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ब्रिटेन-भारत विज्ञान और नवप्रवर्तन नीति पर चर्चा हेतु ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार की भारत यात्रा

19-20 नवंवर के दौरान सर मार्क वालपोर्ट भारत की यात्रा पर आएंगे जिसका उद्देशय होगा विज्ञान और नवप्रवर्तन पर सहयोग को घनिष्ठ बनाना जो कि ब्रिटेन-भारत के द्विपक्षीय संबंध के मुख्य स्तंभों में एक है।

Sir Mark Walport

नई दिल्ली के अपने दो दिवसीय दौरे में सर मार्क ब्रिटेन-भारत विज्ञान और नवप्रवर्तन नीति पर चर्चा करेंगे, द्विपक्षीय शोध निवेश के 20 करोड़ पाउन्ड से अधिक होने का उत्सव मनाएंगे और हमारे दोनों देशों के बीच विज्ञान और नवप्रवर्तन के क्षेत्र में संबंध को गहरा और घनिष्ठ बनाने पर बल देंगे।

अपने दौरे से पहले सर मार्क वालपोर्ट ने कहा:

विज्ञान और शोध में हमारे सहयोग भारत के रूपांतरकारी लक्ष्य को पूरा करने तथा एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस, खाद्य सुरक्षा सहित अन्य कई वैश्विक चुनौतियों से निबटने में हमारी सहभागिता के निर्माण में मदद कर रहे हैं। मेरी यह यात्रा हमारे शोध निवेशों की क्षमता को रेखांकित करती है जो अब 20 करोड़ पाउंड के स्तर को छू रही है और हम न्यूटन-भाभा फंड के जरिए विश्वस्तरीय सहयोग की दिशा में काम कर रहे हैं।

यात्रा के दौरान सर मार्क भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा से मुलाकात करेंगे। दोनों एक साथ मिलकर ब्रिटेन-भारत विज्ञान और नवप्रवर्तन नीति पर वार्ता संगोष्ठि की अध्यक्षता करेंगे जिसमें भारत सरकार और ब्रिटेन के विज्ञान और नवप्रवर्तन नीतियों से प्रमुख लोग भाग लेंगे।

सर मार्क भारत सरकार के जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के गेस्ट ऑफ ऑनर होंगे तथा रिसर्च काउंसिल्स यूके रिसेप्शन द्वारा भारत के साथ विज्ञान और नवप्रवर्तन के क्षेत में ब्रिटेन की साझेदारी का प्रभाव दर्शाया जाएगा और साथ ही डीबीटी की 30वीं वर्षगांठ भी मनाई जाएगी।

20 नवंबर को वह ब्रिटेन-भारत समार्ट शहर गोलमेज बैठक में भी हिस्सा लेंगे। स्मार्ट शहरों का विकास भारत के रूपांतरकारी लक्ष्य की एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है और ब्रिटेन भारत के तीन स्मार्ट शहरों (अमरावती, इन्दौर और पुणे) की विकास योजना में योगदान कर रहा है। इस गोलमेज में ऊर्जा, मोबिलिटी जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों और ब्रिटेन-भारत शोध और नवप्रवर्तन किस प्रकार समधान पेश कर सकते हैं इन विषयों पर चर्चा की जाएगी।

आगे की जानकारी:

  • सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार, प्रो. सर मार्क वालपोर्ट एफआरएस एफएमईडीएससीआई

सर वालपोर्ट ब्रिटिश सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार तथा गवर्नमेंट ऑफिस फॉर साइंस के प्रमुख हैं। इससे पहले सर मार्क वेलकम ट्रस्ट के निदेशक थे जो कि प्रतिभाशाली लोगों की सहायता के जरिए मानव एवं पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष सुधार करने को समर्पित एक वैश्विक चैरिटेबल फाउंडेशन है। ट्रस्ट का कार्यभार संभालने से पहले वह इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन में प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन तथा डिविजन ऑफ मेडिसिन के प्रमुख रह चुके हैं।

वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर प्रधानमंत्री के परिषद के सह-अध्यक्ष हैं और 2004 से इसके सदस्य रहे हैं। वह भारत ब्रिटेन सीईओ फोरम, ब्रिटेन भारत गोलमेज तथा बोर्ड ऑफ इनफ्रास्ट्रक्चर यूके के सदस्य तथा स्वास्थ्य अनुसंधान के ऑफिस फॉर स्ट्रैटेजिक कोऑर्डिनेशन के गैर-कार्यकारी सदस्य रहे हैं। वह कई अंतर्राष्ट्रीय सलाहकारी निकायों के भी सदस्य रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में व्यक्तिगत सूचना के इस्तेमाल और साझाकरण पर ब्रिटिश सरकार के लिए: ‘डेटा शेयरिंग रिव्यू (2009)’; और माध्यमिक शिक्षा: ‘विज्ञान और गणित: 21वीं सदी में माध्यमिक शिक्षा (2010)’ जैसे स्वतंत्र समीक्षाएं की हैं।

चिकित्सा शोध में 2009 न्यूयॉर्क ऑनर्स लिस्ट के लिए उन्हें नाइटहुड की उपाधि से नवाजा गया और 2011 में उन्हें फेलो ऑफ द रॉयल सोसाइटी चुना गया। यूके इंडिया साइंस एंड इनोवेशन पॉलिसी डायलॉग इंडो-यूके मिनिस्ट्रियल साइंस & इनोवेशन काउंसिल (एसआईसी) को तथ्य मुहैया करता है जो हर दो वर्ष पर आयोजित किया जाता है। 2016 के लिए अगले एसआईसी की योजना ब्रिटेन में आयोजित करने की है। पॉलिसी डायलॉग समीक्षाएं ब्रिटेन-भारत संयुक्त सहयोगों के रूप में विकसित होती हैं और अगले एसआईसी को तथ्य उपलब्ध कराते हुए भविष्य की प्राथमिकताओं को आकार प्रदान करने में मदद करती हैं।

  • पिछले दशक में भारत के साथ सहभागी प्रकाशनों में ब्रिटेन का स्थान तीसरा था लेकिन ऊपर के चार देशों में यह कुल वृद्धिशील अनुपात वाला एकमात्र देश रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हमारे 79 नोबल विजेता हैं और डीएनए संरचना और वर्ल्ड वाइड वेब लेकर हिग्स-बोसोन तक दुनिया की कुछ महानतम खोज हमारे नाम हैं। ‘2014 ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स’ में यूके एक अग्रणी जी20 देश है, ब्रिटेन के श्रम बल में हर पांच में से एक विज्ञान आधारित कार्य में लगा है।

  • ब्रिटेन-भारत न्यूटन भाभा कार्यक्रम की शुरुआत 2014 में हुई और यह ब्रिटेन और भारत के बीच चल रही सहभागिता के लिए आधार की भूमिका निभाता है तथा शोध एवं नवप्रवर्तन के संबंधों से अवसर की तलाश करता है जैसे- क्षमता निर्माण, शोध परियोजनाओं को व्यावसायिक चरण तक ले जाना। ब्रिटेन ने पांच वर्ष के दौरान 5 करोड़ पाउंड का आवंटन किया है और इतनी ही धनराशि भारत सरकार ने भी उपलब्ध कराई है।

  • अत्यधिक सफल रहे यूकेआईईआरआई (यूके-इंडिया एजुकेशन रिसर्च इनिशिएटिव) को हमारे शैक्षिक और शोध साझेदारी की व्यापकता हेतु अगले पांच साल के लिए विस्तारित किया गया। 2006 से यूकेआईईआरआई ने ‘ट्रेन द ट्रेनर’ यूकेआईईआरआई कार्यक्रमों के जरिए 3.5 लाख युवाओं को लाभान्वित करते हुए अकादमिक स्टाफ और छात्रों के 25,000 की संख्या में विनिमय को सहायता पहुंचाई है।

स्टुअर्ट ऐडम, प्रमुख,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

मेल करें: जगौरी धर

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प्रकाशित 18 November 2015