विश्व की समाचार कथा

दिल्ली में ब्रिटिश व्यापार केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री डेविड कैमरन का संदेश

श्री डेविड कैमरन ने एक खुला पत्र जारी कर दिल्ली में प्रथम ब्रिटिश व्यापार केंद्र के उद्घाटन का स्वागत किया है।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
David Cameron

“गत फरवरी में, मैं ब्रिटेन से विदा लेकर एक वृहत व्यापार शिष्टमंडल के साथ भारत गया। केवल हमारे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक तथा नीतिगत साझा मूल्यों के आधार पर ही नहीं; बल्कि ब्रिटिश व्यापार क्षेत्र के लिए भारत की विशाल और उन्नतिशील अर्थव्यवस्था में उपलब्ध शानदार अवसरों के कारण भी मैंने भ्रमण के लिए भारत का चयन किया। मैं निर्माण, शिक्षा तथा स्वास्थ्य-सेवा जैसे उन सभी क्षेत्रों में ब्रिटेन को भारत के पसंदीदा साझीदार के रूप में देखना चाहता हूं जिनमें हम श्रेष्ठ हैं।

इसलिए मुझे यह जानकर खुशी हुई कि लॉर्ड् ग्रीन इस महीने के उत्तरार्ध में दिल्ली में प्रथम ब्रिटिश व्यापार केंद्र का उद्घाटन करेंगे। यह भारत भर में विस्तृत हमारे व्यापार केंद्र नेटवर्क का पहला केंद्र होगा; जो ब्रिटेन-भारत व्यापार परिषद द्वारा संचालित होगा तथा जिसमें स्थानीय वाणिज्यिक समूह सम्मिलित होंगे। ये केंद्र भारत में ब्रिटिश व्यापार को उपलब्ध समर्थन की मात्रा तथा गुणवत्ता को पूरी तरह बदल देंगे।

दिल्ली का यह वाणिज्य-केंद्र भारत में ब्रिटिश व्यापार की सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल की भूमिका निभाएगा; खासतौर पर छोटे और मध्यम व्यापारिक उपक्रमों के लिए कार्यालय-स्थल, प्रशिक्षण- सुविधाएं तथा व्यापार में व्यावहारिक समर्थन उपलब्ध कराकर; जिन्हें इस महत्वपूर्ण बाजार में एक मजबूत आधार तथा त्वरित और निर्णायक बढ़त हासिल करने की जरूरत है।

इन केंद्रों का विकास ब्रिटेन और भारत के निरंतर प्रगतिशील वाणिज्यिक संबंधों को परिलक्षित करता है। केवल इसी वाणिज्य वर्ष के पूर्वार्ध में हम आपसी द्विपक्षीय व्यापार में 18% की वृद्धि देखते हैं – जिस दर से हम 2015 तक अपने व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। अगर भारत अपनी वर्तमान गति से प्रगति पथ पर अग्रसर रहता है तो मैं इस बारे में आश्वस्त हूं कि ब्रिटेन के व्यापारिक अवसरों में निरंतर वृद्धि होती रहेगी; और मैं आप सभी से यह अनुरोध करता हूं कि इन सेवाओं का लाभ प्राप्त करें ताकि निश्चित रूप से हम 21 वीं सदी की वृहत् प्रगति कथाओं में एक हो सकें।”

प्रकाशित 19 September 2013