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प्रेरक बनकर उभरे युवा भारतीयों को शीर्ष अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध भारत में युवाओं के लिए अंतराष्ट्रीय स्वर्ण पुरस्कार, आज भारत भर से आये 56 युवा लोगों को प्रदान किये गए ।

British High Commissioner to India Sir Dominic Asquith

यह पुरस्कार नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक समारोह में भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक असक्विथ केसीएमजी द्वारा प्रदान किये गए ।

पुरस्कार, जिसे एडिनबरा के अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के ड्यूक के नाम से भी जाना जाता है, एक वैश्विक, गैर-औपचारिक शिक्षा फ्रेमवर्क है जो युवाओं को अपनी क्षमता खोजने की चुनौती देता है और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाता है। यह दुनिया भर में 130 से अधिक देशों और क्षेत्रों में संचालित है, जो हर साल 1.3 मिलियन से अधिक युवाओं को प्रेरित करता है।

भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्क्विथ ने कहा:

आज युवाओं के ऐसे ऊर्जस्वी समूह से मिलना और उनकी पुरस्कार यात्राओं की गाथा सुनना एक बेहतरीन अनुभव है। स्वर्ण पुरस्कार हासिल करना कोई छोटी बात नहीं है - इसके लिए प्रतिबद्धता, लचीलापन और उत्साह की आवश्यकता होती है - जो पुरस्कार के इन विजेताओं में कूट-कूट कर भरी है। मुझे यकीन है कि यह उपलब्धि की लंबी यात्रा में इनका पहला रोमांचक कदम होगा।

युवाओं के अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, भारत के राष्ट्रीय निदेशक कपिल भल्ला ने कहा:

यह पुरस्कार भारत के युवाओं को खुद को चुनौती देने, जीवन का अनुभव करने और दुनिया में अपना उद्देश्य, जुनून और स्थान खोजने में मदद करता है। स्वर्ण पुरस्कार के प्रतिभागियों को 18 महीनों से अधिक समय तक पांच क्षेत्रों की अलग-अलग चुनतियों का सामना करना होता है - शारीरिक गतिविधि, कौशल विकास, समुदाय की सेवा, आवासीय परियोजना और जो उन्हें एक साहसिक यात्रा पर उनकी क्षमता से अधिक करने पर मज़बूर करता है।

भारत में, पुरस्कार ने आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों और विशेष जरूरतों वाले युवाओं के साथ ग्रामीण और शहरी प्रवासियों सहित हाशिए वाले युवा क्षेत्र के भीतर काम कर रहे एनजीओ के साथ साझेदारी की है। ऐसे युवाओं के साथ काम करने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता की ज़रूरत होती है जिन्हें जोखिम माना जाता है या जिन्हें अलग समझा जाता है, उदाहरण के लिए वे जो सामाजिक, शारीरिक या आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी नामांकनों में कम से कम 20% इन पृष्ठभूमि के युवा शामिल हों।

इस पुरस्कार को 1962 में पहली बार भारत में पेश किया गया था और तब से नए कौशल से सुसज्जित 100,000 युवाओं को इससे सम्मानित किया जा चुका है। सिर्फ़ 2017 में ही, भारत में 42,000 से अधिक प्रतिभागियों ने पुरस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

अधिक जानकारी

पुरस्कार विजेताओं की कहानियां जानने के लिए, कृपया यहां जाएं:

युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, भारत - जिसे एडिनबरा के अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के ड्यूक के रूप में भी जाना जाता है - दुनिया की अग्रणी युवा उपलब्धि पुरस्कार है, जो 14-24 आयु वर्ग के सभी युवाओं के लिए उपलब्ध है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि, संस्कृति, शारीरिक क्षमता, कौशल और रुचियां कुछ भी हों।

एडिनबरा के ड्यूक एचआरएच द्वारा 1956 में संस्थापित, यह पुरस्कार युवाओं को गैर-औपचारिक शिक्षा के माध्यम से सीखने, विकास करने और कामयाब होने में सक्षम बनाता है, जिससे उन्हें एक अलग जीवन को जीने की प्रेरणा मिलती है। प्रतिभागियों को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उन्हें अपनी निजी सीमाओं से परे जाकर मेहनत करनी होती है जो उन्हें यह दिखाता है कि वे जितना सोचते हैं उससे कई ज़्यादा करने की क्षमता रखते हैं।

इसे स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, नियोक्ताओं, सामाजिक क्लबों, वर्दीधारी और गैर वर्दीधारी युवा संगठनों, युवा अपराधियों के संस्थानों, धार्मिक संगठनों, खेल क्लबों और अन्य नागरिक संगठनों द्वारा दुनिया भर में वितरित किया जाता है। भारत में, यह पुरस्कार 260 से अधिक पुरस्कार इकाइयों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सामुदायिक संगठनों में दिया जाता है।

60 साल पहले इसके पर्दापण के बाद से, लाखों युवाओं ने इसमें भाग लिया है और पुरस्कार जीते हैं, और लाखों लोगों को दुनिया भर के समुदायों में इसके प्रभाव से लाभ मिला है।

एडिनबरा के ड्यूक की अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार फाउंडेशन इंग्लैंड और वेल्स (1072453) में एक पंजीकृत चैरिटी है।

पृष्ठभूमि की अधिक जानकारी फाउंडेशन के मीडिया पैक https://www.intaward.org/media-centre में उपलब्ध है

पुरस्कारों के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार की वेबसाइट पर जाएं या इनसे या संपर्क करें:

कपिल भल्ला
राष्ट्रीय निदेशक, युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, भारत
टे.: +9111-41087062, +91-9810032525

ईमेल: कपिल

प्रकाशित 10 July 2018