्तरीय रचनात्मक उद्योग कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है जो ब्रिटेन के रचनात्मक और डिजिटल मीडिया उद्योगों के विशेषज्ञों और सलाहकारों के नेतृत्व में होगा।
वे 19 जनवरी को मुंबई और 21 जनवरी को बेंगलुरू में आयोजित सेमिनारों में भाग लेंगे। सेमिनारों में टेक्नीकलर, टाटा एलक्सी और एडोब की कुछ भारतीय हस्तियां भी मौजूद रहेंगी।
इन कार्यक्रमों में ब्रिटेन के नवप्रवर्तन ईकोसिस्टम को दर्शाया जाएगा जिसमें इन बातों को रेखांकित किया जाएगा कि किस प्रकार विश्वस्तरीय रचनात्मक उद्योगों और उभरते डिजिटल प्रौद्योगिकियों का सम्मिश्र नई सामग्रियों, प्लेटफॉर्मों, और बिजनस मॉडलों के अंतर्राष्ट्रीय प्रचालक बल के रूप में काम कर सकता है। रचनात्मक उद्योगों के अंदर उत्पादन प्रक्रियाएं अब प्रायः अंतर्राष्ट्रीय रूप से वितरित होती हैं और सेमिनारों में यह पता लगाया जाएगा कि किस प्रकार इस क्षेत्र में ब्रिटेन-भारत की बढ़ी हुई सहभागिता की उच्च संभावना हो सकती है।
यूकेटीआई के क्रिएटिव इंडस्ट्रीज एडवाइजर मार्क लीवर ने कहा:
भारत और ब्रिटेन में डिजिटल तकनीक द्वारा मीडिया प्रॉडक्शन, वितरण और ऑडिएंस से संवाद में तेजी से परिवर्तन आ रहा है और अब समय आ गया है कि प्रत्येक देश की क्षमता का उपयोग भविष्य के इन भावी रुझानों को क्रियान्वित करने में किया जाए। ब्रिटेन के पास विश्वस्तरीय रचनात्मक प्रतिभा है और अभिनव तकनीकी मंचों के साथ इन कौशलों के सम्मिश्र से विश्व बाजार में पहुंच बनाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों के निर्माण का अवसर मिलता है।
ये दोनों कार्यक्रम डिजिटल प्रभाव; वैश्विक उत्पादन और वितरण को बल देने वाले नई पीढ़ी के साधनों; और रचनात्मक उद्योगों के डिजिटल विकास से उत्पन्न भारतीय कंपनियों के लिए ब्रिटेन में बाजार की उपलब्धता पर केन्द्रित होंगे।
मुंबई और बेंगलुरू में भागीदारों द्वारा इस क्षेत्र में ब्रिटेन-भारत साझेदारी के मौजूदा परिदृश्य की रूपरेखा तैयार करेंगे और यह पता लगाएंगे कि डिजिटल तकनीकियों के तीव्र अंगीकरण के फायदों का लाभ उठाने के लिए किस प्रकार भारतीय और ब्रिटिश कंपनियां आपसी सहयोग कर सकती हैं। इस क्षेत्र से भारतीय कंपनियों की साझेदारी से उनकी आवश्यकताओं के बारे में एक गहरी समझ बनेगी और वे ब्रिटिश विशेषज्ञों के साथ-साथ केस अध्ययन, अनुभव और अंतदृष्टि साझा करेंगे।
टाटा एलक्सी के उपाध्यक्ष अनिल सोन्दुर ने कहा:
रचनात्मक क्षेत्र में ब्रिटेन और भारत के बीच एक मजबूत मौजूदा संबंध है। दोनों देशों में व्यावसायिक विशेषज्ञता, रचनात्मक उत्कृष्टता और तकनीकी नवप्रवर्तन के सम्मिश्र से हमारी जैसी कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण मूल्यवर्धन का निर्माण होगा जो दोनों देशों के बाजारों में काम करती हैं। रचानात्मक उद्योगों की अर्थव्यवस्था में ब्रिटेन और भारत के बीच व्यावसायिक साझेदारियों पर यूकेटीआई के संकेन्द्रण का हम स्वागत करते हैं और साझेदारी के रूप में भविष्य के रचनात्मक और तकनीकी रुझानों की खोज में महत्वपूर्ण संदृश्य अवसरों के बारे में उनके विचार साझा करते हैं।
रचनात्मक व्यवसाय के विकास के मुख्य पार्श्व में नवप्रवर्तन की भूमिका पर वक्तागण अपने विचार प्रस्तुत करेंगे और तकनीक अंगीकरण में भविष्य के रुझानों का पूर्वानुमान किया जाएगा और साथ ही उन बिन्दुओं को रेखांकित किया जाएगा जहां ब्रिटेन-भारत संबंधों की अगली पीढ़ी को नया अवसर उपलब्ध होगा।
ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में 70 अरब पाउंड प्रतिवर्ष के साथ विश्वस्तरीय रचनात्मक क्षेत्र वाला ब्रिटेन भारतीय कंपनियों के लिए एक पसंदीदा जगह रही है। जी20 देशों में न्यूनतम कॉरपोरेशन टैक्स के साथ ब्रिटेन एक व्यवसाय हितैषी वातावरण उपलब्ध कराता है और रचनात्मक निर्माण तथा आर&डी- दोनों के लिए कोष जुटाने के अवसर मुहैया करता है जिससे भारतीय रचनात्मक और डिजिटल उद्योगों के लिए एक आकर्षक गंतव्य होता है। हाल के वर्षों में प्रमुख भारतीय रचनात्मक उपक्रमों जैसे प्राइम फोकस, विस्तार और टाटा एलक्सी ने ब्रिटेन में सफल व्यावसायिक उपस्थिति दर्ज की है।
आगे की जानकारी
सेमिनार: यूके क्रिएटिव टेक इनोवेशन ईकोसिस्टम की खोज
शहर | दिनांक | समय | स्थान |
मुंबई | 19 जनवरी | 10:30 बजे | लीला, सहार |
बेंगलुरू | 21 जनवरी | 19:00 बजे | जेडब्ल्यू मैरियट होटल |
ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन भारत-ब्रिटेन व्यवसाय सहयोग को दर्शाने वाला एक नया महत्वाकांक्षी और रोमांचक अभियान है। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री कैमरन द्वारा शुरू किया गया यह अभियान नई साझेदारियों को अनुप्रेरित करेगा और भारत के लिए ब्रिटेन की प्रतिबद्धता की व्यापकता पर जागरुकता लाएगा। कुल मिलाकर इसका उद्देश्य है दोनों देशों के बीच व्यवसाय को बढ़ावा देना। यह अभियान ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, उन्नत विनिर्माण, वित्तीय सेवाओं और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में भारत ब्रिटेन के आपसी लाभ वाले सहयोगों को प्रदर्शित और प्रोत्साहित करता है।
ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन वीडियो
ब्रिटेन क्यों सबसे आकर्षक ओवरसीज व्यवसाय गंतव्य है इसकी जानकारी पाएं।
- 100 साल से भी अधिक समय से ब्रिटेन भारतीय निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य रहा है। ब्रिटेन में 45,000 कर्मचारियों के साथ टाटा विनिर्माण क्षेत्र का सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है और कोवेंट्री के अपने आर&डी केन्द्र में इसने भारी निवेश किया है। ब्रिटिश संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- ‘प्रमुख भारतीय कंपनी टाटा के दवारा एक प्रमुख ब्रिटिश कंपनी का संचालन किया जाता है और यह आपके देश में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता बन गया है’।
- कम टैक्स और प्रतिभाशाली कार्यबल के साथ ब्रिटेन आपके बिजनस के फलने-फूलने का सबसे सुविधापूर्ण स्थान है।
- 2014-15 में ब्रिटेन ने रिकॉर्ड संख्या में निवेश परियोजनाएं हासिल की और यूरोप में सर्वोच्च निवेश गंतव्य का अपना स्थान बरकरार रखा है। भारत 2014 में ब्रिटेन तीसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजनकर्ता के रूप में उभरा है जहां से इस देश के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 65% का इजाफा हुआ।
- 2014-2015 में 122 एफडीआई परियोजनाओं में भारतीय निवेश के कारण 7,730 नए रोजगार पैदा हुए और ब्रिटेन में 1620 रोजगार सुरक्षित हुए।
- भारतीय कंपनियों द्वारा ब्रिटेन में रोजगार दिए गए लोगों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई जहां यह 2014 में 1,00,000 से बढ़कर 1,10,000 हो गया। ईयू में कार्यरत 1200 कंपनियों में से 800 कंपनियां ब्रिटेन में स्थापित हैं।
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स्टुअर्ट ऐडम, प्रमुख,
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मेल करें: जागोरी धर
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