यूके व भारत प्रमाण-सूचित स्वास्थ्य-देखभाल नीति एवं व्यवहार पर साथ मिलकर काम करेंगे
नैशनल इन्स्टीट्यूट फॉर हैल्थ एंड केयर एक्सीलेन्स, यूके (UK) (एनआईसीई(NICE)) के प्रमुख कार्यकारी सर एंड्रयू डिलन एवं स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मन्त्रालय (एमओएचएफ़डब्ल्यू (MoHFW)) के स्वास्थ्य शोध विभाग (डीएचआर (DHR)) के सचिव एवं इण्डियन काउन्सिल ऑफ़ मैडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉ. वी. एम. कटोच ने दोनों देशों के बीच प्रमाण-सूचित स्वास्थ्य-देखभाल नीति एवं व्यवहार पर कार्यनीतिक एवं तकनीकी सहयोग के लिए ढांचा प्रदान करने के लिए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

मई में जेनेवा में हुई विश्व स्वास्थ्य सभा में यूके एवं भारत के बीच व्यापक स्वास्थ्य सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह सहमति ज्ञापन भारत के डीएचआर (DHR) को साथ ले आया है जिसकी स्थापना निम्नांकित उद्देश्यों के लिए की गई थी:
- नैदानिकी, उपचार विधियों एवं रोकथाम से सम्बन्धित नवोन्मेषों को प्रोत्साहित करके आधुनिक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी को जनता तक लेकर आना;
- एमओएचएफ़डब्ल्यू (MoHFW) के अन्य विभागों व साथ ही अन्य विज्ञान विभागों के साथ तालमेल बनाकर मूल्यांकनों को सुगम बनाने के द्वारा नवोन्मेषों को उत्पादों/प्रक्रियाओं का रूप देना, और
- स्वास्थ्य प्रणाली शोध के माध्यम से इन नवोन्मेषों को जनस्वास्थ्य सेवाओं में प्रविष्ट करना। यूके (UK) साझेदार एनआईसीई (NICE) की स्थापना यूके (UK) की नैशनल हैल्थ सर्विस (एनएचएस (NHS)) के उपचारों व देखभाल की उपलब्धता और गुणवत्ता में भिन्नताओं को घटाने के लिए, प्रमाण-आधारित मार्गदर्शन के सृजन के लिए एवं औषधियों, उपचारों, प्रक्रियाओं एवं उपकरणों द्वारा निरूपित सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाली देखभाल के विषय में अनिश्चितता का समाधान करने के लिए की गई थी। इसका अन्तर्राष्ट्रीय प्रभाग, एनआईसीई (NICE) इंटरनैशनल दुनिया भर के देशों को तकनीकी मदद प्रदान करता है ताकि इन क्षेत्रों में उनकी क्षमताओं व निर्णयों को सुदृढ़ किया जा सके।
यह सहमति ज्ञापन, चिकित्सीय व्यवसाय दिशानिर्देश मार्गों एवं गुणवत्ता मानकों से सम्बन्धित संस्थानिक विशेषज्ञता एवं अनुभव के विनिमय, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन के अनुप्रयोग एवं चिकित्सीय नीति एवं व्योहार में मूल्यांकनों के निर्णयों के क्रियान्वन हेतु प्रावधान सृजित करता है।
इसके उद्देश्यों एवं अधिदेश की पूर्ति के लिए यह कई गतिविधियों का वर्णन करता है जैसे कि यूके (UK) व भारतीय वैज्ञानिकों के मध्य सहयोगी परियोजनाएं, प्रमाण को नीति का रूप देने के लिए उत्तरदायी वर्तमान संस्थानों का सुदृढ़ीकरण, तकनीकी एवं संस्थागत क्षमताओं के विकास के लिए तकनीकी प्राथमिकों (पायलट्स) की स्थापना, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को प्रमुख हितधारक मानते हुए उनके साथ संलग्न होना एवं वैश्विक दाताओं के माध्यम से संयुक्त जागरुकता प्रसार एवं नीति समर्थन।
सहमति ज्ञापन की प्रतिबद्धताओं को एक वास्तविक, एवं परस्पर-लाभकारी साझेदारी का रूप देने के लिए तथा दोनों देशों के अरबों लोगों के लिए बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का सृजन करने हेतु विशेषज्ञता एवं उत्साह को दिशा प्रदान करने के लिए जल्द ही एक संयुक्त संचालन समिति का गठन किया जाएगा। सर एंड्रयू डिलन ने कहा:
हम भारत सरकार के स्वास्थ्य शोध विभाग के साथ इस महत्वपूर्ण सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने में अत्यन्त प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। यह देश में हमारे वर्तमान क्रियाकलापों में और वृद्धि करेगा एवं चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन से सम्बन्धित क्षेत्रों में साथ मिलकर कार्य करने की हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करेगा। हमें पूरी आशा है कि इस प्रतिबद्धता को फलकारी साझेदारी एवं पारस्परिक ज्ञानार्जन के माध्यम से और अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा”। डॉ. वी. एम. कटोच ने कहा :
भारत में स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन मंडल बनाए जाने की प्रक्रिया प्रगति पर है और एनआईसीई (NICE) एवं डीएचआर (DHR) के बीच का यह सहमति ज्ञापन इस दिशा में हमारे प्रयासों को और सुदृढ़ करेगा”।
दोनों ही पक्ष, चिकित्सीय नीति एवं परिपाटी के लिए एचटीए (HTA) आधारित निर्णय प्रणाली में रुचि रखने वाले भारत व यूके (UK) के वैज्ञानिकों के मध्य सहयोगी शोध परियोजनाओं के लिए अवसर खोजेंगे।
मार्क्स विंस्ले, निदेशक, प्रेस और संचार, ब्रिटिश हाई कमीशन, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021, टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411, ईमेल: Harleen.Sachdeva@fco.gov.uk