विश्व की समाचार कथा

भारत के पहले वेब ऑब्जरवेटरी का बेंगलुरु में उद्घाटन

अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, बैंगलोर (आईआईआईटी-बी) में भारत के प्रथम वेब ऑब्जरवेटरी का शुभारंभ किया गया।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Web Observatory

वेब ऑब्जरवेटरी का उद्घाटन प्रो. सदागोपन एवं प्रो. डेम वेंडी हॉल ने आईआईआईटी-बी तथा ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा आयोजित ब्रिटेन एवं भारतीय वैज्ञानिकों के कार्यक्रम वेब साइंस की कार्यशाला में किया। वेब ऑब्जरवेटरी एक वैश्विक, वितरित विश्लेषण साधन उपलब्ध कराता है जो न केवल विभिन्न आकारों के डेटासेट तक पहुंच प्रदान करता है बल्कि वेब के विश्लेषण में भी सहायक होता है।

वेब ऑब्जरवेटरी की स्थापना वेब साइंस, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन तथा अन्य वैश्विक वेब साइंस प्रयोगशालाओं की संयुक्त सहभागिता में की गई। वेब ऑब्जरवेटरी की योजना में एक विश्व-व्यापी ग्रिड शामिल है जो वेब साइंस शोध के लिए प्रासंगिक डेटासेट प्रस्तुत करेगा।

आईआईआईटी-बी भारत में ऐसे पहले ग्रिड का नोड उपलब्ध कराएगा और यह संस्थान में वेब साइंस लैब द्वारा प्रबंधित होगा। उद्घाटन के अवसर पर आईआईआईटी-बी के निदेशक प्रो. सदागोपन ने वेब साइंस शोध के बढ़ते महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि चाहे व्यवसाय हो, सरकार हो या हमारा निजी जीवन हो, वेब हमारे जीवन को समग्र रूप से प्रभावित करता है। वेब साइंस एक नया विषय है जिसका लक्ष्य वेब को उसके सभी आयामों के साथ समझना है। भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए वेब एक अति आवश्यक परिवर्तनकारी तत्व के रूप में काम कर सकता है और व्यक्तिगत आजादी के साथ-साथ सामूहिक हित को सशक्त बना सकता है। इसे सक्षम करने के लिए हमें बेव की एक समग्र समझ चाहिए होती है।

उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के वेब साइंस इस्टीट्यूट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रो. डेम वेंडी हॉल ने कहा:

भारत के आईआईआईटी-बैंगलोर में वेब ऑब्जरवेटरी के उद्घाटन को लेकर मैं सचमुच रोमांचित हूं। वेब ने हमारे जीवन को बेहद प्रभवित किया है और यह इतना महत्वपूर्ण है कि हम समझते हैं कि यह होता कैसे है ताकि हम यह अनुमान लगा सकें कि भविष्य में क्या होने वाला है। प्रमाण आधारित नीति निर्माण और भविष्य की व्यवसाय-विदग्धता के लिए आंकड़े उपलब्ध कराने और आंकड़ों के विश्लेषण में वेब ऑब्जरवेटरी की भूमिका महत्वपूर्ण है।

महत्वपूर्ण है कि यह एक वैश्विक प्रयास है और संपूर्ण भारत में वेब ऑब्जरवेटरी के नेटवर्क के विकास के प्रथम चरण के रूप में आईआईआईटी-बंगलोर में वेब ऑब्जरवेटरी का विकास देखना कमाल की बात है। इसी तरह के वेब ऑब्जरवेटरी यूरोप, द.पू. एशिया और अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भी मौजूद हैं।

आगे की जानकारी:

अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, बैंगलोर एक डीम्ड विश्वविद्यालय है जिसका लोकप्रिय नाम आईआईआईटी-बी है और इसकी स्थापना 1999 में शिक्षा, शोध, उद्यमिता और नवप्रवर्तन पर बल देकर आईटी जगत में योगदान करने के उद्देश्य से की गई थी। यह संस्थान पंजीकृत गैर-लाभकारी सोसाइटी के रूप में है जिसकी स्थापना कर्नाटक सरकार तथा आई उद्योग ने मिलकर की है।

अपनी स्थापना के समय से ही शिक्षा, शोध और उद्योग जगत के साथ अंतर्क्रिया के अनोखे मॉडल के साथ आईआईआईटी-बी शिक्षा और कॉरपोरेट जगत में एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में जाना जाता है। शिक्षण संस्थान के रूप में अपनी आजादी कायम रखते हुए यह संस्थान कॉरपोरेट जगत की सहभागिता के साथ काम करता है।

वेब साइंस ट्रस्ट (डब्ल्यूएसटी) एक धर्मार्थ (चैरिटेबल) निकाय है जिसका लक्ष्य है डब्ल्यूएसटीनेट के नाम से ज्ञात विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के जरिए वेब साइंस का विश्व स्तर पर विकास करना। इसकी स्थापना यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन द्वारा की गई। वेब साइंस ट्रस्ट के बीज वेब साइंस रिसर्च इनिशिएटिव (डब्ल्यूएसआरआई) में देखे जा सकते हैं जिसकी स्थापना 2006 में हुई और अब 2015 में इसने 16 विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय शोध समूहों तथा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण एवं शोध कार्यक्रमों को एकजुट किया है।

वेब ऑब्जर्वेटरी वेब विश्लेषण में सरकारों, व्यवसाय जगत और व्यक्तियों के सशक्तिकरण के जरिए आर्थिक और सामाजिक समृद्धि की दिशा में प्रगति करने हेतु आंकड़ों के विश्लेषण का एक वैश्विक, वितरित स्रोत है। वेब साइंस ट्रस्ट द्वारा प्रायोजित एक वैश्विक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में इस संस्था का सेक्रेटैरियट यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन है जो ब्राजील, चीन, कोरिया, यूरोप और अमेरिका तथा डब्ल्यू3सी और वेब फाउंडेशन के साथ मौजूदा साझेदारी सहित वेब साइंस ट्रस्ट (डब्ल्यूएसटीनेट) से संबद्ध 15 विश्वविद्यालय प्रयोगशालाओं के वेब साइंस शोध संसाधनों का लाभ उठा सकता है।

स्टुअर्ट ऐडम, निदेशक,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

Mail to: मंजूनाथ कोटा श्रीपति

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प्रकाशित 17 February 2015