दीर्घकालिक जल संसाधन के लिए प्रस्ताव आमंत्रित
यह न्यूटन-भाभा कार्यक्रम का अंग है और न्यूटन फंड के जरिए ब्रिटिश अवार्ड्स के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा।

नई दिल्ली में इस वर्ष मार्च में रिसर्च काउंसिल यूके (आरसीयूके) द्वारा प्रायोजित सफल ब्रिटेन-भारत स्कोपिंग कार्यशाला के पश्चात ब्रिटेन के नेचुरल एनवायरनमेंट रिसर्च काउंसिल (एनईआरसी) और भारत के पृथ्वी मंत्रालय (एमओईएस) के संयुक्त तत्वावधान में खाद्य, ऊर्जा और पारिस्थितिकी सेवाओं के लिए टिकाऊ जल संसाधन पर संयुक्त शोध नेटवर्किंग परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं।
इस आह्वान का उद्देश्य जल संसाधनों और भारत में खाद्य, ऊर्जा और पारिस्थितिकी सेवाओं में इनकी भूमिकाओं की बेहतर समझ हासिल करने पर केन्द्रित अंतर्विषयक शोध में सहयोग प्रदान करना है।
यह ब्रिटिश-भारतीय आह्वान न्यूटन-भाभा कार्यक्रम का अंग है और न्यूटन फंड के जरिए ब्रिटिश अवार्ड्स के लिए कोष उपलब्ध कराया जाएगा।
न्यूटन-भाभा कार्यक्रम टिकाऊ आर्थिक विकास में सहायक शोध एवं नवप्रवर्तन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक ढांचा उपलब्ध कराने की दिशा में ब्रिटेन और भारत की सरकारों का एक प्रयास है। इस आह्वान के लिए एनईआरसी द्वारा 30 लाख पाउण्ड उपलब्ध कराया गया है और इतनी ही धनराशि के संसाधन एमओईएस द्वारा उपलब्ध कराये गए हैं।
उद्देश्य की अधिसूचना 7 सितंबर 2015 को 4 बजे बीएसटी तक जमा करना होगा और पूर्ण प्रस्ताव के लिए अंतिम तिथि 8 अक्टूबर 2015 है।
संपर्क:
टेलीफोन: 01793 442629
टेलीफोन: 01793 411794
आगे की जानकारी:
कार्यक्रम विवरण के लिए एनईआरसी वेबसाइट पर जाएं।
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